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विदेशी फलों का शौकीन हो रहा शहर

राजनेता-मंत्री, बड़े अधिकारी, डॉक्टर व उद्योगपतियों को भा रहे विदेशी फल देशी फलों की अपेक्षा तीन-चार गुना महंगे होते हैं विदेशी फल सुबोध कुमार नंदन पटना : राजधानी में विदेशी फलों की मांग और खपत लगातार बढ़ रही है. इस कारण शहर में विदेशी फलों के दुकानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. मौसमी […]

राजनेता-मंत्री, बड़े अधिकारी, डॉक्टर व उद्योगपतियों को भा रहे विदेशी फल
देशी फलों की अपेक्षा तीन-चार गुना महंगे होते हैं विदेशी फल
सुबोध कुमार नंदन
पटना : राजधानी में विदेशी फलों की मांग और खपत लगातार बढ़ रही है. इस कारण शहर में विदेशी फलों के दुकानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. मौसमी फलों के अपेक्षा बिना मौसम विदेशी फल लोगों की पहली पंसद हैं. इन फलों के लिए ग्राहक मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हैं.
राजनेता-मंत्री, बड़े अधिकारियों, डाक्टरों, उद्योगपतियों और बड़े कारोबारियों को देशी फलों की अपेक्षा विदेशी फल अधिक भा रहे हैं. राजधानी के कुछ फल विक्रेताओं द्वारा सालों भर विदेशी फलों की आपूर्ति की जा रही है.
कहां-कहां से आते हैं : यह फल अमेरिका, द. अफ्रीका, आॅस्ट्रेलिया, चीन, जापान, थाइलैंड, न्यूजीलैंड, अफगानिस्तान, नेपाल, इराक आदि देशों के होते हैं. बड़े फल विक्रेता लगभग हर दिन इन फलों को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई तथा बेंगलुरु से हवाई जहाज और रेलगाड़ियों से मंगाते हैं, लेकिन अब बाजार समिति में भी विदेशी फलों के मंडी खुल गये हैं.
इनकम टैक्स गोलंबर है सबसे बड़ा बाजार
विदेशी फलों का सबसे बड़ा व प्रमुख बाजार है इनकम टैक्स गोलंबर. जहां सबसे पहले विदेशी फल आता है. यहां के कुछ दुकानदार सीधे दिल्ली या कोलकाता से माल मंगाते हैं. पाटलिपुत्र काॅलोनी, सब्जी बाग, पटना सिटी, राजवंशी नगर (हनुमान मंदिर), कंकड़ बाग, राजा बाजार, राजेंद्र नगर समेत के चुनिंदा इलाके के कुछ ही फल दुकानों में उपलब्ध हैं. इन दिनों पटना के बाजार में सबसे अधिक चाइना तथा आस्ट्रेलियाइ सेब तथा संतरा की आपूर्ति हो रही है.
मांग बढ़ने पर होती है एडवांस बुकिंग
इनकम टैक्स गोलंबर स्थित मां वैष्णो देवी के मुकुल कुमार ने बताया कि वैसे तो इस मंडी से ग्राहकों को सालों भर विदेशी फलों की आपूर्ति की जाती है, लेकिन लगन और गरमी के मौसम में इनकी आपूर्ति में थोड़ी परेशानी होती है. इससे बचने के लिए एडवांस बुकिंग करनी पड़ती है, ताकि ग्राहक को सही समय पर ताजा माल दे सकें. इन दिनों उच्च वर्ग की महिलाओं में मीठा इमली खाने का क्रेज बढ़ा है. यह थाइलैंड से आता है. इस वक्त मीठा इमली अस्सी रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
सबसे बड़े खरीदार मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव
सब्जीबाग के फल विक्रेताओं ने बताया कि इन फलों के खरीदार डाॅक्टर और कारोबारी वर्ग तक सीमित हैं. फल विक्रेता असलम ने बताया कि विदेशी फल के सबसे बड़े खरीदार मेडिकल रिप्रजेंटेटिव होते हैं, जो डाॅक्टरों को उपहार में देने के लिए खरीदते हैं. रामजान की वजह से अभी फलों के दाम अासमान पर है. देशी फलों की अपेक्षा लगभग तीन-चार गुना महंगा होने कारण छोटे फल दुकानदार इन फलों को बेचने और मंगाने से डरते है
कीमत एक नजर में
विदेशी फल कीमत
आस्ट्रेलियन अंगूर 400 रुपये
आस्ट्रेलियन नाशपाती 250 रुपये
आस्ट्रेलियन सेब 180 -220 रुपये
चाइनीज सेब 170 -200 रुपये
चाइनीज संतरा 120 रुपये
चाइनीज नाशपाती 200 रुपये
मीठा इमली (थाइलैंड) 80 रुपये
कीवी (न्यूजीलैंड) 300 रुपये

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