मुंबई/नयी दिल्ली : विवादास्पद इसलामिक उपदेशक जाकिर नाइक के अब दो-तीन हफ्ते तक स्वदेश लौटने के आसार नहीं है. नाइक के सऊदी अरब से सोमवार को आने की उम्मीद थी, लेकिन अब वह कुछ अफ्रीकी देशों में सार्वजनिक व्याख्यान देने की योजना बना रहे हैं. अपने भड़काऊ भाषणों के जरिये आतंकवाद को प्रेरित करने का आरोप झेल रहे नाइक ने मंगलवार को स्काइप के जरिये होनेवाले अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी रद्द कर दिया है. सऊदी में नाइक ने कहा कि किसी भी सरकारी एजेंसी ने अभी तक संपर्क नहीं किया है. आधिकारिक भारतीय सरकारी जांच एजेंसी मुझसे जो भी सूचना चाहेंगे, मैं सहयोग करूंगा.
बहरहाल, नाइक ने मीडिया पर बयानों को तोड़ने-मरोड़ने तथा मूल बयान नहीं देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यदि समय मिला, तो मैं वीडियो पर कुछ प्रमुख आरोपों का जवाब दूंगा व उन्हें सोशल मीडिया पर डालूंगा, जिससे यदि मीडिया उनका दुरुपयोग करती है तो मूल उत्तर उपलब्ध हो सके. नाइक ने दोहराया कि वह आतंकवाद या हिंसा का समर्थन नहीं करते और न ही वह किसी आतंकी संगठन का समर्थन करते हैं.
तृणमूल ने अपने सांसद को चेताया : तृणमूल कांग्रेस ने नाइक के समर्थन में बयान देनेवाले अपने सांसद इदरीस अली को आगाह किया कि उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है. अली ने हाल में कहा था कि नाइक आतंकवाद का समर्थन नहीं करता है.
समर्थन में उतरी सपा : सपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबु आजमी ने नाइक के समर्थन में कहा कि यदि उसके भाषण आतंकियों को प्रेरित कर रहे थे, तो पिछले 25 सालों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी.
नाइक को स्वदेश लौटते ही करें गिरफ्तार : सेना
शिवसेना ने सोमवार को मांग की कि जाकिर नाइक को सऊदी से भारत लौटते ही गिरफ्तार किया जाये और उसके ‘पीस टीवी’ नेटवर्क को बंद दिया जाये. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है, जिस तरह पाकिस्तान में रह रहे जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर मसूद जैसे उन्मादी खुलेआम जहर उगलते हैं, उसी तरह जाकिर नाइक जैसे लोग शांति के नाम पर अपने सामाजिक कार्य की आड़ में अपने इरादों को अंजाम देते हैं. शिवसेना ने कहा है कि नाइक को उसी कोठरी में रखा जाना चाहिए, जहां पहले मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को रखा गया था.
केंद्र ने किया पीस टीवी का आवेदन खारिज : केंद्र सरकार ने जाकिर नाइक के पीस टीवी को सुरक्षा कारणों से भारत में प्रसारण करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. सूचना प्रसारण मंत्री नायडू ने कहा कि चैनल ने 2008 में अनुमति के लिए आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिया गया. उन्होंने 2009 में नये सिरे से आवेदन किया और उसे भी सुरक्षा कारणों से खारिज कर दिया गया.