II अनुप्रिया अनंत II
फ़िल्म : सुल्तान
कलाकार: सलमान खान, अनुष्का शर्मा, रणदीप हुड्डा, कुमुद मिश्रा, अमित साध, परीक्षित साहनी
निर्देशक : अली अब्बास जफ़र
रेटिंग : 3 स्टार
सलमान खान की फ़िल्म सुल्तान का उनके दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार है. फ़िल्म को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं कि फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकार्ड्स तोड़ देगी. यह मुमकिन भी है. सुल्तान की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह सिर्फ सलमान की फ़िल्म नहीं है. मसलन आप जब किसी कलाकार को किरदार के रूप में देखते हैं तो फ़िल्म आपको विश्वसनीय लगने लगती है.
निर्देशक ने सुल्तान रचते हुए इन्हीं बातों का ख्याल रखा है. फ़िल्म शुरुआत से ही सलमान की नहीं सुल्तान की फ़िल्म नजर आती है. यह सिर्फ एक रेसलिंग की कहानी या स्पोर्ट्स पर आधारित फ़िल्म नहीं है. यह एक बेहतरीन प्रेम कहानी भी है. एक खूबसूरत प्रेम कहानी, जैसा कि फ़िल्म में सुल्तान को रोमियो रेसलर कह कर पुकारा गया है. निर्देशक ने शुरू से ही इन बातों को तवज्जो दी है फ़िल्म की प्रेम कहानी उभर कर सामने आये.
खास बात यह है की हम फ़िल्म में सलमान के चिर-परिचित अंदाज़ को नहीं देखते हैं. इसलिए वे फ़िल्म में नए दिखते हैं. इस बार सलमान की फ़िल्म में ऐक्शन बेतुका नहीं है. इस बार ऐक्शन की वजह नजर आई है।फ़िल्म में रेसलिंग के रिंग को एहमियत दी गयी है. हीरो को भी हारते दिखाया गया है. फ़िल्म की कहानी बेमक़सद जिंदगी वाले सुल्तान से शुरू होती है, जिसे प्यार एक रेसलिंग करने वाली लड़की से होता है लेकिन रेसलर लड़की को रोमियो नहीं रेसलर चाहिए.
स्पोर्ट्स पर्सन जिंदगी में फिलोशपी को बहुत मानते हैं और वह अपने काम के साथ जिंदगी की पाठशाला भी सीखते चलते हैं. इस फ़िल्म भी सुल्तान अपने हर दाव पर एक पथ सीखता है. यह पथ उसे जिंदगी सिखाती है. दुनिया में सबसे बड़ा गोल्ड मेडल हासिल करने के बावजूद जिंदगी की रिंग में जब सुल्तान हारता है और फिर वहां से किस तरह वह दोबारा खुद को खड़ा करता है. फ़िल्म में इसे खूबसूरती से दिखाया गया है. हार तब तक नहीं होती जब तक आप खुद से हार न मान लो.
फ़िल्म के अंतिम दृश्य के मैच में सुल्तान अपनी ही परछाई से जंग जीतता है. यही से उसे नई दिशा मिलती है. अली अब्बास बे इससे पहले गुंडे और मेरे ब्रदर की दुल्हन बनाई थी. उन फिल्मों में वे जल्द बाज़ी में नजर आये थे. मगर इस बार वे जल्दबाज़ी में नहीं. उन्होंने फ़िल्म की स्क्रिप्ट, संवाद पर पूरा काम किया है. फ़िल्म के गीत भी फ़िल्म की कहानी को आगे बढ़ाते हैं. खास बात यह है बजरंगी भाईजान के बाद एक बार फिर से सलमान अपने समीक्षकों का मुंह बन्द करने में कामयाब होंगे.
इस बार भी वे अपनी इमेज को तोड़ कर सामने आये हैं और उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया है. गौरतलब है कि जब जब सलमान अपनी इमेज को तोड़ कर सामने आ रहे हैं एक अलग ही सलमान बतौर कलाकार सामने आ रहे. फ़िल्म में एक रेसलर, एक रोमियो, एक जिंदगी से हारे व्यक्ति और साथ ही फिर से फौलादी की तरह वे फ़िल्म में अभिनय करते नजर आये हैं। उनका रोना दर्शकों की आँखों में भी पानी लाता है.
अनुष्का से बेहतरीन किरदार इसे कोई नहीं निभा पाता. उनके एक्सप्रेशन उनका अंदाज़, हाव भाव बिल्कुल कहानी की मांग के अनुरूप हैं. वे अपने किरदार में विश्वसनीय लगी हैं रणदीप हुड्डा कम दृश्यों में भी चौंकाते हैं. अमित साध ने साधू हुई एक्टिंग की है इस बार कुमुद मिश्रा को संवाद कम मिले हैं लेकिन उस्तादजी के रूप में वे अपनी शांति से भी उपस्थिति दर्ज़ कराते हैं.
फ़िल्म में सलमान के दोस्त का किरदार निभा रहे कलाकार ने भी सधी हुई ऐक्टिंग की है. फ़िल्म की खासियत यह भी है कि फ़िल्म में रोमांच, रोमांस, हास्य, ड्रामा, और इमोशन, दर्द सब कुछ है. निस्संदेह यह फ़िल्म सलमान के प्रशंसकों के लिए ईदी है.