पर्यटन विभाग ने इसके लिए 75 लाख की योजना बनायी है. बताया जाता है कि पर्यटन विभाग उक्त राशि को वन विभाग को मुहैया करायेगी व वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद काम चालू होगा. करीब 1100 फीट ऊंचे त्रिकुट पहाड़ तक पैदल यात्रा करने लिए वर्तमान में जो मार्ग हैं, वह अविकसित व कठिन हैं.
पर्यटक जान-जोखिम में डाल कर जैसे-तैसे इस पैदल मार्ग से यात्रा करते हैं. अगर थोड़ी से चूक हुई तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है. खासकर बरसात के दिनों में फिसलन की अधिक संभावना बनी रहती है. बताया जाता है कि पर्यटन विभाग की योजना के अनुसार, पैदल मार्ग को सीढ़ीनुमा बनाया जायेगा. जिस जगह खाई है, उस जगह को पत्थर से भरा जायेगा. पैदल मार्ग तैयार होने के बाद पर्यटक आराम से त्रिकुट पहाड़ की चोटी तक पैदल आवागमन कर सकते हैं. पिछले दिनों पैदल मार्ग जर्जर होने की वजह से पर्यटक रात में त्रिकुट पहाड़ की चोटी से वापस नहीं लौट पाये थे.