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पाकुड़-बरवाडीह रोड पर पांच साल में भी नहीं बन सका पुल

रांची : साहेबगंज पथ प्रमंडल में पाकुड़- बरवाडीह रोड पर पिछले पांच साल में पुल नहीं बन पाया है. हालांकि इस पुल को बनाने के लिए एक साल का समय तय किया गया था. निर्माण में देर की वजह देर से काम शुरू होना, ठेकेदार का काम बंद करना और लोगों द्वारा छड़ काट लिया […]

रांची : साहेबगंज पथ प्रमंडल में पाकुड़- बरवाडीह रोड पर पिछले पांच साल में पुल नहीं बन पाया है. हालांकि इस पुल को बनाने के लिए एक साल का समय तय किया गया था. निर्माण में देर की वजह देर से काम शुरू होना, ठेकेदार का काम बंद करना और लोगों द्वारा छड़ काट लिया जाना बताया जाता है.
साहेबगंज पथ प्रमंडल में पाकुड़-बरवाडीह रोड पर वर्ष 2011-12 में पुल बनाने की योजना बनी. टेंडर के निबटारे के बाद मेसर्स आदित्य एंड रशिम नामक कंपनी को पुल निर्माण का काम दिया गया. ठेकेदार के साथ वर्ष 2012 में किये गये एकरारनामे के तहत 2.48 करोड़ की लागत पर उसे नवंबर 2013 तक पुल बनाने का काम पूरा करना था. पर ठेकेदार ने देर से काम शुरू किया और जून 2014 में काम बंद कर दिया.
ठेकेदार द्वारा काम पूरा नहीं किये जाने की वजह से सरकार ने जून 2014 में उसके साथ किये गये एकरारनामे को रद्द कर दिया. साथ ही उसे काम के बदले 1.02 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इसके बाद पुल निर्माण के लिए नये सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई. इसमें पांच ठेकेदारों ने हिस्सा लिया. जांच के दौरान तकनीकी शर्तों को पूरा नहीं करने की वजह से दो ठेकेदारों को अयोग्य करार दिया गया. इसके बाद वित्तीय पहलू की जांच के बाद मेसर्स आइए इंजीकान को पुल बनाना का काम दिया गया. उसे 1.5 करोड़ की लागत पर पुल निर्माण का काम पूरा करना था. इस ठेकेदार ने भी समय पर काम पूरा नहीं किया.
लोगों द्वारा छड़ काट लिये जाने की वजह से पुल में अतिरिक्त काम निकल आया. इस अतिरिक्त काम के लिए ठेकेदार के साथ पूरक एकरारनामा करना पड़ा. कार्यपालक अभियंता ने 29 लाख रुपये के अतिरिक्त काम के लिए मार्च 2016 मे ठेकेदार के साथ पूरक एकरारनामा किया. इस तरह एक साल में बननेवाला पुल पांच साल में भी पूरा नहीं हो सका.

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