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फिजिक्स के लिए मात्र एक आवेदन

26 जुलाई तक ही चलेगी आवेदन की प्रक्रिया 154 शिक्षकों की होनी है नियुक्ति स्कूलों में फिजिक्स में 50, केमेस्ट्री में 52 व मैथ्स में 52 पद खाली स्कूलों में शिक्षक नहीं, फिर भी लिये जा रहे एडमिशन गया : जिला पर्षद के तहत चलनेवाले प्लस टू स्कूलों में साइंस विषयों के लिए शिक्षक अभ्यर्थी […]

26 जुलाई तक ही चलेगी आवेदन की प्रक्रिया
154 शिक्षकों की होनी है नियुक्ति
स्कूलों में फिजिक्स में 50, केमेस्ट्री में 52 व मैथ्स में 52 पद खाली
स्कूलों में शिक्षक नहीं, फिर भी लिये जा रहे एडमिशन
गया : जिला पर्षद के तहत चलनेवाले प्लस टू स्कूलों में साइंस विषयों के लिए शिक्षक अभ्यर्थी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. आवेदन की प्रक्रिया के शुरू हुए करीब एक महीना होने को है, पर अब तक साइंस विषय के लिए एक भी आवेदन शिक्षा विभाग के पास नहीं पहुंचा है, यह हालत तब है, जब आवेदन के लिए 10 दिन ही शेष बच रहे हैं. इसमें अचरज यह भी है कि जिन स्कूलों में साइंस शिक्षकों का घोर अभाव है और शिक्षकों की नियुक्ति होनी है, वहां धड़ल्ले से 12वीं में छात्र-छात्राओं का एडमिशन लिया जा रहा है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब स्कूल में साइंस के शिक्षक ही नहीं होंगे और वहां जब क्लास चलाने की बारी आयेगी, तो माहौल क्या होगा.
साइंस विषयों के स्टूडेंट्स का हाल क्या होगा.उल्लेखनीय है कि जिला पर्षद के तहत आनेवाले स्कूलों में करीब 154 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. नियुक्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है. यह प्रक्रिया विगत 27 जून से शुरू होकर 26 जुलाई तक चलेगी. अन्य विषयों के अलावा भौतिकी, रसायन व मैथ्स विषय के शिक्षकों की तलाश है. इसके लिए आवेदन मांगे गये हैं, पर विभाग को अब तक सिर्फ एक आवेदन फिजिक्स में प्राप्त हुए हैं.
अब एक नजर जिला पर्षद के स्कूलों पर दौड़ायें. जिला पर्षद के तहत 120 स्कूल प्लस टू के हैं.इनमें राजकीयकृत 102, राजकीय तीन व प्रोजेक्ट विद्यालय 15 हैं. इन स्कूलों में साइंस शिक्षकों का टोटा लंबे समय से चला आ रहा है. इन स्कूलों में कुल मिला कर फिजिक्स में 50, केमेस्ट्री में 52 व मैथ्स में 52 पद खाली हैं. यह स्थिति बीते वर्षों में चार चरणों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद की है. मतलब साफ है कि शिक्षा विभाग को अब तक बड़ी तादाद में शिक्षक नहीं मिले हैं, जिसकी वजह से ये पद खाली चल रहे हैं.
कहां और क्या है दिक्कत : शिक्षा विभाग से जुड़े जानकारों का कहना है कि प्लस टू के विद्यालयों में एसटेट क्वालिफायड व बीएड की डिग्री का होना जरूरी है. दोनों अर्हता उनके लिए चुनौती बन गयी है. दूसरी बात एसटेट की परीक्षा बीते कुछ वर्षों से नहीं हुई है. नतीजतन दोनों अर्हता पूरा करनेवाले अभ्यर्थियों की संख्या प्रदेश में गिनती के हैं. डीपीओ डाॅ प्रियनंदन प्रसाद का कहना है कि आवेदन के 10 दिन अब भी बचे हैं. इन 10 दिनों में स्थिति बदल भी सकती है. अर्हता पूरी करनेवाले अभ्यर्थियों को ही तवज्जो दिया जाना है.

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