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Result Scam : लालकेश्वर का पीए गिरफ्तार, काले कारनामों का खोला चिठ्ठा

पटना : इंटर रिजल्ट घोटाले की जांच में जुटी पुलिस की विशेष टीम को आज अहम कामयाबी मिली है. जांच टीम ने शनिवार को बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह के पीएम विकास चंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरे प्रकरण में विकास की बड़ी भूमिका होने की बात सामने आई […]

पटना : इंटर रिजल्ट घोटाले की जांच में जुटी पुलिस की विशेष टीम को आज अहम कामयाबी मिली है. जांच टीम ने शनिवार को बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह के पीएम विकास चंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरे प्रकरण में विकास की बड़ी भूमिका होने की बात सामने आई है. गिरफ्तारी के साथ ही उसने इस घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे किये है. वहीं, अन्य तीन टॉपर्स के खिलाफ भी गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है.

अब पुलिस उन तीनों टॉपर्स और उनके अभिभावकों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है. इसके अलावा लालकेश्वर के पीए व बड़े बेटे के साले विकास चंद्रा, बोर्ड के सहायक स्टोरकीपर राम भूषण झा को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. इंटर रिजल्ट घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने बोर्ड में चार तरह के घोटाले किये जाने की पुष्टि की है और इसका काला चिट्ठा खोल कर रख दिया है. पुलिस ने अब तक छह लोगों को सरकारी गवाह बनाया है और 164 के तहत बयान भी करा लिया है. एसआइटी के प्रभारी व एसएसपी मनु महाराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मामले का खुलासा किया.

मनुमहाराज ने बताया कि एफआइआर दर्ज होने के बाद रिजल्ट घोटाला व सेटिंग से टॉपर बनाने के आरोप को लेकर अनुसंधान शुरू हुआ था, पर जैसे-जैसे कार्रवाई आगे बढ़ी, अन्य घोटालों की कड़ियां भी जुड़ती गयीं. अब तक के अनुंसधान में चार तरह के घोटालों का खुलासा हुआ. इनमें रिजल्ट घोटाला, स्कूलों की मान्यता, स्कूलों को अनुदान (मॉर्क्स फाइल घोटाला), उत्तर पुस्तिका की प्रिंटिंग व अन्य टेंडर में घोटाला शामिल है.

खास बात यह है कि इसके लिए अलग-अलग दलालाें की फौज खड़ी की गयी थी, जो पूर्व बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर से सीधे जुड़े हुए थे. प्रिटिंग घोटाले में लालकेश्वर के दामाद विवेक कुमार और स्कूलों के अनुदानवाली फाइलों में हेरफेर करने में लालकेश्वर के बड़े बेटे का साला व निजी पीए विकास चंद्रा का नाम सामने आ चुका है. विकास चंद्रा गिरफ्तार हो चुका है, जबकि विवेक की तलाश जारी है. विवेक मगध विवि के पूर्व वीसी अरुण कुमार का बेटा है.

बेटी और रिश्तेदार को टॉपर के लिए बच्चा ने दिये थे 15 लाख
जिन लोगों को टॉपर बनाना था, उनकी कॉपी मूल्यांकन केंद्र से लालकेश्वर खुद बोर्ड लेकर आते थे. इसके बाद कॉपियों से छेड़छाड़ की जाती थी. इस बार टॉपर के लिए बच्चा राय से सेटिंग हुई थी. बच्चा राय आवास पर जाकर उषा सिन्हा को 15 लाख रुपये दिये थे. इसमें उसकी बेटी व दूर की रिश्तेदार को टॉपर बनाना था. पहली सूची में रिश्तेदार का टॉपर बना दिया गया था, जबकि बेटी को स्क्रूटनी के बाद टॉपर बनाया जाना था.

कॉलेज को मान्यता देने में 1-4 लाख लेती थी उषा

पूर्व चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद उन कॉलेजों को भी मान्यता देते थे, जो निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इसकी भी सेटिंग उषा सिन्हा के माध्यम से होती थी. इसके लिए 1-4 लाख रुपये की वसूली की जाती थी. लालकेश्वर ने ऐसे 208 कॉलेजों काे मान्यता दी है, जो जांच के घेरे में है. इसमें अजित शक्तिमान, संदीप झा, विकास चंद्रा का बड़ा रोल होता था.

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