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तीनों लोकों में गुरु से बढ़ कर कोई नहीं

गुरु महोत्सव. महर्षि मेंहीं आश्रम में चतुरानंद जी महाराज ने भक्तों को बतायी गुरु की महिमा मंगलवार को गुरुपूर्णिमा के अवसर पर प्रखंड के आधे दर्जन धार्मिक स्थानों पर गुरुमहोत्सव धूमधाम से मनाया गया. मणियारपुर स्थित महर्षि मेंही आश्रम में बिहार झारखंड सहित पूरे देश से संतमत के अनुयायियों ने आश्रम पहुंचकर गुरुदेव को सादर […]

गुरु महोत्सव. महर्षि मेंहीं आश्रम में चतुरानंद जी महाराज ने भक्तों को बतायी गुरु की महिमा

मंगलवार को गुरुपूर्णिमा के अवसर पर प्रखंड के आधे दर्जन धार्मिक स्थानों पर गुरुमहोत्सव धूमधाम से मनाया गया. मणियारपुर स्थित महर्षि मेंही आश्रम में बिहार झारखंड सहित पूरे देश से संतमत के अनुयायियों ने आश्रम पहुंचकर गुरुदेव को सादर नमन किया.
बौंसी : मणियारपुर स्थित महर्षि मेंही आश्रम में प्रात: स्तुति विनती पाठ के बाद मंगलआरती की गई. वहीं गुरु महाराज महर्षि मेंही परमहंस जी एवं संत परमहंस शाही स्वामी जी महाराज के चित्र पर पुष्पांजलि का कार्यक्रम हुआ. सुबह की सभा में आये गुरुभक्तों को संबोधित करते हुए आश्रम के वर्तमान आचार्य चतुरानंद जी महाराज ने कहा कि गुरु की पूजा में सभी देवों की पूजा हो जाती है. तीनों लोकों में गुरु से बढ़ कर कोई नहीं.
आज का दिन गुरु के प्रति शिष्यों द्वारा कृतज्ञता ज्ञापन करने का दिन है. क्योंकि गुरु का उपकार परमात्मा से भी ज्यादा है. उन्होंने सात गुरुओं में सर्वश्रेष्ठ गुरु उन्हें बताया है जो आत्मज्ञान देते हैं और भवसागर से पार लगाते हैं. इस अवसर पर आश्रम प्रेमानंद जी महाराज, स्वामी भगतानंद जी, स्वामी धैर्यानंद जी, माधवानंद जी, दयानंद जी, अनुभवानंद जी, देवधारी बाबा, ज्ञानी बाबा सहित काफी संख्या में संतमत के अनुयायी मौजूद थे.
आश्रम को आकर्षक ढंग से फूलों से श्रद्धालुओं ने सजाया था. वहीं गुरुधाम में सुबह से ही गुरुभक्तों का तांता लगा रहा.मंदिर प्रांगण में ही आश्रम के वर्तमान आचार्य श्री प्रभात कुमार सान्याल एवं आचार्य श्री अमरनाथ तिवारी जी ने गुरुभक्तों को परमगुरुदेव के उपदेशों को सुनाया. बाद में आश्रम में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया. वहीं महात्मा भोली बाबा आश्रम में महात्मा भोली बाबा के अनुयायी दूर – दूर से पहुंचे और संकीर्तन कर महात्मा भोली बाबा को याद किया. इस अवसर पर सुधीर पांडेय सहित काफी लोग मौजूद थे. मंदार में भी सफाधर्म मंदिर में गुरुपूर्णिमा धूमधाम से बाबा दु:खन पंडित के सानिध्य में मनाया गया.
महर्षि वेद व्यास की जयंती मनायी गयी
अमरपुर 3 शहर के संगीता सरस्वती शिशु मंदिर में मंगलवार को गुरुपूर्णिमा के मौके पर महर्षि वेद व्यास जी की जयंती मनायी गयी. कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक एवं भाई बहनों ने अपने अंदर छिपी बुराइयों को त्याग कर अच्छे गुण अपनाने का संकल्प लिया. मौके पर विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने महर्षि वेद व्यास के तसवीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया.
गुरु पूर्णिमा पर हुआ सत्संग-भजन
कटोरिया. कटोरिया बाजार के सूइया रोड स्थित संतमत सत्संग आश्रम परिसर में मंगलवार को गुरु पूर्णिमा के मौके पर सत्संग-भजन कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान उपस्थित महिला-पुरूष सत्संगप्रेमियों द्वारा महर्षि मेंही परमहंसजी महाराज की तसवीर पर माल्यार्पण करने के बाद उनकी स्तुति, भजन, प्रवचन, ध्यान व आरती की गयी. श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण भी हुआ. इस मौके पर त्रिभुवन पोद्यार, श्यामनारायण गुप्ता, प्रमोद चौधरी, अगम वर्णवाल, दीनदयाल वर्णवाल, कमलेश्वरी गांधी, बालकृष्ण वर्णवाल, राजेंद्र भगत, आशा चौधरी, धनमंती देवी आदि मौजूद थीं.
बांका : गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बांका सहित जिले भर में विविध आयोजन किए गए. इन आयोजनों में गुरु शिष्य परंपरा को स्मरण करते हुए गुरु पूजन किया गया. जगह जगह संगोष्ठी एवं भजन कीर्तन के भी आयोजन किए गए. भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग समिति की ओर से बांका शहर में गुरुपूर्णिमा पर अनेक आयोजन किए गए. बाबा भयहरण स्थान स्थित वासंती दुर्गा मंदिर प्रांगण में इस अवसर पर गुरु पूजन का आयोजन किया गया.
योगाभ्यास के बाद गुरु पूजन उत्सव में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. समिति की ओर से मां तारा मंदिर परिसर बाबू टोला, केंद्रीय विद्यालय एवं सरस्वती शिशु मंदिर रानीकित्ता, अमरपुर में भी समिति के द्वारा गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इन आयोजनों में योग, आसन तथा प्राणायाम आदि पर चर्चा की गई. गुरु के मार्गदर्शन को भारतीय वैदिक परंपरा का एक अमूल्य धरोहर बताया गया. इन आयोजनों में युवा प्रभारी प्रभाष, किसान पंचायत प्रभारी गोविंद प्रसाद चौधरी,
योग प्रचारक रविकांत, जिला अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद यादव, वार्ड प्रभारी अभिषेक कुमार, प्रमोद पोद्दार, आनंद, ओम प्रकाश, अजय चौहान, गोविंद सिंह, दिनेश झा, संजय झा, संजय सिंह एवं नीरज आदि ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि गुरु के बिना ज्ञान नहीं हो सकता. इसलिए गुरु की महत्ता सर्वोपरि है. गुरु हमारे मार्गदर्शक हैं. उन्हीं के सानिध्य में हम ज्ञानार्जन कर विद्या से लेकर ईश्वर तक की प्राप्ति करते हैं. गुरु शिष्य की परंपरा हमारी वैदिक परंपरा है. इस परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सब का कर्तव्य है. गुरु का स्थान वेदों में ईश्वर से भी ज्यादा ऊंचा बताया गया है.
क्योंकि ईश्वर से गुरु नहीं मिल सकते लेकिन गुरु की कृपा से ईश्वर की प्राप्ति संभव है. इस अवसर पर स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर जगतपुर में भी गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया. इस कार्यक्रम में प्रधानाचार्य अशोक कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह, सिद्धनाथ सिंह, रसिकलाल, नितेश झा, कृष्ण प्रकाश सिंह, संजना सिन्हा, चंदन कुमार, राजेश मिश्रा आदि शिष्यों ने गुरु शिष्य परंपरा की सांस्कृतिक विरासत के मूल्यों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा गुरु के बिना शिष्य अधूरा है. कार्यक्रम में गुरु वंदना के बाद वेदव्यास जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि की गई. गुरु वंदना नेहा, तुलसी, प्रतिभा, सोनाक्षी, पूनम, रंजना आदि ने प्रस्तुत किया. जबकि मंच संचालन संजना सिन्हा एवं जया मित्रा ने की.

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