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कश्मीर में जनमत संग्रह अप्रासंगिक मुद्दा, पाक की हरकत अस्वीकार : राजनाथ

5.25 PM: गृहमंत्री राजनाथ सिंह नेकश्मीर हिंसा के मुद्देपरराज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वहां एक निर्वाचित सरकार है. मैंने मुख्यमंत्री व डीजीपी को फोन कर कहा कि राज्य में प्रतिरोधी कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि अगर गोली का बिना जानलेने वाली गोली का ही प्रयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वहां 25 […]

5.25 PM: गृहमंत्री राजनाथ सिंह नेकश्मीर हिंसा के मुद्देपरराज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वहां एक निर्वाचित सरकार है. मैंने मुख्यमंत्री व डीजीपी को फोन कर कहा कि राज्य में प्रतिरोधी कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि अगर गोली का बिना जानलेने वाली गोली का ही प्रयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वहां 25 संपत्ति को आग लगायी गयी.

उन्होंने कहा कि 1948 नागरिक राज्य में घायल हुए. हिंसा की कुल 506 घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा कि 33 नागरिक की मौत हुई व एक जवान शहीद हुआ. गृहमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान में संवेदनशीलता को त्याग कर राजनीति नहीं की जा सकती है और भारत जैसे विशाल देश को बचाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें कश्मीरियत पहचान का ध्यान रखना होगा. कश्मीरियत, जम्हूरियत आैर इंसानियत तीन सूत्र हैं, कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए जो अटल जी ने दिये, इसे ही हमारे अभी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मानते हैं.


राजनाथ ने कहा कि मैं गुलाम नबी की इस बात से सहमत हूं कि आतंकियों के खिलाफ सख्ती होनी चाहिए, साथ ही जनता के साथ सहानुभूति होनी चाहिए. हम इसी पर कायम रहेंगे, इससे नहीं हटेंगे.उन्होंने कहा कि उसकी हरकत गैर वाजीब है.गृहमंत्री ने कहा कि कश्मीर में जनमत संग्रह का मुद्दा अप्रासंगिक हो गया है.

राजनाथ ने कहा कि बुरहान वानी हिजबुल का कमांडर था, उस पर 15 मामले दर्ज थे. वह सोशल मीडिया पर सक्रिय था. खुफिया ब्यूरो को इनपुट मिले, जिस पर सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की और तीन आतंकवादी मारे गये. उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है, उसमें पाक की भूमिका है. राजनाथ ने कहा कि हमारे यहां आतंकी मारा जायेगा और पाकिस्तान उसकी निंदा करेगा. उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति को सामान्य बनाने में हर संभव प्रयास किये जायेंगे. मैं सुबह-शाम वहां की मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं. दिन में दो-तीन बार उनसे बात हो जाती है. अधिकारियों के भी संपर्क में मैं हूं. मैंने महबूबा जी से कहा कि मैं कश्मीर स्वयं आना चाहता हूं और वहां क लोगों से बात करना चाहता हूं और गवर्नर हाउस में नहीं नेहरू हाउस में रुकना चाहता हूं. गृहमंत्री ने कहा कि महबूबा ने कहा कि यह सुझाव अच्छा है, लेकिन स्थिति थोड़ा सामान्य होने दें, उसके बाद मैं स्वयं दिल्ली आउंगा और आपसे बात करूंगी.

उन्होंने इस बात पर स्वीकृति जतायी कि बुलेट का सीधे इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और नुकसान नहीं पहुंचाने वाली वैकल्पिक गोलियों का उपयोग होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पेपर व इंटरनेट बैन पर मैं सहमत हूं, लेकिन इस मामले में वहां की मुख्यमंत्री से बात करेंगे तो स्थिति अधिक स्पष्ट होगी. उन्होंने आंखों के इलाज के लिए मांग पर हवाइ जहाज भेजने और डॉक्टर की व्यवस्था करने की बात कही.

4.41PM : शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, यह वक्त राजनीति करने का नहीं है. एकजुट होने का है. कश्मीर जल रहा है और यह आज नहीं हुआ है यह 60 साल से जल रहा है. हम हमेशा वादे करते हैं. शिक्षा, रोजगार के वादे करते हैं यह 60 साल से कर रहे हैं हमेशा इन सब पर पानी फिर जाता है. जब भी कोई आतंकवादी मारा जाता है , दिल्ली में फांसी दी जाती है तो इसका विरोध कश्मीर में होता है. इन जैसे लोगों के मारे जाने के बाद जैसी हिंसा होती है यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. कुछ लोग सवाल खड़े करते हैं कश्मीर में आम जनता के साथ सुरक्षाबलों के जवान व्यवहार करते हैं ठीक नहीं है लेकिन जवानों की हालत पर कौन सोचेगा. आज इन जवानों के कारणही जम्मू कश्मीर हमारे पास है. बुरहान वानी कौन था उसके इतिहास पर भी नजर डालिये. वो आतंकी था उसने निरअपराध लोगों को मारा . पाकिस्तान के समर्थन से नौजवानों को भरती कर रहा था. इस तरह के आतंकी का समर्थन करने लोग सड़क पर उतरेंगे तो इसका विरोध तो होगा. सुरक्षाबलों के ऊपर आरोप लगाना आसान है. पाकिस्तान काला दिवस मना रहा है . पाकिस्तान को हर दिन काला दिन मनाना होगा क्योंकि हर दिन बुरहान वानी जैसे आतंकी को सेना के जवान मारेंगे.

4.29 PM : राज्यसभा में कश्मीर पर हो रही चर्चा में भाजपा नेता शमशेर सिंह मन्हास ने कहा, पाकिस्तान जम्मू कश्मीर पर जैसी नजर रखता है हम जानते हैं उसकी भावना कैसी है. इतिहास से हमें पता चलता है कि ऐसे हालात क्यों है. यह किसी धर्म, पार्टी की बात नहीं है. इसके लिए हमें अलग तरह से सोचना होगा. जम्मू कश्मीर में हमारी सीमाएं कई देशों से मिलती है. वो देश कैसे हैं उन पर भी चर्चा करनी होगी. कई देश में आतंकवाद बढ़ रहा है अपना दायरा बड़ा कर रहा है. हमारी कोशिश है कि हर बात पर चर्चा हो मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी कोशिश कर रही है. मैं एक बात कहना चाहता हूं कि गिलानी जैसे लोगों का समर्थन मत कीजिए. जरा उनसे पूछिये कि उनके बच्चे कहां है. अपने बच्चों को दूर रखा है और गरीब बच्चों से पत्थर फेंकवा रहे हैं.

4.19 PM : भाकपा नेता डी राजा ने कहा, इस मुद्दे पर सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा करनी चाहिए. कश्मीर में जो हो रहा वो दुखद है. अगर मीडिया रिपोर्ट पर बात करूं तो प्रधानमंत्री ने माना है कि कुछ निर्दोष लोगों को चोट आयी है. हमें इस पर सोचना चाहिए. क्या कश्मीर में लॉ एंड की समस्या है. कश्मीर में राजनीतिक समस्या है. यह राजनीतिक प्रक्रिया से ही सुलझाया जा सकता है. मैं कई बार कश्मीर गया हूं वहां के लोग बहुत सारी समस्या से लड़ रहे हैं. आर्म्स एक्ट पर सवाल खड़े होते हैं उस पर भी बात करनी होगी. कश्मीर में खून बहता है तो लगता है मेरा खूब बहा.

4.06 PM : कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने इस मुद्दे पर सवाल खड़ा किया कि आतंकी के मौत पर इतनी भीड़ कैसे आ गयी. पाकिस्तान ने यह पहले से किया है यह उसका स्वभाव रहा है. इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. हम दूसरे पर आरोप तो लगा सकते हैं लेकिन इस पर आत्मनिरिक्षण करना आवश्यक है. हमें सिर्फ बात कश्मीर की नहीं करनी चाहिए हमें पूरे राज्य की बात करनी होगी. इसका नाम सिर्फ कश्मीर नहीं जम्मू एंड कश्मीर है. कई बार योजनाएं बनी चर्चाएं हुई लेकिन उस पर अमल कहां हुआ. यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है. हमें वहां के लोगों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना होगा. कई लोग वहां जा रहे हैं बात कर रहे हैं लेकिन क्या कोई सुन रहा है वो चाहते क्या है. कश्मीर घाटी जो पूरी दुनिया में सुंदरता के लिए जाना जाता है जल रहा है. कश्मीर की आत्मा पर प्रहार किया जा रहा है युवाओं को दिगभ्रमित करके, प्रोपगेंडा फैलाकर.

3.50 PM : एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, सदन में जो कश्मीर पर चर्चा हो रही है उसमें कई बातों पर मैं अपने साथियों का समर्थन करता हूं. 1990 के दशक के बाद आज जो स्थिति बनी है उसमें फर्क क्या है. इसमें फर्क यह है कि अलगाववादियों के हाथ से नियंत्रण निकलकर अब 22 साल के युवाओं के हाथ में जा रहा है. यह चिंता का विषय है. आज आतंकवाद को पूरा विश्व जिस नजरिये से देखता है वो अलग है. हम पाकिस्तान के साथ चर्चा का एक स्तर रखते हैं. इस सरकार ने भी यही कोशिश की. पाकिस्तान ने कश्मीर समेत कई घटनाओं से सीधे तौर पर जोड़ लिया है. इस स्थिति को अलग तरीके से देखना होगा. यह सिर्फ लॉ एंड आर्डर या कश्मीर का मुद्दा नहीं है. इसे वृहद नजर से देखना होगा. कश्मीर में विकास की जरूरत है. कईराज्यों में कश्मीर काम कर रहे हैं वो मेहनती हैं राष्ट्रवादी हैं. कश्मीर में पर्यटन के अलावा कोई व्यापार के संसाधन नहीं है.

3.45 PM : कश्मीर पर हो रही चर्चा में बसपा की तरफसे सतीश चंद्र मिश्रा ने भी पक्ष रखा. आतंकी बुहरहान वानी के मारे जाने के बाद जो हिंसा हुई है. उस पर केंद्र सरकार चिंतित है. राज्य सरकार को हर संभव मदद दिया गया है. जम्मू कश्मीर के हालात सुधर रहे हैं. अमरनाथ यात्रा भी अब शुरू हो चुकी है. यह पता लगाने की जरूरत है कि एक आतंकी की मौत पर इतना हंगामा क्यों हैं. पाकिस्तान की गतिविधियों पर भी विशेष नजर रखनी होगी. हमारी पार्टी आशा करती है कि शांति बहाली के बाद केंद्र और राज्य दोनों मिलकर कश्मीर की आम जनता से संवाद पैदा करना होगा और विश्वास बहाल करना होगा.

3.32 PM : कश्मीर में चर्चा पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा, वहां जितने लोग भी मारे गये हैं हमारी संवेदना उनके साथ है. मैं मानता हूं कि यह पाकिस्तान की साजिश है लेकिन इसकी जड़ में पहुंचना बेहद जरूरी है. वहां के नौजवानों में जो असंतोष है उसे दूर करना होगा. हमें कश्मीर की असलियत पर चर्चा करनी होगी. वहां राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी. अगर वहां अभी अलगाववादियों के खिलाफ जंग है तो इसमें पूरा सदन आपके साथ है. पाकिस्तान के साथ जो होना है उसे कूटनीति के साथ करिये. तय करिये कि आपको करना क्या है. कश्मीर का भी हमारे देश के विकास में हिस्सा रहा है. अगर आप इस पर समाधान चाहते हैं तो फौरन एक सर्वदलीय बैठक बुलाइये. बिना राजनीतिक प्रक्रिया के इसका सामाधान नहीं है. सेना का जो इस्तेमाल हुआ है उसके लिए कौन जिम्मेदार है इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

3.15 PM:राज्यसभा में कश्मीर पर चर्चा में भाग लेते हुए शरद यादव ने कहा कि वहां जो कुछ हुआ वह उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि बंटवारे को 70 साल होने को हैं, लेकिन वह आज भी हमारा पीछा कर रहा है. धर्म के आधार पर लोग बांटे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान बंदूक व ताकत नहीं है. मैं अटल जी की सरकार में था, लगातार राजनीतिक ढंग से उस सरकार ने समस्या के समाधान का प्रयास किया. वहां जाकर समस्या के समाधान का प्रयास किया. इस सरकार में इतना फर्क कहां से आ गया.

02 : 57 PM :सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि हमें जानकारी मीडिया से मिल रही है. हमें पाकिस्तान के रुख को इस मामले में गंभीरता से लेना चाहिए. यदि कश्‍मीर के विलय के वक्त सारी समस्या सुलझा ली जाती तो यह वक्त नहीं बाता. पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ का बयान भी शर्मनाक है. इसे भी नकारा नहीं जा सकता है कि वहां मामले को लेकर राजनीति की जा रही है.

02: 53 PM :जेटली ने कहा हमें ऐसे मसले पर दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर देखना चाहिए. इस आंदोलन से वहां के युवा अपने को अलग रखें.

02: 50 PM :जेटली ने कहा, 2008 और 2010 में हिंसा का दौर हमने देखा. सुरक्षसकर्मियों के पास कोई चारा नहीं बचता जब उनपर हमला होता है. उन्होंने कहा कि घटना यह है कि सूबे की पुलिस को आतंकवादियों के बारे में जानकारी होती है और वे आतंकी को मार गिराते हैं इस मुठभेड़ में पुलिस केा भी नुकसान हुआ लेकिन यह सोशल मीडिया का जमाना है, जिसका उपयोग वहां किया गया. वहां जो मारा गया आतंकी है उसका प्रभाव युवाओं में था. यह हिंसा कोई गंठबंधन की सरकार की कारण नहीं हुआ और न ही नेताओं के भाषण के कारण, कोई भी देश यह सहन नहीं करेंगा कि उसके देश में ऐसा कार्रवाई हो और वह प्रतिक्रिया न दे.

02: 44 PM:जेटली ने कहा कि जम्मू-कश्‍मीर में कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं था. वहां मात्र एक ही गंठबंधन की सरकार बन सकती थी जो अभी वहां मौजूद है. हम जानते हैं कि हमारे पीडीपी के साथ मतभेद थे लेकिन फिर भी हमने देश की भलाई के लिए वहां सरकार बनाई. वहां गंठबंधन की सरकार या टेलीविजन पर चर्चा के कारण हिंसा नहीं हो रही है. इस हिंसा का मूल कारण पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है. पाकिस्तान ने कभी यह नहीं माना कि कश्‍मीर भारत का हिस्सा है. इस मामले को लेकर तीन बार युद्ध भी हुए जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा जब वे भारत से परास्त होते चले गए तो उन्होंने आतंकवाद के माध्‍यम से हमें परेशान करना शुरू किया.

02 : 39 PM :चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद अरुण जेटली ने कहा कि मैं गुलाम नबी आजाद की बातों से सहमत हूं. वहां की स्थिति चिंता का विषय है लेकिन केवल यह सोच लेना कि यह भाजपा और पीडीपी के गठबंधन की सरकार के कारण वहां की स्थिति ऐसी है सोच लेना गलत है. मैं कांग्रेस की इतिहास को उलटना नहीं चाहता. समय मिले तो वे खुद उसे देख लें.

02 : 35 PM :आजाद ने कहा कि पाकिस्तान का वजूद सब बीमारियों की जड़ है. आज जो हिंदू और मुसलमानों के बीच मनमुटाव बढ़ रहा है वह पाकिस्तान की ही देन है. पाकिस्तान के सहारे यहां के मुसलमान नहीं रहना चाहते. बंटवारे के वक्त हमने अपना देश चुन लिया था वह अपनी चिंता करे. हम अपनी चुनी हुई सरकार से सब मांग लेंगे. आज वह काला दिवस तना रहे हैं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यदि वे अपने देश में हुए ऐसे कृत्य पर काला दिवस मनायेंगे तो रोज वहां काला दिवस मनाने की जरूरत पड़गी. उन्होंने कहा कि जिनके घर खुद शीशे के हो वह दूसरे के घरों में पत्थर नहीं फेंका करते. आजाद ने अंत में मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की.

02 : 29 PM:आजाद ने कहा कि मैं गृह मंत्री से आग्रह करता हूं कि मामले को गंभीरता से लें. मैं प्रेस की आजादी के समर्थन में हूं. वहां इंटरनेट बंद है केबल बंद है.पहले हम सामाचार का इंतजार करते थे लेकिन आज प्राईम टाईम में हिंदू और मुस्लिम को लड़ाने का काम करते हैं. भारत के लोग समझदार हैं नहीं तो वह इन चैनलों को देखकर मार काट मचा देते. उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक का सिर लाने वाले का आपकी पार्टी मारने की धमकी देते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती. मैं कहता हूं कि यदि नाईक गुनहगार है, तो उसे सजा दो नहीं तो ये सब बंद किया जाना चाहिए.

02: 24 PM :मैं दुआ करता हूं कि वहां की स्थिति समान्य हो जाए लेकिन मेरे चाहने से यह नहीं होगा. वहां दस दिन से कर्फ्यू जारी है फिर भी वहां का माहौल सामान्य नहीं हो रहा है. यदि ऐसी स्थिति दूसरे राज्य की होती तो एक दिन में स्थिति सामान्य हो जाती. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां के लोगों के मन में क्या चल रहा है. हम इस मामले पर राजनीति नहीं करेंगे. जब मैंने इस्तीफा दिया था तो सभी ने आग में घी डालने का काम किया था.

02 : 14 PM : आजाद ने कहा किहमारे लिए गर्व की बात है कि यहां मुस्लिमों की आबादी दुनिया में दूसरे नंबर पर है लेकिन आतंकी संगठन आइएसआइएस से जुड़े होने वाले युवकों की संख्‍या न के बराबर है. यहां जो माहौल आज बना है वह हमने नहीं बनाया वह बनाया है रूलिंग पार्टी के नेता बनाते हैं. उनके भाषण से हिंसा होती है लेकिन उनके खिलाफ एक्शन नहीं लिया जाता है.भाजपा को कश्‍मीर घाटी में विश्‍वास जमाने में वर्षों लगेंगे. हमने कहा था कि हम सरकार नहीं बनायेंगे लेकिन उन्होंने डर से वहां सरकार बना ली कि कहीं कांग्रेस सूबे में सरकार न बना लें. हमने सरकार बनाने से वहां उन्हें मना किया था क्योंकि भाजपा पर घाटी के लोग विश्‍वास नहीं बना सकेंगे जब हमने अभी तक पूरा विश्‍वास उनके बीच इतने वर्षों में नहीं बना पाया तो आप कैसे बना सकेंगे.

02: 10 PM : आजाद ने कहा कि जब राज्य में हमारा राज था या किसी दूसरे पार्टी का राज था तो भी इतनी हिंसा नहीं होती थी और हम आतंकियों को मारने का काम कर रहे थे. वहां के लोगों के साथ सरकार का स्वभाव अच्छा होना चाहिए.

02 : 06 PM :जिस प्रकार गोलियों का इस्तेमाल किया गया वह पहली बार है. आतंकवाद को खत्म करने के लिए जो हमने किया वह आप 50 साल तक में भी नहीं कर सकते हैं. आतंकियों और आम आदमी के बीच अंतर होनी चाहिए. हम आतंकियों के खिलाफ जिस गोली का इस्तेमाल करते हैं क्या उसी गोली का इस्तेमाल बच्चों बुढों और महिलाओं पर भी किया जाना चाहिए ?यदि आप इसी प्रकार का कृत्य करते रहे तो हम आपका साथ नहीं दे सकते, न ही हमारी पार्टी देगी. घाटी के सभी अस्पतालों में जख्‍मी भरे पड़े हुए हैं जो इस हिंसा का शिकार हुए हैं.

02 : 03राज्यसभा में चर्चा दौरान कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस तरह का वातावरण 90 में भी नहीं था. आज कश्‍मीर की हिंसा में मारे गए लोगों की संख्‍या 43 हो गई है.

02 : 01 PM :कश्‍मीर हिंसा पर राज्यसभा में चर्चा शुरू

1.00 PM:राज्यसभा दो बजे तक के लिए स्थगित

12: 44 PM:कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में नोटिस देकर कश्‍मीर मामले पर चर्चा कराने की मांग की है. इस मामले पर चर्चा 2 बजे हो सकती है.

12 : 02 PM:मायवती के केंद्र सरकार पर हमले के बाद कुछ सांसद वेल में पहुंचकर ‘देश‍ विरोधी यह सरकार नहीं चलेगी’ के नारे लगाने लगे जबकि लेफ्ट सांसद सीताराम येचुरी ने महंगाई पर सदन में चर्चा की मांग की. हंगामा होता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.

11: 53 AM :राज्यसभा में मायावती ने गुजरात के एक मामले को उठाते हुए मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि इस सरकार के आने से दलितों पर अत्याचार बढ़ा है. उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार के आने से दलितों के खिलाफ उत्पीड़न बढें हैं. पार्टी का नाम लेने पर भाजपा सांसद ने आपत्त‍ि जताई.

11: 49 AM :पीएम मोदी राज्यसभा में नए मंत्रियों का करवा रहे हैं परिचय.

11: 39 AM :राज्यसभा में नए सदस्यों ने शपथ ली.

11 : 19 AM :भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

11: 05 AM :राज्यसभा में नए सांसद शपथ ले रहे हैं. वहीं शहडोल के भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते के निधन पर लोकसभा में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है.

11 : 02 AM:सदन का सत्र शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट के नए मंत्रियों से सांसदों का परिचय करवाया.

10 : 40 AM :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से सभी पार्टियों से बातचीत चल रही है. सभी ने सत्र को अच्छे से चलने देने का वादा किया है.पीएम ने कहा कि सभी पार्टियों को सदन में रचनात्मक विचार विमर्श करना चाहिए. मुझे आशा है कि इस सत्र में उच्च मानकों पर विचार विमर्श होगा साथ ही महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा होगी.सबका मूड देश के विकास का है.मोदी ने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए संसद के मानसून सत्र में सभी को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए.

10 : 20 AM : टीएमसी ने संसद में महंगाई पर चर्चा के लिए नोटिस दिया

नयी दिल्ली : संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है जिसके हंगामेदार रहने के आसार साफ नजर आ रहे हैं. शहडोल के भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते के निधन के कारण आज लोकसभा में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी. लेकिन सबकी निगाहें इस सत्र में जीएसटी बिल पर है. जहां सरकार विपक्ष को मनाने में जुटी है वहीं विपक्ष जीएसटी पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रहा है. प्रधानमंत्री ने रविवार को सभी दलों की बैठक में कहा कि संसद को देश हित में और जनता के हित में चलाना चाहिए. आज से शुरू हो रहे संसद सत्र से पहले रविवार को दिन भर बैठकों का दौर जारी था.

अरुणाचल प्रदेश पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से उत्साहित विपक्ष, एनएसजी सदस्यता पाने में भारत की नाकामी सहित कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरने की विरोधी दलों की मांग को देखते हुए मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम में राज्य में कांग्रेस की नई सरकार के गठन, समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रस्ताव पर विधि आयोग से रिपोर्ट की मांग संबंधी मोदी सरकार के फैसले जैसे मुद्दों से सत्र के दौरान माहौल गर्म रहने की संभावना है.

दूसरी ओर, वरिष्ठ मंत्रियों एवं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ हालिया बैठक के बाद सरकार अहम जीएसटी विधेयक के रास्ते में आ रही बाधा खत्म होने की उम्मीद कर रही है, जिसे वह पिछले सत्र के दौरान ही पारित कराना चाहती थी। सत्र के दौरान दोनों पक्षों के फिर से बैठक करने की संभावना है. जीएसटी विधेयक पर मतभेदों के समाधान के लिए शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा से मुलाकात की. विवादास्पद संविधान :122वां संशोधन: विधेयक जिसे जीएसटी विधेयक के रुप में जाना जाता है, के लोकसभा में पारित होने के बाद पिछले साल अगस्त में इसे उपरी सदन भेजा गया था.

जीएसटी के मुद्दे पर कई क्षेत्रीय पार्टियों के कांग्रेस से रास्ते अलग करने के संकेतों और इस अहम आर्थिक सुधार के उपाय पर अपना समर्थन जताने की इच्छा जाहिर करने के बीच सरकार इसी सत्र में इस विधेयक के पारित होने की उम्मीद कर रही है. विपक्ष परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में अपनी जगह सुनिश्चित करने में भारत की नाकामी के मुद्दे को भी उठाने वाला है. सरकार ने बताया है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया विदेश यात्राओं सहित इन मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. लंबित पडे अहम अन्य विधेयकों में जीएसटी के अलावा व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा :संशोधन: विधेयक, 2015 भी शामिल है. इस विधेयक को भी पिछले साल दिसंबर में भेजा गया था, लेकिन इस पर चर्चा अधूरी रह गई थी। इस साल के बजट सत्र में इस विधेयक को चर्चा के लिए नहीं लाया जा सका. लोकसभा में लंबित पडे अहम विधेयकों में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2015 और बेनामी लेनदेन (प्रतिबंध) संशोधन विधेयक, 2015 शामिल हैं.

संसद के पिछले कुछ सत्रों में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखा टकराव देखने को मिला है, लेकिन बजट सत्र के दूसरे हिस्से में जहां तक सरकारी कामकाज के पूरा होने की बात रही तो दोनों पक्षों में अपेक्षाकृत सुधार देखा गया. यह सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब असम विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत, केरल और पश्चिम बंगाल के चुनावों में अपने प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा का मनोबल उंचा है.

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