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दक्षिण में धरती से निकला इतिहास

मदुरै में मिलीं 500 ईपू की वस्तुएं तमिलनाडु के मदुरै जिले में कीझाड़ी एक छोटी जगह है. यहां के लोग जब भी अपने खेतों में हल चलाते या गड्ढे खोदते, तो जमीन के भीतर से निकलने वाले मिट्टी के टूटे बरतनों को देख कर आश्चर्यचकित हो जाते, लेकिन इन अनमोल खजाने के बारे में वह […]

मदुरै में मिलीं 500 ईपू की वस्तुएं
तमिलनाडु के मदुरै जिले में कीझाड़ी एक छोटी जगह है. यहां के लोग जब भी अपने खेतों में हल चलाते या गड्ढे खोदते, तो जमीन के भीतर से निकलने वाले मिट्टी के टूटे बरतनों को देख कर आश्चर्यचकित हो जाते, लेकिन इन अनमोल खजाने के बारे में वह बहुत ज्यादा नहीं सोचते थे. इसकी जानकारी जब पुरातत्व विभाग को मिली, तो वहां सर्वे शुरू हुआ. खुदाई में वहां से जो पुरातात्विक चीजें मिल रही हैं, वह दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास की खोज में मील का पत्थर साबित हो सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि कीझाड़ी का उत्खनन तमिलनाडु का हड़प्पा हो सकता है.
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अमरनाथ रामकृष्ण बताते हैं, कीझाड़ी के बारे में सुनने के दो साल पहले से हमलोग इलाके का सर्वे कर रहे थे. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह स्थान दक्षिण भारत की सबसे बड़ा पुरातात्विक खोज साबित होने वाला है. खुदाई की माॅनीटरिंग करने वाले वसंता कुमार का मानना है कि अभी तक प्राप्त वस्तुओं के आधार पर इसकी तुलना हड़प्पा से करना उचित नहीं होगा. कुमार का मानना है कि हमें जो चीजें वहां से मिल रही हैं, उसके संगम काल के होने की संभावना है, जो 500 ईसवी पूर्व का समय था. यह समय सिंधु घाटी की सभ्यता के समय (2600 ईपू-1600 ईपू) से हजार वर्ष बाद का है. 2013-14 में रामकृष्ण और उनकी टीम ने वेगायी नदी के किनारे विस्तृत सर्वेक्षण किया था. सर्वे में थेनी, डिनडिगुल, मदुरई, शिवगंगयी और रामनाथपुरम जिले शामिल थे. रामकृष्ण बताते हैं कि हमलोगों ने वेगायी नदी के पांच किलोमीटर के दायरे में ही सर्वे किया और 293 पुरातात्तविक स्थानों पर फोकस किया.
सत्तर के दशक में खीझाड़ी में एक हेडमास्टर को टेराकोटा की प्राचीन कलाकृति मिली. हेडमास्टर से खबर मिलने के बाद मदुरै से वी वेदचलम वहां पहुंचे. कोनथागायी गांव के समीप एक कब्रगाह भी मिला था.
2014 में वेदचलम एएसआइ की टीम के साथ वहां गये थे. उन्हें वहां ईंटों से बना ढांचा मिला. खुदाई में सबसे शानदार कोई चीज मिली है, तो वह है ईंट का निर्माण, जो नहर की तरह दिख रहा है. रामकृष्ण बताते हैं कि हमें जो कुछ मिल रहा है, उसकी उम्र जानने के लिए कार्बन डेटिंग के लिए हम भेज दे रहे हैं. इसलिए हम उसके बारे अभी कुछ नहीं कह रहे हैं.

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