सीवान : जेपी सेनानी परिषद व लोकतंत्र सेनानी परिषद के कार्यकर्ताओं ने रविवार को 41 वर्ष पूर्व देश में लगाये गये आपातकाल के विरोध में काला दिवस मनाया. आपातकाल का विरोध करनेवाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लोकतंत्र की रक्षा करने व जेपी के विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया. वक्ताओं ने आपातकाल को लोकतंत्र की हत्या बताया. निर्धारित कार्यक्रम के तहत जेपी सेनानी परिषद व लोकतंत्र सेनानी परिषद के कार्यकर्ता अपने कैंप कार्यालय से जुलूस की शक्ल में जेपी चौक तक गये.
यहां लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपना श्रद्धासुमन अर्पित किया. इसके बाद यहां लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि संपूर्ण क्रांति आंदोलन के अग्रदूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने 25 जून, 1965 को दिल्ली के रामलीला मैदान में जनसभा की. इसके दूसरे दिन सुबह नई दिल्ली स्थित गांधी पीस फाउंडेशन से जयप्रकाश नारायण को गिरफ्तार कर लिया गया. कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका व प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसका विरोध करने पर सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी,
चंद्रशेखर, मोरारजी देसाई, नानाजी देशमुख, लालकृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, ज्योति बसु, मधु लिमये समेत अन्य राष्ट्रीय नेताओं को मीसा व डीआइआर कानून के तहत गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया. वक्ताओं ने कहा कि आज एक बार फिर इस अवसर पर लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लेने का यह अवसर है. मौके पर जिला सचिव महात्मा भाई, कोषाध्यक्ष दयानंद सिंह, श्रीनिवास प्रसाद, नयन कुमार, शर्मा सिंह, रामाशीष यादव, हरिशंकर यादव, सुनील कुमार सिन्हा, द्वारिका प्रसाद, अखिलेश्वर चौधरी, सुरेश प्रसाद सिन्हा, योगेंद्र प्रसाद यादव प्रमुख रूप से मौजूद रहे.
लोगों ने जयप्रकाश नारायण को िकया याद