लखनऊ : अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार हाशिम अंसारी का बीती रात निधन हो गया है. उन्होंने फैजाबाद में 96 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. हाशिम अंसारी लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिसके बाद मंगलवार देर रात उनका निधन हो गया. आपको बता दें कि 1949 से लेकर करीब 60 सालों से वो बाबरी मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष की पैरवी करते नजर आ रहे थे. इस मामले को लेकर उन्होंने कई बार कोर्ट से बाहर जाकर भी हिन्दू धर्मगुरूओं से मिल मामले को सुलझाने का कई बार प्रयास किया हालांकि इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली.
हाशिम अकसर अपने बयानों के कारण भी चर्चा में बने रहे. कई बार तो वे पीएम मोदी की तारीफ करते नजर आए तो कभी उन्होंने मोदी की जमकर आलोचना. उन्होंने कई बार प्रदेश की सपा सरकार को भी आड़े हाथ लेते हुए फटकार लगाई. अच्छे कामों के लिए उन्होंने कई बार सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तारीफ की लेकिन कई मौकों पर उन्होंने उनकी आलोचना भी की.
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी करते हुए एक वक्त ऐसा भी आया जब हाशिम ने मामले से दूरी बना ली और पैरवी करने से इनकार कर दिया था. यह साल था 2014. अंसारी बाबरी मस्जिद मुद्दे के राजनीतिकरण से इतने नाराज हुए थे कि उन्होंने बाबरी मस्जिद के मुकदमे की पैरवी नहीं करने का प्रण ले लिया था.
विवादित जमीन के मालिकाना हक के मुकदमे में सबसे पुराने वादियों में एक हाशिम अंसारी ने ये कहा था कि वो अब रामलला की आजाद को देखना पसंद करते हैं. उनका मानना था कि चाहे हिंदू नेता हों या मुस्लिम सब अपनी अपनी राजनीतिक लाभ मामले को लेकर साधना चाहते हैं और मैं कोर्ट के चक्कर लगा रहा हूं. हालांकि इसके तुरंत बाद अपने बयान पर उन्होंने यू-टर्न ले लिया था और सफाई दी थी कि उन्होंने पैरवी से हटने संबंधी जो बयान दिया, वह मामले की धीमी सुनवाई को लेकर काफी आहत हैं. उन्होंने कहा था कि वह मामले का जल्द से जल्द निपटारा चाहते हैं, इसलिए सुनवाई त्वरित अदालत में हो.
हाशिम के निधन के बाद अब अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी उनके पुत्र करेंगे. यह बात खुद हाशिम ने पहले ही बता दी है.