नयी दिल्ली : सीबीआइ ने करीब दस साल पुराने एक मामले में सोमवार को दिल्ली के सीएम केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और चार अन्य को गिरफ्तार किया. उनमें मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिव तरण शर्मा, संदीप कुमार, दिनेश गुप्ता और अशोक कुमार भी शामिल हैं. उन पर सरकारी ठेकों में घूस लेने और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. सीबीआइ के प्रवक्ता आरके गौड़ ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार सभी पांच लोगों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जायेगा.
कुछ दिन पहले ही सीबीआइ ने राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर छापे मारे थे. राजेंद्र पर सरकारी कार्यालयों में स्टेशनरी, कम्प्यूटर और सॉफ्टरवेयर डेवलपमेंट के ठेके में गड़बड़ी, अपने खास लोगों को कॉन्ट्रैक्ट देने का आरोप है. सीबीआइ का कहना है कि राजेंद्र कुमार ने करीब 50 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी.
वरिष्ठ अधिकारी और दिल्ली डायलॉग कमीशन के पूर्व सचिव आशीष जोशी ने एसीबी चीफ एमके मीणा को पत्र लिख कर राजेंद्र कुमार को भ्रष्ट करार दिया था और जांच की मांग की थी. 1989 बैच के आइएएस राजेंद्र कुमार केजरीवाल के विश्वासपात्र अफसरों में से एक हैं.
केंद्र का घबराहट भरा कदम : आप
इस गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल बनता देख घबरा गयी है और घटिया हरकत पर उतर आयी है. आप के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि पहले भी राजेंद्र कुमार के घर व दफ्तर पर छापा मारा गया था, लेकिन सीबीआइ को कुछ हासिल नहीं हुआ था.