बर्लिन: दक्षिण जर्मनी में एक सिरफिरे शख्स ने चार लोगों को ट्रेन में कुल्हाड़ी मार कर जख्मी कर दिया. वुर्जबर्ग पुलिस ने इस संबंध में जानकारी दी कि हमलावर की कुल्हाड़ी का शिकार हुए तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि एक को हल्की चोट आई है. यह घटना बवेरिया में वुर्जबर्ग और ट्रेचलिंगन के बीच एक लोकल ट्रेन में हुई. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इसके पीछे आतंकी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है.
शुरुआती खबरों में कहा जा रहा था कि इस हमले में 20 से भी ज्यादा लोग घायल हुए हैं, लेकिन बाद में इस बात का खुलासा हुआ कि हमलावर केवल चार लोगों को ही अपना शिकार बना पाया. सीएनएन ने खबर दी है कि हमलावर को पुलिस ने ढेर कर दिया है. चाकू और कुल्हाड़ी से लैस इस हमलावर की पहचान 17 साल के अफगानी युवक के रुप में हुई है. बवेरिया के गृह मंत्री जोआचिम हरमैन ने बताया कि युवक अफगान का था और औक्सनफर्ट के आसपास अपना निवास बनाए हुए था.
बवेरिया राज्य के गृह मंत्री जोएचिम हेर्रमन्न ने बताया कि हमलावर जर्मनी में अकेले नाबालिग के रुप में आया था और वह निकटवर्ती ओचसेनफर्ट में रह रहा था. मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस बात की काफी संभावना है कि यह इस्लामी चरमपंथी द्वारा किया गया हमला है.” हमलावर ‘‘अल्लाहू अकबर” के नारे लगा रहा था. यह हमला बवेरिया के वुर्जबर्ग एवं त्रेउचलिंगेन के बीच चलने वाली ट्रेन में कल रात रात करीब सवा नौ बजे किया गया. एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वुर्जबर्ग में पहुंचते ही, एक व्यक्ति ने यात्रियों पर कुल्हाडी और चाकू से हमला किया.” उन्होंने कहा, ‘‘तीन लोग गंभीर रुप से घायल हो गए हैं और कई अन्य मामूली रुप से घायल हैं.” इसके अलावा 14 लोगों को सदमा लगने के कारण उनका उपचार किया गया.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अपराधी ट्रेन से भागा, पुलिस ने उसका पीछा किया और इसी दौरान उन्होंने कार्रवाई करते हुए हमलावर को गोली मारी और उसकी मौत हो गई.” इस बारे में और विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है कि किशोर किन परिस्थितियों में मारा गया. जर्मनी में इस हमले से पहले फ्रांस के नीस में पिछले सप्ताह 31 वर्षीय मोहम्मद लाहोउआएज बोउहलेल ने बास्तील दिवस के अवसर पर आतिशबाजी प्रदर्शन के दौरान ट्रक से हमला कर दिया था जिससे 84 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी. जर्मनी में मानसिक रुप से अस्थिर 27 वर्षीय एक व्यक्ति ने मई में एक स्थानीय ट्रन में चाकू से हमला किया था जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन अन्य लोग घायल हो गए थे.
शुरुआती रिपोर्टों ने बताया था कि उसने ‘‘अल्लाहू अकबर” के नारे लगाए लेकिन बाद में पुलिस ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इस हमले के पीछे धर्म से जुडी कोई मंशा थी. उसका एक मनोरोग अस्पताल में उपचार चल रहा है. जर्मनी ने पिछले साल रिकॉर्ड संख्या में करीब 11 लाख शरणार्थियों को देश में आने की अनुमति दी थी जिनमें सीरियाई शरणार्थियों की संख्या सर्वाधिक है और इसके बाद अफगानिस्तानियों का नंबर आता है. ये शरणार्थी अपने देश में गरीबी एवं मौजूदा अशांति से बचकर यहां आए हैं. शरणार्थियों के लिए बाल्कन मार्ग बंद कर दिए जाने और प्रवाह को काबू करने के लिए ईयू के तुर्की के साथ समझौते के परिणामस्वरुप जर्मनी आने वाले शरणार्थियों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है.