कोलकाता:कांग्रेस और उसके वरिष्ठ विधायक व लोकलेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मानस भुईंया के बीच अब भी भी तनावपूर्ण स्थिति बरकरार है. डॉ भुईंया ने विधानसभा में पहली पीएसी बैठक की अध्यक्षता की. वाममोरचा के विधायक निजी कारणों का हवाला देते हुए बैठक में शामिल नहीं हुए.
अपनी ओर से श्री भुईंया ने बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों से इसमें शामिल होने की अपील की. वहीं, पार्टी ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की धमकी दी. कांग्रेस विधायक दल की ओर से मुख्य सचेतक मनोज चक्रवर्ती ने डॉ भुईंया को कांग्रेस विधायकों के हस्ताक्षरित पत्र दिये, जिनमें डॉ भुईंया से पीएसी के अध्यक्ष पद छोड़ने का आग्रह किया गया है. हालांकि डॉ भुईंया ने साफ कर दिया है कि वह पद पर बने रहेंगे. उनके नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं. यदि वह उन्हें तलब करते हैं, तो वह जवाब देंगे. शुक्रवार डॉ भुईंया ने फिर पीएसी की बैठक बुलायी है.
सभी विधायकों को पत्र देंगे मानस
डॉ भुईंया ने कहा कि वह कांग्रेस के सभी विधायकों को पत्र देंगे और पूछेंगे कि उनका क्या गुनाह है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चार बार से सांसद हैं. उन्हें फिर मालूम है कि विधानसभा के नियम और कायदे अलग होते हैं. यह कुतुबमीनार या शहीद मीनार नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें जो पत्र दिया है कि वह एक सादे कागज पर है. किसी के पैड पर नहीं है.
मन्नान पर पार्टी को भ्रमित करने का आरोप
इस बीच, डॉ मानस भुईंया ने विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अब्दुल मन्नान पर उन्हें अपमानित करने और पार्टी को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महान नेता अब्दुल मन्नान ने पार्टी व प्रदेश अध्यक्ष को गलत जानकारी दी है. उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ गलत अभियान चलाया जा रहा है.
शहीद बनना चाह रहे मानस : अधीर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने संकेत दिया कि अगर मानस पार्टी में बने रहना चाहते हैं तो उन्हें पार्टी का फैसला मानना होगा.
कांग्रेस पहले ही मानस भुईंया से इस पद से इस्तीफा देने को कह चुकी है, लेकिन इसके साथ ही संकेत दिया कि ऐसा लग रहा है कि डॉ भुईंया पीएसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि आप लोग समझ रहे हैं कि यदि कोई दूसरा उद्देश्य नहीं रहे, तो मानस बाबू जैसा वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष क्या इस तरह के व्यवहार कर सकते हैं. वे लोग उनको पार्टी से नहीं निकलाना चाहते हैं. वह वास्तव में कांग्रेस पर आरोप लगा कर शहीद होना चाहते हैं, ताकि उन्हें जहां जाना है निश्चिंत होकर जा सकें.
पार्टी के निर्देश को माना है : मन्नान
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने डॉ भुईंया के आरोपों पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि राजाराम मोहन राय से लेकर विद्यासागर जैसे बड़े लोगों पर आरोप लगे थे. वह तो केवल एक छोटे नेता हैं. उन पर कोई भी आरोप लगाये. वह कुछ नहीं कहेंगे. उन्होंने केवल पार्टी के निर्देश का पालन किया है और यदि पार्टी उन्हें कहती है कि उन्होंने कोई गलत काम किया है. वह उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बार-बार कहा कि यदि उनके प्रति डॉ भुईंया को कोई शिकायत है, तो वह पार्टी के सर्वोच्च नेता से शिकायत करें. उन्होंने केवल पार्टी नेतृत्व के निर्देश का पालन किया है.