बक्सर : ईद पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, बाजारों की रौनक वैसे-वैसे बढ़ रही है. शहर के बाजार देर रात तक गुलजार रहने लगे हैं. छह या सात जुलाई को मनानेवाले ईद के लिए अब उलटी गिनती शुरू हो गयी है.
तीस दिनों तक रमजान के पाक महीने में रोजा रखने के बाद आनेवाले ईद को लेकर बाजार में चहल-पहल तेज हो गयी है. बाजार में सड़कों के किनारे भी दुकानें सजी हैं, जहां सेवइयां, खजूर, फल आदि की खूब बिक्री हो रही है. ठेलों पर सजीं रंग-बिरंगे सेवइयां लोगों का ध्यान अपने ओर खूब आकर्षित कर रही हैं. दूसरी तरफ कपड़े की दुकानों पर भी महिलाओं व बच्चों को भीड़ दिख रही है. कहीं मुलायम टोपी, तो कहीं हार्ड टोपी व रूमाल की युवा खरीदारी कर रहे हैं. शहर के मुनिम चौक, पीपी रोड, जमुना चौक व पंजाबी मार्केट सहित अन्य जगहों पर टोपी और खान-पान की दुकान सजी हुईं हैं. रेडिमेड कपड़े की दुकानों पर एक-से बढ़ कर एक डिजाइन में कुरता व पैजामा आया है.
बच्चों का जोर टोपी और रूमाल पर ज्यादा : जगजीवन मार्केट में सेवई की दुकान लगाये आफदाब अंसारी ने कहा कि ईद का वक्त जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहा है. वैसे-वैसे बाजार में भीड़ बढ़ रही है.
लोग अपने पसंद के अनुसार खरीदारी कर रहे हैं. बाजार में सेवइयां तीन भाव की बिक रहीं हैं. टोपी, रूमाल और इत्र की दुकानें भी सजी हैं. दुकानदार परवेज ने बताया कि लोग नये-नये डिजाइन के सामान की खरीदारी कर रहे हैं. खासकर बच्चों के लिए रूमाल और टोपी की कई डिजाइनें उपलब्ध हैं.
डिजाइनर कपड़े ज्यादा बिक रहे : खरीदारी करने आये साजिया और सबा आलम ने बताया कि पहले खरीदारी इसलिए कर ले रहे हैं.
क्योंकि बाद में अच्छे डिजाइन का सामान खत्म हो जाता है. ईद के चंद दिनों पहले बाजार में काफी भीड़ बढ़ जाती है, जिससे खरीदारी में परेशानी होती है. वहीं, महिला निगार खान, जेबुनिसा, गुलबदन बानो आदि ने बताया कि ईद के खुशी के मारे बच्चे अभी से ही कपड़े सहित अन्य सामान की जिद कर रहे हैं. बच्चों की जिद के कारण अभी से ईद के समय तक तीन-चार बार खरीदारी करनी पड़ती है. रेडिमेड दुकान के अलावा टेलर दुकान पर भी कपड़ा सिलवानेवालों का लोड बढ़ा हुआ है.
प्रदेश से भी घर पहुंच रहे लोग
अपने घर से दूर दराज रहनेवाले लोग भी ईद मनाने के लिए अपने घर की ओर रुख कर रहे हैं. डीटी रोड स्थित टेलर मास्टर फारुक अंसारी ने कहा कि आम दिनों के अपेक्षा ईद के मौके पर दुगना लोड बढ़ जाता है. ईद की खुशियां परिवार के साथ मनाने के लिए परदेशी भी घर आ रहे हैं.