गैरकानूनी-जुगाड़ तंत्र के सहारे फल -फूल रहा अवैध कारोबार
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शहर में चल रहे कई अवैध नर्सिंग होम
गैरकानूनी-जुगाड़ तंत्र के सहारे फल -फूल रहा अवैध कारोबार क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का हो रहा उल्लंघन कई बार हुई छापेमारी, पर खेल जारी पूर्व में हुए आंदोलनों का असर नहीं शहर में कई अवैध नर्सिंग होम संचालित हैं. विभिन्न मुहल्लों की बात तो दूर सदर अस्पताल के समीप ही कई अवैध नर्सिंग होम आबाद हैं […]
क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का हो रहा उल्लंघन
कई बार हुई छापेमारी, पर खेल जारी
पूर्व में हुए आंदोलनों का असर नहीं
शहर में कई अवैध नर्सिंग होम संचालित हैं. विभिन्न मुहल्लों की बात तो दूर सदर अस्पताल के समीप ही कई अवैध नर्सिंग होम आबाद हैं जहां नेटवर्क के सहारे गांव-देहात से मरीजों का लाया जाता है. समुचित इलाज के नाम पर आर्थिक दोहन किया जा रहा है. पूर्व के दिनों में प्रशासन के द्वारा छापेमारी भी की गयी लेकिन कुछ ही दिनों के बाद फिर से अवैध कारोबार शुरू हो जाता है.
जहानाबाद : हम नहीं सुधरेंगें. कुछ इसी तर्ज पर शहर के विभिन्न स्थानों में अवैध नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है. एक तरफ आम अवाम के स्वास्थ्य को लेकर शासन और प्रशासन पूरी तरह फिक्रमंद है तो दूसरी ओर शहर के सदर अस्पताल के समीप ही अवैध नर्सिंग होम बेधड़क संचालित हैं जहां फर्जी चिकित्सक अपना धंधा चमकाने में लगे हैं.
प्रसूति महिलाओं से लेकर नवजात बच्चे व भ्रूण पर इनकी नजर रहती है. खासकर कन्या भ्रूण के मामले में हत्यारा साबित हो रहे ऐसे अवैध नर्सिंग होम वकायदा जुगाड़ तंत्र के सहारे कारोबार की पूरी व्यवस्था कर रखा है. अवैध संचालकों के जुगाड़ तंत्र के आगे सारे सिस्टम फेल साबित हो रहे हैं.
सदर अस्पताल के आस-पास से लेकर शहर के विभिन्न हिस्सों में संचालित दवा की छोटी -बड़ी दुकानों तक इनके एजेंट तैनात होते हैं जो गांव-देहात से आने वाले भोले-भाले लोगों को बरगलाकर अवैध नर्सिंग होम तक मरीज और उनके अभिभावकों को पहुंचा देते हैं. पूरा सिस्टम कमीशनखोरी की जाल से जकड़ा हुआ है. खबर के अनुसार दलालों को इसके एवज में प्रति मरीज 2 हजार रुपये तक कमीशन दिये जाते हैं.
कई बार हुई छापेमारी, पर खेल जारी : उक्त अवैध कारोबार के विरुद्ध पूर्व के दिनों में कई बार प्रशासनिक स्तर से छापेमारी की गयी. कुछ दिनों तक शांत रहने के बाद नर्सिंग हेाम के संचालक फिर से अपना पांव पसारना शुरू कर देते हैं. वर्तमान में शहर में अस्पताल मोड़, सदर अस्पताल के गेट के आसपास, राजाबाजार, होरिलगंज के समीप, काको रोड सहित करीब आधा दर्जन स्थानों पर दर्जनों अवैध नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है.
पूर्व के दिनों में ऐसे नर्सिंग होम को सील तक किया जा चुका है लेकिन कुछ दिनों के बाद अवैध कारोबारी अपने जुगाड़ तंत्र के जरिये पुन: कारोबार को फैला देते हैं. सूत्र बताते हैं कि अवैध नर्सिंग होम के संचालकों के तार सदर अस्पताल के कुछ कर्मियों से जुड़े हुए हैं जिनके माध्यम से बेहतर इलाज के नाम पर मरीजों को अवैध नर्सिंग होम तक पहुंचा दिया जाता है. पूर्व में इसके खिलाफ कुछ लोगों ने आंदोलन भी किया.
अवैध नर्सिंग होम द्वारा नया टोला मुहल्ले के समीप भ्रूण फेंका गया था इसके विरोध में मुहल्ले के लोग आक्रोश का इजहार करते हुए सड़क पर उतर गये थे. डीएम के आदेश पर उस वक्त कार्रवाई हुई थी. छापेमारी हुई थी लेकिन मौके से महिला संचालक फरार हो गयी थी.
क्या है नर्सिंग होम एक्ट : एक्ट में प्रावधान के तहत नर्सिंग होम में आने वालों को सुविधाएं और सेवाएं देनी होती है. विशेषज्ञ चिकित्सक के अलावा निपुण स्वास्थ्य कर्मी की व्यवस्था होनी चाहिए . लेखा-जोखा का भी हिसाब रखना होता है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इसके विधिवत संचालन से लोगों को चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं मिलती हैं. लाइसेंसी नर्सिंग होम के संचालन से अवैध नर्सिंग होम पर नियंत्रण होता है.
नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द करने का भी प्रावधान है. यहां के लोगों को जहानाबाद के नये सिविल सर्जन डाॅ विजय कुमार से काफी उम्मीदें जगी हैं. लोगों में इस आशा का संचार हुआ है कि नये सीएस अवैध नर्सिंग होम के संचालन पर पूरी तरह नकेल कसने में सफल होंगे.
क्या कहते हैं अधिकारी
अभी मैं पदभार ग्रहण किया हूं. वस्तुस्थिति को पूरी तरह समझूंगा. इसकी तहकीकात करायी जायेगी और अवैध ढंग से नर्सिंग होम का संचालन करने वाले लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवार्इ की जायेगी.
डा. विजय कुमार ,सिविल सर्जन
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