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बाढ़ का खतरा पर जिलों को अब तक नहीं मिले सेटेलाइट फोन
मुख्यालय से जिले तक बंटने थे 85, बंटे अब तक सिर्फ 63 पटना : राज्य के एक दर्जन जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इन जिलों के नदियों में पानी इस तरह बढ़ रहा है कि किसी भी वक्त बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. बाढ़ समेत अन्य आपदा में […]
मुख्यालय से जिले तक बंटने थे 85, बंटे अब तक सिर्फ 63
पटना : राज्य के एक दर्जन जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इन जिलों के नदियों में पानी इस तरह बढ़ रहा है कि किसी भी वक्त बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. बाढ़ समेत अन्य आपदा में सबसे बड़ी बाधा सूचना माध्यम का ध्वस्त हो जाना होता है. ऐसे में कहां मदद चाहिए या कहां के लोग किस समस्या का सामना कर रहे हैं, इसकी सूचना ही नहीं मिल सकेगी.
ऐसे में जिलों के पास सेटेलाइट फोन ही एक मात्र साधन होता है जिससे राहत और बचाव की मॉनीटरिंग की जा सकती है. इस फोन के लिए टावर की आवश्यकता नहीं पड़ती है, लेकिन बाढ़ के इस समय में भी यह उपलब्ध नहीं हो सका है, यह समस्या तब बनी है जब खुद मुख्यमंत्री बाढ़ से बचाव और राहत के लिए लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि आपदा के दौरान संचार से जुड़े रहने और अधिकारियों के बीच समन्वय के लिए राज्य सरकार ने 85 सेटेलाइट फोन से अधिकारियों को लैस करने की योजना बनी थी. इसके लिए बीएसएनएल को डेढ़ करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया. इसके बावजूद अब तक सिर्फ 21 जिलों और मुख्यालय के नौ अधिकारियों को 63 सेटेलाइट फोन मिल सका है. आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ के समय सेटेलाइट फोन नहीं मिली तो सबकुछ उपलब्ध होने के बावजूद सरकार या आपदा से बचाने वाले आपदाग्रस्त लोगों की समस्या को दूर नहीं कर सकेंगे.
आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव, राज्य के इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कमांडेंट और सभी 38 जिलों के डीएम और एसपी तथा सभी प्रमंडलीय आयुक्त को सेटेलाइट फोन से लैस करने का निर्णय लिया गया था.
अब तक बाढ़ और अन्य आपदा से त्रस्त 15 जिलों के डीएम और एसपी को यह सुविधा नहीं मिल सकी है. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि अब तक सिर्फ 63 सेटेलाइट फोन ही उपलब्ध हो सका है. अन्य 22 सेटेलाइट फोन इस साल देने से इनकार कर दिया है. बीएसएनएल के अधिकारी ने कहा है कि आपदा प्रबंधन विभाग को इस मद में हुए भुगतान की राशि को वापस कर दिया जायेगा.
सेटेलाइट जहां उपलब्ध कराया गया है उसमें शामिल हैं मुख्यमंत्री निवास, आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री, डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर व जिन जिलों को अब तक सेटेलाइट फोन मिला है उसमें अरवल, औरंगाबाद, मुंगेर, शेखपुरा, मधेपुरा, सहरसा, कैमूर, जमुई, पश्चिम चंपारण, शिवहर, भोजपुर, बांका, भागलपुर, सारण, नवादा, जहानाबाद, गया, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, पू चंपारण, लखीसराय, नालंदा, खगड़िया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और रोहतास शामिल है.
15 जिलों को नहीं िमला सेटेलाइट फोन
विभागीय अधिकारी ने बताया कि अति बाढ़ प्रवण जिला समस्तीपुर, बेगूसराय, वैशाली समेत अन्य 15 जिलों को अब तक सेटेलाइट फोन नहीं मिला है. जहां बाढ़ की समस्या और अन्य आपदा की समस्या बनी रहती है. उसमें गोपालगंज, शेखपुरा, पटना, बक्सर, बांका, सीवान आदि शामिल हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिलों को भेजे गये कई सेटेेलाइट फोन खराब है.
साथ ही 25 सेटेलाइट फोन किसे दिया गया है इसकी जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग ने बीएसएनएल से मांगा गया है. अधिकारी ने बताया कि सूचना अब तक नहीं मिली है. प्रधान सचिव विभागीय मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि सभी जिलों को आपदा से निबटने के लिए सेटेलाइट फोन की आवश्यकता है, लेकिन बीएसएनएल ने सेटेलाइट फोन देने से इनकार कर दिया है. उनका प्रयास होगा कि जिलों को सेटेलाइट फोन उपलब्ध हो.
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