दरअसल पूर्व मध्य रेल के पाटलिपुत्र स्टेशन से हाल में एक्सप्रेस, इंटरसिटी और पैसेंजर समेत कुल 15 ट्रेनें खुल रही हैं. इनमें से छह एक्सप्रेस ट्रेनें लंबी दूरी की हैं. इसके साथ ही अगस्त माह से पांच-छह और ट्रेनों का परिचालन कराने की योजना है. हालांकि, स्टेशन पर यात्रियों के साथ कर्मियों के लिए भी मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है. प्रभात खबर ने स्टेशन का जायजा लिया, तो स्टेशन पर बने पूछताछ काउंटर पर कर्मी नदारद दिखे. साथ ही प्लेटफॉर्म नंबर एक गोदाम बना हुआ था.
Advertisement
पाटलिपुत्र स्टेशन: पूछताछ काउंटर पर कर्मी नहीं, प्लेटफॉर्म बना गोदाम
पटना: पाटलिपुत्र स्टेशन से परिचालन तो शुरू हो गया है, पर सुविधाओं का टोटा बरकरार है. भीषण गरमी और ऊमस का मौसम है और इसमें शीतल जल के लिए भी ट्रेन के यात्री मुहताज हैं. ट्रेन आने पर यात्री दौड़ के प्लेटफाॅर्म पर लगे प्याऊ पर तो जा रहे हैं, पर टोटी से जब उबलता […]
पटना: पाटलिपुत्र स्टेशन से परिचालन तो शुरू हो गया है, पर सुविधाओं का टोटा बरकरार है. भीषण गरमी और ऊमस का मौसम है और इसमें शीतल जल के लिए भी ट्रेन के यात्री मुहताज हैं. ट्रेन आने पर यात्री दौड़ के प्लेटफाॅर्म पर लगे प्याऊ पर तो जा रहे हैं, पर टोटी से जब उबलता हुआ पानी जब उनके हथेली पर आ रहा है, तो मनमसोस कर रह जा रहे हैं. पूछताछ का काउंटर खुला तो है, पर वहां रेलकर्मी गायब हैं. ऐसे में ट्रेन यात्रियों को बेसिक सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं.
पीने के िलए ठंडा पानी भी नहीं िमलता
स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर चार जगहों पर पीने के पानी की व्यवस्था की गयी है, जिनमें से दो खुले स्थान पर हैं. इन सभी जगहों पर यात्रियों को सामान्य पानी मिलता है, जो गरम होता है. ऊमस भरी गरमी में यात्रियों को गला तर करने के लिए बोतल बंद पानी का ही सहारा लेना पड़ता है. इसकी वजह है कि स्टेशन परिसर में रेल प्रशासन द्वारा कहीं भी शीतल पेयजल की व्यवस्था नहीं की गयी है.
बंद िमलता पूछताछ काउंटर है कर्मी की कमी से परेशानी
स्टेशन के प्रवेश द्वार के दायें हिस्से में यात्रियों की सुविधा के लिए पूछताछ काउंटर बनाया गया है. इस काउंटर पर एक बोर्ड लगा है, जिस पर दो-तीन गाड़ियों का डिटेल्स लिखा हुआ है. हालांकि, दर्जनों की संख्या में पूछताछ काउंटर पर खड़े थे, जिन्हें गाड़ियों की जानकारी चाहिए थी, लेकिन काउंटर पर कोई कर्मी नहीं होने के कारण यात्रियों को सही जानकारी नहीं मिल रही थी.
प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ही आरपीएफ और जीआरपी
प्लेटफॉर्म नंबर एक पर दानापुर जानेवाले हिस्से के अंतिम छोर पर जीआरपी व आरपीएफ को एक-एक रूम उपलब्ध कराया गया है. इस रूम में सिर्फ पीआरपी थानाध्यक्ष व आरपीएफ इंस्पेक्टर बैठते हैं. इसके अलावा दोनों थानों का कार्य प्लेटफॉर्म पर ही होता है. इसको लेकर प्लेटफॉर्म की घेराबंदी कर दी गयी है, जहां पुलिस की कुरसी-टेबुल लगे हुए हैं. इतना ही नहीं, बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गयी है. आरपीएफ व जीआरपी में तैनात कर्मी तंग हालत में ड्यूटी करने को मजबूर हैं.
बुकिंग काउंटरों पर जगह की कमी
स्टेशन के पॉटिको के दोनों हिस्सों में जेनरल व आरक्षण टिकट काउंटर बनाये गये हैं. प्रवेशद्वार के बाये हिस्से में दो टिकट काउंटर व दाहिने हिस्से में चार जेनरल व एक आरक्षण काउंटर है. इन टिकट काउंटरों पर बुकिंग क्लर्क को काफी दिक्कत में काम करना पड़ रहा है. इसका मुख्य कारण कम जगह में काउंटर अधिक हैं और पंखे की भी व्यवस्था नहीं की गयी है. इससे दायें हिस्से में बना टिकट काउंटर बंद ही रहता है. साथ ही आरक्षण टिकट काउंटर से ही फॉर्म व टिकट दोनों मिलते हैं. काउंटर पर बैठनेवाले कर्मी को दो काम एक साथ करना पड़ता है, जिससे कर्मी व यात्री दोनों को दिक्कत होती है. इतना ही नहीं, काउंटर हॉल में जगह कम है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement