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बाल कैदियों की सुनवाई रिमांड होम में
रांची : बाल कैदियों की सुनवाई अब रिमांड होम में ही होगी. बाल कैदियों को संबंधित जिलों में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में नहीं ले जाने पड़ेंगे. राज्य के पांच जिलों (रांची, गढ़वा, देवघर, दुमका व चाईबासा) को वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम से जोड़ दिया गया है. रांची व गढ़वा के बीच इंटर लिंक का ट्रायल भी […]
रांची : बाल कैदियों की सुनवाई अब रिमांड होम में ही होगी. बाल कैदियों को संबंधित जिलों में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में नहीं ले जाने पड़ेंगे. राज्य के पांच जिलों (रांची, गढ़वा, देवघर, दुमका व चाईबासा) को वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम से जोड़ दिया गया है. रांची व गढ़वा के बीच इंटर लिंक का ट्रायल भी हो चुका है.
जानकारी के मुताबिक संभवत: इसका उदघाटन 16 जुलाई को भारत के मुख्य न्यायाधीश करेंगे. इसकी लगभग तैयारी पूरी कर ली गयी है. यही नहीं अब बच्चे रिमांड होम से भाग भी नहीं सकेंगे. इसके लिए चहारदीवारी के निचले हिस्से में बारबेड वायर लगाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार रिमांड होम के कायाकल्प की भी प्रक्रिया जारी है. सभी दीवारों में वॉल पेंटिंग करायी गयी है. बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला भी लगाया गया है. इसके अलावा वॉलीबॉल कोट का निर्माण भी हो रहा है.
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