नयी दिल्ली : भारत आज मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में औपचारिक तौर पर शामिल हो गया है जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने अपने ट्वीटर आकाउंट पर दी है. दुनिया के चार महत्वपूर्ण परमाणु टेक्नोलॉजी निर्यात करने वाले खास देशों के समूह में एमटीसीआर का महत्वपूर्ण योगदान है. एनएसजी में शामिल होने की हालिया कोशिश की नाकामी बाद इसे भारत की सफलता की तरह देखा जा रहा है क्योंकि इस समूह में अभी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन को सदस्यता प्राप्त नहीं है.
Foreign Secretary Jaishankar receives MTCR membership papers from Envoys of France, Netherlands and Luxembourg pic.twitter.com/5p9AordAp6
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 27, 2016
बीते साल ही भारत ने एमटीसीआर की सदस्यता के लिए आवेदन किया था लेकिन इटली इसके राह में रोड़ा था. भारत और इटली के बीच मरीन मामले को लेकर तनाव था जिसे निपटा लिया गया है. आइए जाने क्या है एमटीसीआर और क्यों है यह भारत के लिए महत्वपूर्ण….
जानें एमटीसीआर की मुख्य बातें
-एमटीसीआर का अर्थ है मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम
-एमटीसीआर 34 देशों का एक समूह
-इसका उद्देश्य दुनियाभर में मिसाइल के प्रसार को रोकना है
-समूह का काम मानवरहित हथियार पर भी रोक लगाना है
-समूह का उद्देश्य है कि मिसाइल क्षमता 300 किलोमीटर के दायरे में रहे
फिलहाल चीन और पाकिस्तान समूह के सदस्य नहीं हैं
एमटीसीआर से क्या है भारत को फ़ायदा
-भारत मानवरहित ड्रोन ख़रीद पाने में सक्षम
-भारत अमेरिका से ख़रीद सकता है प्रिडेटर ड्रोन
-भारत ब्रह्मोस जैसी मिसाइल बेच सकने में सक्षम
-NSG में भारत के दावे को इससे मिलेगी मजबूती