गोपालगंज : गंडक की बाढ़ से घिरे लोगों की हालत बिगड़ने लगी है. 60 हजार की आबादी नदी के पानी से घिरी हुई है. गांव में खाने – पीने के लाले पड़े हैं. पशुओं के चारे का संकट उत्पन्न हो गया है. गंडक नदी में लगातार जल स्तर बढ़ने से तटबंधों पर भी लगातार दबाव बना हुआ है.
हालांकि पतहरा तटबंध पर बाढ़ एक्सपर्ट अधीक्षण अभियंता मुरलीधर सिंह, श्याम प्रसाद, कार्यपालक अभियंता शरत कुमार की टीम कैंप कर रही है. उधर कुचायकोट प्रखंड के काला मटिहिनिया, विशंभरपुर, खेम मटिहिनिया, खरगौली, सलेहपुर, सिपाया खास, टाड़पर, धुपसागर, धर्मपुर, निरंजना, भैंसही, बरइपटी जैसे दर्जन भर गांवों में पानी से घिरे लोगों के सामने खाने-पीने के सामान का संकट होने लगा है. किसानों की फसल बाढ़ में डूब गयी है. हजारों एकड़ में लगाये गये गन्ना और धान की फसल डूबने से किसानों हताश व परेशान हैं. गंडक का पानी गांव में अभी लोगों के घर में प्रवेश नहीं किया है, लेकिन चारों तरफ से गांव घिरे होने से आने-जाने के रास्ते पिछले चार दिनों से बंद हैं. लोग नाव से बड़ी मुश्किल से एक जगह से दूसरी जगह आ-जा रहे हैं.
कटघरवा में नहीं थमा कटाव
खाप मकसुदपुर में गंडक नदी का कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. नदी तेजी से गांव की तरफ बढ़ रही है. लोग गांव को खाली करने में लगे हुए हैं. नदी की धारा इतनी तेज है कि पिछले दो दिनों में डेढ़ सौ एकड़ से अधिक जमीन काटते हुए गांव तक पहुंच चुकी है.
प्राथमिक विद्यालय के भवन पर भी कटाव तेज है. ग्रामीणों की मानें, तो इसी तरह कटाव जारी रहा, तो अगले 24 घंटे में प्राथमिक विद्यालय का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. उधर, बैकुंठपुर के गम्हारी, फैजुल्लाहपुर पंचायत में आधा दर्जन गांवों में सबसे अधिक तबाही देखी जा रही है.