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कमजोर तबकों को गुजरात में कुचला जा रहा है: राहुल गांधी

राजकोट (गुजरात) : दलितों की पिटाई की घटना को लेकर भाजपा और आरएसएस पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने आज कहा, ‘‘ गुजरात, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक आदर्श के तौर पर पेश करते हैं, यहां कमजोर तबकों को कुचला जा रहा है.” अपने एक दिवसीय दौरे पर यहां आए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने उन […]

राजकोट (गुजरात) : दलितों की पिटाई की घटना को लेकर भाजपा और आरएसएस पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने आज कहा, ‘‘ गुजरात, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक आदर्श के तौर पर पेश करते हैं, यहां कमजोर तबकों को कुचला जा रहा है.” अपने एक दिवसीय दौरे पर यहां आए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने उन टैनरी कर्मचारियों के परिजनों से भी मुलाकात की जिन्हें एक मृत गाय की खाल उतारने के लिए स्वयंभू निगरानीकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर बेरहमी से पीटा गया. गांधी ने उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया.

राहुल ने राजकोट में उस अस्पताल का भी दौरा किया जहां इस घटना के पीडित भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात में समाज के कमजोर तबकों को आतंकित किया जा रहा है और कुचला जा रहा है. उन्होंने न केवल इस राज्य में, बल्कि पूरे देश में ‘आरएसएस की विचारधारा’ को असफल करने का संकल्प लिया. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि जिन पीडितों से वह मिले, उनके मां-बाप ने उन्हें बताया कि उनके बच्चों को 11 जुलाई को 40 लोगों द्वारा पीटा गया.
पीडितों से मिलने के बाद राजकोट हवाईअड्डे पर उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ मां-बाप ने कहा कि उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है. मोदी जी के गुजरात में हमें पीटा जा रहा है, आतंकित किया जा रहा है और हर रोज कुचला जा रहा है.” राहुल ने कहा, ‘‘ मोदी जी गुजरात माडल के बारे में बात करते हैं, लेकिन यहां जो कोई भी उनकी विचारधारा के खिलाफ अपनी आवाज उठाता है, जो कोई भी शिक्षा की मांग करता है, जो कोई भी बडे उद्योग घरानों के खिलाफ खडा होता है, उसे कुचल दिया जाता है.”
राहुल ने कहा, ‘‘ यह कैसी लडाई है? यह दो विचारधाराओं की लडाई है. एक तरफ (महात्मा) गांधी जी, सरदार पटेल, नेहरु जी, बाबासाहेब अंबेडकर हैं और दूसरी ओर आरएसएस, गोलवलकर (पूर्व आरएसएस प्रमुख) और नरेन्द्र मोदी जी हैं.” ‘‘ मैंने इन पीडितों को बताया कि हम न केवल गुजरात में, बल्कि पूरे देश में इस विचारधारा को विफल करेंगे.” रोहित वेमुला आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए राहुल ने हैदराबाद कैंपस की घटना को गुजरात में दलितों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान युवाओं द्वारा आत्महत्या के प्रयास से जोडा.
उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ समय पहले, मैं हैदराबाद गया था. वहां उस युवक ने खुदकुशी की थी. दिल्ली में सरकार ने अपने अधिकारों की मांग कर रहे उसी परिवार पर हमला किया. आज मैं यहां उस अस्पताल में गया जहां इस राज्य के विभिन्न इलाकों के 11 लोग जिन्होंने खुदकुशी करने की कोशिश की थी, भर्ती हैं. इसका क्या मतलब है. इसका मतलब है कि पूरे गुजरात में कमजोर लोगों का दमन किया जा रहा है, भले ही वे किसी भी जाति के हों .” इससे पहले, पीडितों के परिजनों ने कहा कि राहुल गांधी इस तरह की घटनाओं को लेकर ‘शर्मिंदा’ हैं. राजकोट के सरकारी अस्पताल में राहुल ने दलितों की पिटाई के मुद्दे को लेकर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन के दौरान खुदकुशी का प्रयास करने वाले लोगों से मुलाकात की.
इससे पूर्व उना कस्बे के निकट मोटा समाधियाला गांव के दौरे में राहुल ने पीडितों के परिवार से कहा था कि वह इस घटना को लेकर शर्मिंदा हैं. उन्होंने पीडितों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया. कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा और गुरदास कामत के साथ यहां आए राहुल ने पीडितों के परिजनों के साथ चाय भी पी. उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई को गिर-सोमनाथ जिले के उना कस्बे के निकट इस सुदूर गांव में कथित रुप से मृत गाय की खाल उतारने पर दलित युवकों की बेरहमी से पिटाई कर दी गई थी.
पीडितों के रिश्तेदार जीतू सरवइया ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ उन्होंने हमारी बातें धैर्यपूर्वक सुनीं और हमें हर तरह की मदद का आश्वासन दिया जिससे हमें न्याय मिल सके.” उसने कहा, ‘‘ राहुल जी ने शर्मिंदगी जताई कि इस देश में इस तरह की घटनाएं अब भी हो रही हैं और उन्होंने किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए अपना व्यक्तिगत नंबर दिया.” कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र शासित दीव के पास विमान से उतरने के बाद बालूभाई सरवइया और उनके परिजनों से मिले. बालूभाई सहित उनके परिवार के सात सदस्यों की पिटाई की गई थी.
भावनगर जिले में एक कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढाई कर रहे जीतू ने कहा, ‘‘ उन्होंने हमसे मुद्दों और हमारे गांव में किए जा रहे भेदभाव के बारे में सवाल पूछे. हमने उन्हें बताया कि यहां छुआछूत की प्रथा अब भी मौजूद है क्योंकि हमें दूसरों से दूर रखा जाता है.” ‘‘ हमने उनसे मांग की कि इस घटना में शामिल लोगों को कठोर सजा मिलनी चाहिए और आजीवन जेल में डाला जाना चाहिए अन्यथा वे फिर से यह कृत्य किसी और के साथ करेंगे .” पीडितों का आरोप है कि जब गउ कार्यकर्ता मेरे भाइयों को पीट रहे थे तो पुलिस ने हमारी मदद के लिए आने से मना कर दिया.
उसने कहा, ‘‘मृत गायों की खाल उतारने के लिए बेरहमी से पिटाई किए जाने के बाद हमारे परिवार ने चमडे का धंधा छोडने का निर्णय किया है.. हम श्रमिकों की तरह काम करेंगे, लेकिन इस पारंपरिक पेशे में नहीं आएंगे.” जीतू ने कहा, ‘‘ हमने अपने परिवार की माली हालत का जिक्र करते हुए अपने बच्चों की शिक्षा के लिए उनसे वित्तीय मदद भी मांगी ताकि भविष्य में हमारे बच्चे अपने पैरों पर खडे हो सकें.” गुजरात कांग्रेस के विधायक शैलेश परमार ने बाद में कहा कि राहुल पीडितों के परिवार को मदद के तौर पर 5 लाख रपये देंगे. दलितों पर हमले के संबंध में अभी तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.

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