धर्मशाला : फिरकी के जादूगर और पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को एक साल के लिये भारतीय क्रिकेट टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया है जिससे इस पद को लेकर पिछले लंबे समय से लगायी जा रही अटकलबाजियों पर भी विराम लग गया.
कुंबले अगले महीने भारतीय टीम के वेस्टइंडीज दौरे से ही नई जिम्मेदारी संभालनी होगी. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आज यह घोषणा की. इस 45 वर्षीय पूर्व लेग स्पिनर को पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री, ऑस्ट्रेलिया के टाम मूडी और स्टुअर्ट लॉ पर तरजीह दी गयी है. कुंबले का चयन बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति की सिफारिश पर किया गया है जिसमें इस लेग स्पिनर के तीन पूर्व साथी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल थे. इस समिति ने मंगलवार को कोलकाता में दस घंटे तक चले सत्र में कुंबले सहित अन्य उम्मीद्वारों के इंटरव्यू लिये थे.
बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बीसीसीआई बहुत पारदर्शी है. हमने मानक तय किये थे. इसके लिये क्रिकेट सलाहकार समिति भी थी. वे पूरी प्रक्रिया से गुजरे, साक्षात्कार लिये और कुछ नामों की सिफारिश की. विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद हमने अगले एक साल के लिये अनिल कुंबले को भारतीय क्रिकेट टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त करने का फैसला किया.’
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय या विदेशी से जुड़ा मसला नहीं है यह इस पद के लिये सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति से जुड़ा है. मेरा मानना है कि हमने सर्वश्रेष्ठ खिलाडियों की सेवाएं ली हैं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की सेवा की. ऐसी कोई सीमा नहीं थी कि हमें केवल भारतीय कोच ही चाहिए. हम भारतीय टीम के लिये सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को चाहते थे.’
कुंबले का चयन उन 57 उम्मीद्वारों में से किया गया है जिन्होंने बीसीसीआई के विज्ञापन के बाद इस पद के लिये आवेदन किया था. बाद में इस सूची को 21 उम्मीद्वारों तक सीमित कर दिया गया था. भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने और विकेट लेने के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुथैया मुरलीधरन और शेन वार्न के बाद तीसरे नंबर पर काबिज कुंबले पिछले कुछ दिनों से कोच पद के प्रबल दावेदार बन गये थे.
हालांकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोचिंग का कोई अनुभव नहीं है. कुंबले आईपीएल टीमों जैसे रायल चैलेंजर्स बेंगलूर और मुंबई इंडियन्स के मेंटर रहे हैं. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रुप में उनका अपार अनुभव उनके पक्ष में गया. इस पूर्व लेग स्पिनर ने अपने लगभग दो दशक के करियर में 132 टेस्ट मैच और 271 एकदिवसीय मैच खेले. कुंबले ने टेस्ट मैचों में 619 विकेट और वनडे में 337 विकेट लिये. इस तरह से दोनों प्रारुपों में उनके नाम पर 956 विकेट दर्ज हैं. यह लेग स्पिनर इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद अकेले ऐसा गेंदबाज है जिसने किसी एक टेस्ट पारी में दस विकेट लिये.
ठाकुर ने कहा कि अन्य सहयोगी स्टाफ की घोषणा बाद में की जाएगी. कुंबले का अंतरराष्ट्रीय कोच के रूप में अनुभव की कमी के बावजूद उन्हें कोच नियुक्त करने के फैसले के सवाल पर ठाकुर ने कहा कि इस पूर्व स्पिनर का रिकार्ड ही सब कुछ बयां करता है कि वह इस पद के लिये कितने उपयुक्त व्यक्ति है. बीसीसीआई प्रमुख ने कहा कि एक साल बाद कुंबले के काम की समीक्षा की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘‘वह भारत के लिये मैच विजेता रहे हैं. उनका रिकार्ड शानदार है और जब भारत के लिये मैच जीतने की बात आती है तो रिकार्ड खुद ही अनिल कुंबले की कहानी बयां करते हैं. एक साल बाद उनके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी. ‘
ठाकुर ने कहा कि कुंबले को नियुक्त करने का फैसला सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने के बाद लिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘कुंबले महान क्रिकेटर हैं. क्रिकेट सलाहकार समिति ने सभी आवेदनों पर गौर किया और उन्होंने कुछ नामों की सूची तैयार की. जब हमारे पास नाम आए तो हमने अन्य हितधारकों से भी बात की. हमने सभी हितधारकों से फीडबैक लिया. हम अधिक से अधिक पारदर्शी बनना चाहते हैं. ‘
बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के ने कहा कि कुंबले का कार्यकाल पेशेवरपन सुनिश्चित करने के लिये एक साल का रखा गया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह पहला अवसर है जबकि हम एक प्रक्रिया से गुजरे जिसकी शुरुआत विज्ञापन से हुई. यह लंबी प्रक्रिया थी. एक लंबी बैठक चली. यह पेशेवर नियुक्ति है और इसलिए हम एक साल बाद अपने फैसले की समीक्षा करना चाहते हैं. लेकिन उम्मीद है कि हमें इसकी जरुरत नहीं पड़ेगी. ‘
शिर्के ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि कुंबले खिलाडियों के प्रबंधन की फर्म का संचालन करते हैं और उनकी नियुक्ति हितों का टकराव से जुड़ी है. उन्होंने कहा, ‘‘हितों का टकराव फैशनेबल शब्द बन गया है. फैसला लेने से पहले इस पर गौर कर लिया गया था. ‘ कुंबले नौ जुलाई से शुरू होने वेस्टइंडीज दौरे से अपना पद संभालेंगे. ठाकुर ने कहा, ‘‘भारत में करोड़ों लोग क्रिकेट से जुड़े हुए हैं और इसलिए हमने हर किसी से फीडबैक लिया. वह वेस्टइंडीज दौरे से अपना पद संभालेंगे.’
शास्त्री लंबे समय से टीम के साथ है लेकिन उन्हें क्यों नियुक्त नहीं किया गया, इस सवाल पर ठाकुर ने कहा, ‘‘भारतीय कोच टीम के लिये अच्छे रहे हैं. जब शास्त्री की नियुक्ति हुई थी तो उस समय टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. रवि शास्त्री के टीम निदेशक बनने के बाद टीम के प्रदर्शन में सुधार आया. उनकी भूमिका अच्छी रही.
बोर्ड उनकी भूमिका से संतुष्ट था. ‘ शिर्के ने बताया कि अंतिम सूची में 11 नाम शामिल थे जिनमें चार विदेशी थे. जिन उम्मीद्वारों के इंटरव्यू लिये गये थे उनमें कुंबले, शास्त्री, मूडी, लॉ, एंडी मोल्स, लालचंद राजपूत और प्रवीण आमरे भी शामिल थे.