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आर्थिक क्षति की भरपाई पर हो विचार

आद्री का रजत जयंती समारोह . िबहार में शराबबंदी पर जाने-माने अर्थशास्त्री राथिन बोले 24 जून से चल रहे कार्यक्रम का समापन पटना : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के निदेशक डॉ राथिन रॉय ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का फैसला एक अच्छी पहल है. सामाजिक दृष्टिकोण से इसके काफी अच्छे दूरगामी […]

आद्री का रजत जयंती समारोह . िबहार में शराबबंदी पर जाने-माने अर्थशास्त्री राथिन बोले
24 जून से चल रहे कार्यक्रम का समापन
पटना : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के निदेशक डॉ राथिन रॉय ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का फैसला एक अच्छी पहल है. सामाजिक दृष्टिकोण से इसके काफी अच्छे दूरगामी परिणाम प्राप्त होंगे, परंतु इससे होनेवाले तीन हजार करोड़ से ज्यादा के आर्थिक नुकसान की भरपाई करने के लिए राज्य सरकार को गंभीरता से सोचने की जरूरत है. क्योंकि, बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए यह काफी बड़ी क्षति है.
जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. रॉय सोमवार को आद्री के रजत जयंती समारोह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. वे ‘बिहार के लिए मानव विकास की दृष्टि में राजकोषीय स्थिति’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केंद्र ने अन्य राज्यों के साथ बिहार को भी पैसा देने में कटौती पहले से कर रखी है. अब शराबबंदी से पर्यटन क्षेत्र को नुकसान होगा.
इससे आर्थिक बोझ बढ़ेगा. डॉ रॉय ने कहा कि शराबबंदी से हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार को दो मुख्य सुझाव देते हुए कहा कि राज्य में होने वाली फिजूलखर्ची में कटौती की जाये और निजीकरण को बढ़ावा देना चाहिए.
औद्योगिक विकास में निजी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए खासतौर से पहल करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिहार की राजकोषीय स्थिति काफी बेहतर है. बेहतर वित्तीय प्रबंधन का नतीजा है कि यह ‘राजस्व सरप्लस’ वाला राज्य है. बावजूद इसके यह कर्ज के बड़े बोझ से दबा हुआ है. यह अच्छी बात नहीं है. नीति और योजनाओं को बनाने में विश्लेषण की समस्या है. इस कारण योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता.

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