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कंपाउंडर ने की रेप की कोिशश!

जेएलएनएमसीएच. ओटी में कंपाउंडर से गमछा मांगने गयी थी महिला मायागंज अस्पताल में महिला से छेड़खानी व दुष्कर्म आदि की घटना होती जा रही है आम भागलपुर : मायागंज अस्पताल में गुरुवार को फिर एक बार कंपाउंडर ने मरीज की परिजन महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया. एक वर्ष पहले भी अस्पताल परिसर में […]

जेएलएनएमसीएच. ओटी में कंपाउंडर से गमछा मांगने गयी थी महिला

मायागंज अस्पताल में महिला से छेड़खानी व दुष्कर्म आदि की घटना होती जा रही है आम
भागलपुर : मायागंज अस्पताल में गुरुवार को फिर एक बार कंपाउंडर ने मरीज की परिजन महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया. एक वर्ष पहले भी अस्पताल परिसर में अपने बच्चे का इलाज करा रही फतेहपुर की महिला के साथ दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया था. इसमें भी अस्पतालकर्मी की संलिप्तता पायी गयी थी, जिन्हें अस्पताल प्रबंधन की ओर से डिस्चार्ज कर दिया गया था.
रंगरा की पीड़िता ने बताया कि पति बिजली पोल से गिरकर घायल हो गया था जिसमें पैर टूट गया था. वह अपने पति का इलाज एक माह से हड्डी विभाग में करा रही थी. पति को दोपहर में हड्डी विभाग के ऑपरेशन थियेटर लाया गया. इसके बाद लौटकर अपने वार्ड पहुंची, तो गमछा ऑपरेशन थियेटर में छूट गया. यहीं के कंपाउंडर श्रवण साह से जब पीड़िता ने गमछा मांगा, तो पहले उसने टाल-मटोल किया. लेकिन जैसे ही गमछा के लिए महिला कमरे में गयी, तो श्रवण ने अंदर आकर दरवाजा की कुंडी लगा दी. श्रवण की नीयत भांपते ही महिला ने उससे हाथापाई शुरू कर दी और चिल्लाने लगी. तब तक श्रवण साह दरवाजा खोल कर भाग चुका था.
मायागंज अस्पताल के हड्डी विभाग अंतर्गत ऑपरेशन थियेटर के बगल कमरे की घटना
खानापूर्ति के लिए हैं सुरक्षा गार्ड
मायागंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कहने के लिए 80 सुरक्षा गार्ड लगाये गये हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 14 विभागों रेडियोलॉजी, आइसीयू, स्त्री व प्रसव विभाग, शिशु विभाग आदि में अलग-अलग सुरक्षा गार्ड लगाये गये हैं. इसके अलावा इमरजेंसी अधीक्षक कार्यालय, टिटनेस वार्ड, आकस्मिक सेवा वार्ड, अस्पताल मुख्य द्वार, आॅपरेशन थियेटर, रजिस्ट्रेशन काउंटर आदि में एक-एक गार्ड एवं जीएनएम हाॅस्टल में तीन गार्ड लगाये गये हैं. लोगों को देखने के लिए ये गार्ड ड्यूटी पर हैं, लेकिन मरीजों की सहायता में इनकी कोई भूमिका नहीं दिखती है. केवल मरीज के परिजन व डॉक्टर की लड़ाई अपनी सक्रियता दिखाते और परिजनों के साथ मारपीट करते हैं. कौन-कब और क्यों अस्पताल में प्रवेश कर रहा है, इसके प्रति कोई ध्यान नहीं रहता.
पास सिस्टम हुआ फेल
यहां पर पास सिस्टम की घोषणा हुई है, जो कहीं भी नहीं दिखती है. कोई भी जब मन हुआ चला जाता है और अस्पताल से निकल जाता है. ऐसे में बच्चा चोरी होने से लेकर दुष्कर्म की घटना होना लाजिमी है.अभी तक विधिवत जानकारी नहीं मिली है. पीड़िता ने भी शिकायत नहीं की है. इसके बाद भी शुक्रवार को अस्पताल में पता लगाउंगा कि आरोपी कार्यरत है या नहीं. इससे पहले भी एक आरोपी को डिस्चार्ज कर चुके हैं. यदि यहां एेसा हुआ है, तो आराेपित कर्मी पर सख्त कार्रवाई करेंगे.
डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच

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