जबकि यहां जांच कंट्रोल इनटू टू को आधार बना कर किया गया. यदि ऐसा होता है तो जेइ से पीड़ित 12 बच्चों में कई बच्चों को जेइ से मुक्त माना जायेगा. हालांकि इसकी सही रिपोर्ट दिल्ली के एनसीडीसी के लैब में ब्लड सैंपल की जांच के बाद ही आ पायेगी. पिछले दिनों दिल्ली से एनसीडी सेल के इंटेलीजेंस एपेडेमिक ऑफिसर डाॅ जनार्दन नायक व अन्य विशेषज्ञों ने एसकेएमसीएच में बच्चों की जेइ जांच का अध्ययन किया था.
उन्होंने बच्चाें की रिपोर्ट भी देखी थी. विशेषज्ञों ने जेइ की जांच के लिए जो यहां मानक निर्धारित किया गया था, उससे वे संतुष्ट नहीं थे. विशेषज्ञों ने स्पष्ट रूप से तो जांच को सिरे से नकारा नहीं था. लेकिन इस पर सवाल जरूर उठाया था. हालांकि एसकेएमसीएच के विशेषज्ञ इस बात को नकार रहे हैं. उनका कहना है कि विशेषज्ञों ने गलत सवाल खड़ा किया है.