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आतंकी सोच
हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शन तेज हैं. उसमें पाकिस्तान के नारे लगानेवाले कभी पाकिस्तान नहीं जायेंगे क्योंकि भारत में जो सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं, वह उन्हें पाकिस्तान में मिलनी कभी संभव नहीं है. ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगानेवाले उस देश में अगर जायेंगे तो उन्हें […]
हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शन तेज हैं. उसमें पाकिस्तान के नारे लगानेवाले कभी पाकिस्तान नहीं जायेंगे क्योंकि भारत में जो सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं, वह उन्हें पाकिस्तान में मिलनी कभी संभव नहीं है. ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगानेवाले उस देश में अगर जायेंगे तो उन्हें ‘पाकिस्तान से जिंदा भाग’ के नारे लगाने पड़ेंगे, क्योंिक उनकी अर्थव्यवस्था की हालत इतनी खराब है.
आतंकी विचारों को तगड़ा प्रभाव कश्मीर की जनता पर होने के कारण वो लोग हमेशा भारतीय सेना को अपना दुश्मन मानते आ रहे हैं. आतंकवादी के मारे जाने के बाद वहां विरोध प्रदर्शन और उसके जनाजे में लोगों के हुजूम जुटने की बात सामने आती रही है. कश्मीर में शांति के लिए केंद्र सरकार के प्रयास जारी रहते हैं, लेकिन पता नहीं क्यों, वहां की जनता से उसे कोई भी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती.
अमित पडियार, ई-मेल से
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