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रिलायंस इंडस्ट्रीज को मुनाफा 18% बढ़कर 7,113 करोड़ रुपये

नयी दिल्ली: बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन तथा मजबूत पेट्रोकेमिकल आय के चलते रिलायंस इंडस्टरीज लिमिटेड (आरआईएल0 का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 18.1 प्रतिशत बढ़ा और अपेक्षाओं से अधिक रहा. आलोच्य तिमाही में कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन आठ साल में सबसे उंचा रहा.कंपनी ने एक बयान में कहा है कि अप्रैल जून तिमाही में उसका एकीकृत […]

नयी दिल्ली: बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन तथा मजबूत पेट्रोकेमिकल आय के चलते रिलायंस इंडस्टरीज लिमिटेड (आरआईएल0 का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 18.1 प्रतिशत बढ़ा और अपेक्षाओं से अधिक रहा. आलोच्य तिमाही में कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन आठ साल में सबसे उंचा रहा.कंपनी ने एक बयान में कहा है कि अप्रैल जून तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 18.1 प्रतिशत बढ़कर 7113 करोड़ रुपये रहा जो कि गत वर्ष समान तिमाही में 6,024 करोड़ रुपये रहा था. आलोच्य तिमाही में कंपनी का प्रति शेयर मुनाफा 24.1 रुपये रहा.

कंपनी ने लगातार नौवीं तिमाही में रिफाइनिंग तथा पेट्रोकेमिकल कारोबार के लिए सबसे उंचा खंडवार मुनाफा कमाया है. आरआईएल ने हाल ही के वर्षों में दूरसंचार, खुदरा व वित्तीय सेवा जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है. कंपनी अपने आय स्रोतों के विविधिकरण तथा तेल एवं गैस क्षेत्र पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है. कंपनी ने हालांकि अपनी 4जी दूरसंचार सेवा की वाणिज्यिक शुरआत के बारे में कोई समयसीमा नहीं बता है. कच्चे तेल व पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट के चलते कंपनी की आय 13.4 प्रतिशत घटकर 71,451 करोड रुपये रह गई.
आरआईएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा है,‘ हम अपने पेट्रोलियम और मैटीरियल कारोबार के एकीकरण का लगातार लाभ उठा रहे हैं. दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद पहली तिमाही में हमने अपने लाभ को बढाया है. ‘ आलोच्य तिमाही में आरआईएल को कच्चे तेल के परिशोधन पर 11.5 डालर प्रति बैरल की कमाई हुई। जबकि पिछले साल समान तिमाही में उसका सकल रिफाइनिंग मार्जिन :जीआरएम: 10.4 डालर रहा था। अप्रैल जून की अवधि में कंपनी की जीआरएम आठ साल में सबसे अधिक है.
उल्लेखनीय है कि कंपनी अपनी पेट्रोकेमिकल क्षमताओं व रिफाइरी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के साथ साथ अमेरिका से इथेन आयात के लिए सुविधाओं के निर्माण पर 12 अरब डालर निवेश कर रही है. कंपनी ने पेट्रोकेम कारोबार से 13.5 प्रतिशत का मार्जिन अर्जित किया.आलोच्य तिमाही में कंपनी का ऋण बढकर जून के आखिर में 1,86,692 करोड रपये हो गया जो कि 31 मार्च 2016 में 1,80,388 करोड रुपये था. इसी तरह कंपनी की नकदी बढकर 90,812 करोड रुपये हो गई जो कि वित्त वर्ष 2015-16 के आखिर में 89,966 करोड़ रुपये थी.
रआईएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा है,‘ हम अपने पेट्रोलियम और मैटीरियल कारोबार के एकीकरण का लगातार लाभ उठा रहे हैं. दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद पहली तिमाही में हमने अपने लाभ को बढाया है. ‘ आलोच्य तिमाही में आरआईएल को कच्चे तेल के परिशोधन पर 11.5 डालर प्रति बैरल की कमाई हुई. जबकि पिछले साल समान तिमाही में उसका सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 10.4 डालर रहा था। अप्रैल जून की अवधि में कंपनी की जीआरएम आठ साल में सबसे अधिक है.
उल्लेखनीय है कि कंपनी अपनी पेट्रोकेमिकल क्षमताओं व रिफाइरी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के साथ साथ अमेरिका से इथेन आयात के लिए सुविधाओं के निर्माण पर 12 अरब डालर निवेश कर रही है. कंपनी ने पेट्रोकेम कारोबार से 13.5 प्रतिशत का मार्जिन अर्जित किया.आलोच्य तिमाही में कंपनी का ऋण बढकर जून के आखिर में 1,86,692 करोड रपये हो गया जो कि 31 मार्च 2016 में 1,80,388 करोड रुपये था. इसी तरह कंपनी की नकदी बढकर 90,812 करोड रपये हो गई जो कि वित्त वर्ष 2015-16 के आखिर में 89,966 करोड रुपये थी.

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