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दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका ने चीन को चेताया, महंगा पड़ेगा फैसले की अनदेखी

वाशिंगटन : दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों के खिलाफ सुनाए गए अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले का पालन करने से चीन के इनकार के मद्देनजर अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ‘‘बड़े देशों’ की ओर से अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन नुकसानदेह हो सकता है और उसने जोर दिया कि यह फैसला बाध्यकारी एवं अंतिम […]

वाशिंगटन : दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों के खिलाफ सुनाए गए अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले का पालन करने से चीन के इनकार के मद्देनजर अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ‘‘बड़े देशों’ की ओर से अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन नुकसानदेह हो सकता है और उसने जोर दिया कि यह फैसला बाध्यकारी एवं अंतिम है.

व्हाइट हाउस ने भड़काउ एवं उत्तेजक टिप्पणियां किए जाने के खिलाफ भी चेतावनी दी. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह उत्तेजक एवं भड़काउ टिप्पणियां या काम करने का समय नहीं है. हमारा मानना है कि यह गहरे संघर्ष की ओर बढ़ने का समय नहीं है बल्कि दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में प्रतिस्पर्धी दावों के शांतिपूर्ण एवं राजनयिक समाधान की ओर बढ़ने का समय है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दक्षिण चीन सागर के जरिए होने वाले अरबों डॉलर के वाणिज्य की रक्षा करना चाहते हैं. हम विश्व के इस इलाके में पारगमन मार्गों एवं नौवहन के मार्गों की रक्षा करना चाहते हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ये प्रतिस्पर्धी दावे किसी प्रकार के सैन्य संघर्ष में नहीं बदलें.’ अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘इसलिए हमने यह रख अपनाया है.’

द हेग स्थित मध्यस्थता अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया था कि ‘नाइन-डैश लाइन’ में पड़ने वाले समुद्री क्षेत्र पर ऐतिहासिक अधिकार के दावे के लिए चीन के पास कोई कानूनी आधार नहीं है. इसके बाद चीन ने दक्षिण चीन सागर पर एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन :एडीआइजेड: घोषित करने की धमकी देकर कल एसएससी में तनावबढ़ा दिया था.

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फिलीपीन द्वारा अदालत में लाए गए इस मामले पर सुनाए गए फैसले के बारे में कहा कि चीन इस निर्णय को ‘‘स्वीकार करने से इनकार’ करेगा.

अर्नेस्ट ने कल कहा था कि ‘‘हमारी आपस में जुड़ी दुनिया’ की सफलता सुनिश्चित करने लिए कुछ नियमों का पालन किया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा, ‘‘यदिबड़े देश इन नियमों का उल्लंघन करने और अपनी ताकत जताने की इच्छा रखते हैं तो यह नुकसानदेह हो सकता है.’ अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका एससीएस के दावेदारों में शामिल नहीं है और किसी विशेष दावे का ‘‘समर्थन या विरोध’ नहीं करता, बल्कि अमेरिका ने प्रतिस्पर्धी दावे करने वालों से शांतिपूर्वक एवं कूटनीति के जरिए विवाद सुलझाने की मजबूत अपील की है.

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा कि समुद्री कानून संधि पर चीन और फिलीपीन दोनों ने हस्ताक्षर किए हैं इसलिए ‘‘अमेरिका का यह मानना है कि न्यायाधिकरण का यह फैसला बाध्यकारी एवं अंतिम है.’

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