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अब तक सिर्फ तैयारियों की तैयारी

श्रावणी मेला 2016. प्रशासनिक तैयारी शिथिल, 20 दिन शेष रह गया मेला श्रावणी मेले को लेकर बांका जिले में अब तक सिर्फ तैयारियों की ही तैयारी चल रही है. अब तक प्रशासनिक स्तर पर कई बैठकें आयोजित हो चुकी हैं. संबंधित विभाग को जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किये गये […]

श्रावणी मेला 2016. प्रशासनिक तैयारी शिथिल, 20 दिन शेष रह गया मेला

श्रावणी मेले को लेकर बांका जिले में अब तक सिर्फ तैयारियों की ही तैयारी चल रही है. अब तक प्रशासनिक स्तर पर कई बैठकें आयोजित हो चुकी हैं. संबंधित विभाग को जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किये गये हैं. लेकिन धरातल पर दिखने लायक कुछ शुरू नहीं हो सका है.
बांका : कांवरिया पथ ज्यों का त्यों है. बेलहर क्षेत्र में कांवरिया पथ पर बालू छिड़कने का काम 2 दिन पूर्व शुरू हुआ. वह भी औपचारिक तौर पर. लेकिन इसमें भी अड़चने आ गयीं. स्थानीय कुछ लोगों ने किसी वजह से इन पर रोक लगा दी. यह बात प्रशासन तक पहुंचायी गयी है. अब प्रशासन इनसे निबटने की तैयारी करेगा. कांवरिया पथ पर बिजली, पानी, चिकित्सा, सुरक्षा आदि के इंतजाम की अब तक पहल भी शुरू नहीं हो पायी है. सच्चाई यह है कि कांवरिया पथ पर अब तक तैयारियों के लिए तैयारियां की जा रही हैं. श्रावणी मेला इसी माह 20 जुलाई से आरंभ होने वाला है.
लेकिन इस पथ पर धौरी से लेकर लुल्हा महकारा, दसपसैया, जिलेबिया, शिवलोक, सतलेटवा, अबरखा, खजूरिया, कमरिया धर्मशाला, जमुआ मोर, इनारावरण, लक्ष्मण झूला, गोड़ियारी आदि स्थानों पर स्थिति अब तक जस की तस बनी हुई है.
अब तक हुए सिर्फ दावे : कांवरिया पथ के सरकारी धर्मशालाओं में अब तक सिर्फ निरीक्षण हुआ है. सरकारी धर्मशालाएं जिनकी संख्या सात हैं, फिलहाल भूतहा और खंडर बनी हुई है.धर्मशालाओं की समग्र मरम्मत की जरूरत है, साफ सफाई की जरूरत है, रंग रोगन की जरूरत है. लेकिन यह काम अब तक नहीं हो सका है. सरकारी धर्मशालाओं के आसपास तथा अन्य कई जगहों पर बने शौचालय एवं स्नानघर भी खंडर बने हुए हैं.
पानी का कहीं कोई बंदोबस्त नहीं है. कांवरिया पथ पर लगाए गए सरकारी चापाकलों में से ज्यादातर खराब होकर बेकार पड़े हुए हैं. बिजली का भी कोई ठोस और मुकम्मल बंदोबस्त नहीं है. कांवरिया पथ का ज्यादातर हिस्सा जंगलों और पहाड़ों से होकर गुजरता है.
जिस पर कांवरियों का चलना दिन में ही नहीं बल्कि रात के अंधेरे में भी होता है. इस पथ पर बिजली का अभाव है. श्रावणी मेला के दौरान निजी सेवा शिविरों एवं स्थानीय श्रद्धालुओं की कोशिशों से जनरेटर से रोशनी की जाती है. लेकिन प्रशासनिक दावे के मुताबिक जो बिजली की रोशनी यहां की जाती है उसकी शुरुआत भी अब तक नहीं हो पाई है. कांवरिया पथ पर दर्जनों जगहों पर अस्थाई चिकित्सा शिविर लगाये जाने हैं, लेकिन इस दिशा में भी अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पायी है.
कच्ची कांवरिया पथ में गिराया जा रहा घटिया बालू

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