श्री पाल ने कहा कि डिफेंस में आरएंडडी (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) की जरूरत है. साथ ही क्वालिटी की गारंटी होनी चाहिए. इस मौके पर सीआइआइ जमशेदपुर जोनल काउंसिल के अध्यक्ष (समर्थ इंजीनियरिंग लिमिटेड के एमडी किलोल कमानी) ने उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया.
उदघाटन सत्र के दौरान विशेष भाषण टाटा स्टील के चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर अमिताभ बख्शी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सीआइआइ एमएसएमइ पैनल के संयोजक डिफेंस में दस मिलियन डॉलर के निवेश की जरूरत श्री पाल ने बताया कि सेना के तीनों विंग में मोटर, बल्ब, इलेक्ट्रिकल केबुल समेत हर तरह के उपकरणों की जरूरत होती है. छोटे-छोटे सामानों की सप्लाइ कर बेहतर बाजार तैयार किया जा सकता है. इसके लिए तैयार डीपीपी (डिफेंस प्रोक्योरमेंट पॉलिसी) के तहत खरीदारी के प्रावधान में काफी सहूलियत दी गयी है. इसमें 100 फीसदी खर्च करना नहीं होगा. 90 फीसदी इंसेंटिव दिया जा सकता है. सिर्फ 10 फीसदी राशि ही उद्यमियों को लगाना है. अगर उत्पाद की बिक्री या खरीदारी नहीं हो पायी तो राशि वापस मिल जायेगी. इसलिए इसमें ज्यादा रिस्क नहीं है.