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43 साल में भी नया इलाका विकसित नहीं कर सका रियाडा

रांची: रांची औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (रियाडा) का अॉपरेशन क्षेत्र नौ जिलों में फैला है. जहां 17 औद्योगिक पार्क हैं. पर यह 1973 से ही है. संयुक्त बिहार में ही रियाडा की स्थापना की गयी थी. तब से लेकर अब तक रियाडा द्वारा नये औद्योगिक क्षेत्र का विकास नहीं किया जा सका है. पुराने क्षेत्र […]

रांची: रांची औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (रियाडा) का अॉपरेशन क्षेत्र नौ जिलों में फैला है. जहां 17 औद्योगिक पार्क हैं. पर यह 1973 से ही है. संयुक्त बिहार में ही रियाडा की स्थापना की गयी थी. तब से लेकर अब तक रियाडा द्वारा नये औद्योगिक क्षेत्र का विकास नहीं किया जा सका है. पुराने क्षेत्र में अभी भी कई प्लॉट खाली हैं. जिनके लिए आवेदन मंगाये जा रहे हैं. आवेदन के अनुरूप प्लॉट का आवंटन भी किया जा रहा है.

रियाडा के अधीन नौ जिले हैं. जहां 17 औद्योगिक पार्क हैं. साथ ही पांच माइक्रो इंडस्ट्रियल पार्क हैं. साथ ही रांची के मेन रोड में एक रियाडा भवन है. जहां कई दुकान व कार्यालय संचालित हैं. इसके अधीन अभी 1524.170 एकड़ जमीन है. जहां 780 उद्योगों को प्लॉट का आवंटन किया गया है. झारखंड अलग हुए 16 वर्ष हो गये हैं, लेकिन अब तक रियाडा द्वारा नये औद्योगिक क्षेत्र की पहचान कर इसका निर्माण नहीं किया जा सका है.

रियाडा अभी तक संयुक्त बिहार में अधिग्रहित जमीन पर ही औद्योगिक क्षेत्र को बसा रहा है. जबकि लंबे अर्से से नये औद्योगिक क्षेत्र की मांग की जा रही है. मेन रोड में रियाडा बिल्डिंग की हालत जर्जर है. पूर्व में ही इस भवन को कंडम घोषित किया जा चुका है. पर अभी यहां दुकानें व कार्यालय हैं. रियाडा अपने कार्यालय को स्थानांतरित कर नामकुम में बनाये गये रियाडा भवन में स्थानांतरित कर चुका है. अभी रियाडा मेन रोड स्थित भवनों से किराया वसूलता है. रियाडा के तुपुदाना में जिन्फ्रा के सहयोग एक सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल का निर्माण किया जाना था. जो नहीं हो सका है. बार-बार तकनीकी प्रक्रियाओं के पेच में यह अस्पताल फंस जाता है.
क्या है काम
रियाडा की स्थापना वर्ष 1973 में संयुक्त बिहार में की गयी थी. यह अॉटोनोमस बॉडी है, लेकिन इसके उद्योग विभाग के अधीन काम करना पड़ता है. यहां एमडी व अध्यक्ष की नियुक्ति राज्य सरकार की सहमति से उद्योग विभाग द्वारा की जाती है. स्थापन से लेकर बजट आवंटन तक उद्योग विभाग द्वारा होता है. इसका मूल काम उद्योगों के लिए प्लॉट व शेड उपलब्ध कराना. साथ ही उद्योगों के लिए औद्योगिक वातावरण का निर्माण करना, ताकि उद्योगों का विकास हो सके. औद्योगिक क्षेत्र में तमाम प्रकार की आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना रियाडा का काम है. समय समय पर नये औद्योगिक एरिया बसाना भी रियाडा का काम है.
आधे से अधिक पद रिक्त : रियाडा में कुल 86 पद स्वीकृत हैं. पर यहां कार्यरत केवल 35 लोग हैं. जबकि 51 पद रिक्त हैं. इनके वेतन पर रियाडा में प्रत्येक वर्ष 1.52 करोड़ रुपये का खर्च आता है.
रियाडा के क्षेत्र के कुछ प्रमुख उद्योग
शेक जॉनसन एंड निकोलसन लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, झारखंड गवर्नमेंट मिनी टूल रूम, अखबारों का प्रिटिंग प्रेस, मेगा फूड पार्क,बर्नपुर सीमेंट, ओम प्रकाश जिंदल इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलॉजी एंड स्कील्स, हिंदुस्तान पेट्रोलियम.
सालाना छह से सात करोड़ आय
रियाडा को सालाना किराये व अन्य मद में छह से सात करोड़ की आय होती है. इसकी तुलना में खर्च भी छह करोड़ के करीब है. रियाडा सालभर में औसतन 50 से 60 लाख रुपये की बचत कर पाता है. रियाडा की आय का मुख्य स्त्रोत प्लॉट से प्राप्त लैंड रेंट, शॉप रेंट, मेंटनेंस चार्ज से है. नये प्लॉट के आवंटन से भी रियाडा को बड़ी रकम की प्राप्ति होती है.
प्रोजेक्ट क्लीयरेंस कमेटी से होता है प्लॉट का आवंटन
रियाडा में प्लॉट लेने के लिए उद्योगों के बाबत विस्तृत जानकारी देते हुए आवेदन देना पड़ता है. आवेदनों पर विचार के लिए एक प्रोजेक्ट क्लीयरेंस कमेटी बनी हुई है. इस कमेटी में रियाडा, एसबीआइ, बीएसएफसी, बैंक, एचइसी, सीसीएल, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद व रियाडा के अधीन आनेवाले औद्योगिक संगठन के लोग हैं. आवेदनों पर विचार के लिए प्रत्येक माह कमेटी की बैठक होती है. प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर कमेटी भूमि आवंटन की अनुशंसा करती है.
15 नवंबर 2000 से रियाडा में अबतक के अध्यक्ष
जयसिंह यादव : 27.2.1991 से 23.1.2001
निर्भय कुमार सिंह : 26.6.2001 से 21.4.2005
डॉ सूर्यमणि सिंह : 22.8.2005 से 13.3.2007
संतोष सत्पथी : 17.7.2007 से 27.11.2007
इसके बाद से उद्योग सचिव को ही रियाडा के अध्यक्ष पद पर नामित किया जाता रहा है.

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