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बिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बाढ़ और सुखाड़ से निबटने की तैयारी का निर्देश

निर्णय. खेती के वास्तविक सर्वे के लिए कर्मियों को गांव का होगा आवंटन एक सप्ताह के अंदर जिलों में तैयारी की प्रभारी सचिव करेंगे समीक्षा. पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ और सुखाड़ से निबटने के लिए एक साथ तैयारी करने का डीएम और प्रमंडलीय आयुक्तों को निर्देश दिया है. उन्होंने मंगलवार को मुख्य […]

निर्णय. खेती के वास्तविक सर्वे के लिए कर्मियों को गांव का होगा आवंटन
एक सप्ताह के अंदर जिलों में तैयारी की प्रभारी सचिव करेंगे समीक्षा.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ और सुखाड़ से निबटने के लिए एक साथ तैयारी करने का डीएम और प्रमंडलीय आयुक्तों को निर्देश दिया है. उन्होंने मंगलवार को मुख्य सचिवालय के सभागार में आयोजित बाढ़ से निबटने की अब तक हुई तैयारी की उच्च स्तरीय समीक्षा की.
सभी जिलाधिकारी और प्रमंडलीय आयुक्तों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बारी-बारी जिले और प्रमंडल का ताजा ब्योरा लिया. समीक्षा बैठक के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि सीएम ने सभी जिलों में अब तक हुए वर्षा और फसलों के आच्छादन की स्थिति की जानकारी ली. जिलों में कम वर्षा की जानकारी पर सीएम ने अधिकारियों को बाढ़ और सुखाड़ से निबटने के लिए पूर्व से तय स्टैंडर ऑपरेटिंग प्रोसिड्योर (मानक संचालन प्रक्रिया) के आधार पर सभी आवश्यक तैयारी को पूरा करने का निर्देश दिया.
लगभग तीन घंटा तक चली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा की मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा वर्षा की मिल रहे डाटा चिंताजनक है. ऐसी स्थिति में हमें बाढ़ और सुखाड़ दोनों से निबटने की एक साथ तैयारी शुरू करना होगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में हुई तैयारी की एक सप्ताह के अंदर प्रभारी सचिव समीक्षा करेंगे.
जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के निर्णय के आधार पर गठित टास्क फोर्स की बैठक किया जायेगा. इससे तैयारी में कमी को दूर किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब वर्षा का डाटा सिर्फ मौसम विज्ञान केंद्र के डाटा पर निर्भर नहीं करना है.
सही डाटा के लिए सिस्टम में सुधार का निर्णय लिया गया है. अब सही डाटा के लिए कृषि, जल संसाधन, सांख्यिकी आदि विभागों से मिले डाटा के आधार पर अब तक हुई वर्षा की स्थिति की जानकारी ली जायेगी. ताकि किसी निर्णय के लिए सही डाटा उपलब्ध हो.
प्रधान सचिव ने बताया कि डीएम के साथ समीक्षा में पता चला कि मुंगेर में -92 प्रतिशत कम बारिश की जानकारी मौसम विज्ञान केंद्र दे रहा है, जबकि डीएम ने बताया कि वहां अच्छी बारिश हुई है. यही हाल कई जिलों में देखा गया. राज्य के 18 जिलों में सुखाड़ के हालात हैं. जहां औसत काफी कम बारिश हुई है. ऐसे जिलों में – 20 प्रतिशत से -95 प्रतिशत कम वर्षा रिकॉर्ड किया गया है.
इन जिलों में औसम से काफी कम बारिश की वजह से बिचड़ा तैयार करने में देरी हुई है. इन जिलों में औसत से – 20 प्रतिशत से भी कम बारिश रिकार्ड किया गया है, उसमें अररिया में -20 मिमी, बेगूसराय में – 33 मिमी, भभुआ में – 27 मिमी, पूर्वी चंपारण में -56 मिमी, गोपालगंज में -60 मिमी, जहानाबाद में – 20 मिमी, कटिहार में -44 मिमी, खगड़िया में -50 मिमी, मधुबनी में -32 मिमी मुंगेर में -95 मिमी, मुजफ्फरपुर में -44 मिमी, पटना में -23 मिमी, सहरसा में -59 मिमी, सारण में -60 मिमी, शिवहर-82 मिमी, सीतामढ़ी -61 मिमी, सीवान में -74 मिमी और वैशाली में -37 मिमी बारिश रिकार्ड किया गया है.
दस जिले जहां अच्छी बारिश हुई
राज्य के दस जिलों में औसत से अधिक बारिश हुई है जिसमें अरवल में सात, औरंगाबाद में दो, बांका में 83 मिमी, भागलपुर में एक मिमी, गया में सात मिमी, किशनगंज में दो मिमी, नालंदा में 14 मिमी, रोहतास में 17 मिमी, शेखपुरा में 12 मिमी और सुपौल में औसत से आठ मिमी प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. वहीं दस अन्य जिले हैं जहां औसत से कम बारिश हुईए लेकिन यहां सुखाड़ वाली हालात नहीं है, इसमें प चंपारण, समस्तीपुर, पूर्णिया, नवादा, मधेपुरा, लखीसराय, जमुई, दरभंगा और भोजपुर जिले शामिल हैं.
संसाधानों के रखरखाव के लिए बनेगा एसओपी
जिलों में बाढ़ से निबटने के लिए रखे गये संसाधानों के रखरखाव के लिए मानक संचालन प्रक्रिया बनाने का निर्णय लिया गया है. यह जिम्मेवारी आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपा गया है. प्रधान सचिव ने बताया कि पूर्व में भी मोटर बोट, लाइफ जैकेट आदि को रखने के लिए बड़ा बक्सा खरीदने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कई जिलों में ऐसा नहीं किया गया.
इसके कारण रबर वाले कई इन फ्लेटेबल बोट को चूहा ने काट दिया. इन जिलों को जरूरत के अनुसार संसाधन देने का निर्णय भी लिया गया.
समीक्षा बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री प्रो चंद्रशेखर, कृषि मंत्री राम विचार राय, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमीर सुबहानी, आपदा प्रंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार, ओएसडी संदीप कुमार आदि मौजूद थे.
फसलों की रोपनी का होगा वास्तविक सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में फसलों के रोपनी का वास्तविक सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया गया. इसके लिए कृषि विभाग के कर्मियों को गांव और पंचायत का आवंटन किया जायेगा.
विभाग को किसानों की सूची होती है. ऐसे में कर्मचारी प्लॉट दर प्लॉट सर्वेक्षण की जानकारी मुख्यालय को उपलब्ध करायेंगे. कर्मचािरयों द्वारा सर्वेक्षण के 20 प्रतिशत पंचायतों की जांच प्रखंड स्तर के अधिकारी करेंगे और पांच प्रतिशत पंचायतों की जांच सीनियर डिप्टी कलेक्टर द्वारा जांच किया जायेगा.

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