नयी दिल्ली : एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत समर्थन जुटाने का लगातार प्रयास कर रहा है. विदेश सचिव एस जयशंकर आज से शुरू हो रही एनएसजी की पूर्ण बैठक से पहले भारत के सदस्यता प्रयासों को मजबूत करने के लिए सोल रवाना हो गये. वहीं आज का दिन एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर अहम साबित होने वाला है.
दक्षिण कोरिया के सोल में एनसीजी का पूर्ण सत्र शुरू हो गया है साथ ही मिशन एनएसजी के रास्ते से ‘चीन का रोड़ा’ हटाने की कवायद में आज का दिन अहम साबित होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम चार बजे ताशकंद रवाना होंगे, वहीं शंघाई सहयोग संगठन में एंट्री के बहाने चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से उनकी मुलाकात भी होगी. इस सम्मेलन के इतर पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कल मुलाकात करेंगे. आपको बता दें कि भारत के इस मिशन को अब फ्रांस का भी साथ मिल गया है.
जिनपिंग से दो टूक बात करेंगे मोदी
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ताशकंद में शुरू होनेवाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)के शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि भारत एनएसजी में अपनी सदस्यता के लिए चीन से समर्थन का आग्रह करेगा. चीन इसे रोकने के लिए उत्सुक दिख रहा है. बहरहाल, हुआ ने इस अवधारणा का खंडन किया कि चीन एनएसजी में भारत का प्रवेश ब्लॉक कर रहा है. भारत और पाकिस्तान इस संगठन के पूर्ण सदस्य बन सकते हैं.
घटनाक्रम पर जयशंकर की रहेगी नजर
विदेश सचिव एस जयशंकर गुरुवार से शुरू हो रही एनएसजी की पूर्ण बैठक से पहले भारत के सदस्यता प्रयासों को मजबूत करने के लिए सोल रवाना हो गये. जयशंकर यहां हो रहे घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखेंगे. यही नहीं, विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं निरस्त्रीकरण तथा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग के प्रभारी अमनदीप सिंह गिल समर्थन ‘जुटाने’ और भारत के मामले की ‘व्याख्या’ करने के लिए पहले से ही सोल में हैं.
रचनात्मक भूमिका निभायेगा चीन
अपने रुख में नरमी लाने का संकेत देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि एनएसजी के सदस्यों ने इस समूह में भारत और पाकिस्तान के प्रवेश को लेकर तीन दौर की अनाधिकारिक बातचीत की है. चीन इस मुद्दे पर आगे चर्चा किये जाने की उम्मीद करता है. इस बातचीत में वह रचनात्मक भूमिका निभायेगा. हालांकि, हुआ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के प्रवेश का मुद्दा एनएसजी की बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है.
फ्रांस ने सदस्य देशों से की अपील- भारत का समर्थन करें, पाक ने कहा -अमेरिकी साजिश
एनएसजी में भारत के प्रवेश पर चीन के कड़े विरोध के बीच फ्रांस ने बुधवार को नयी दिल्ली का पुरजोर समर्थन किया. फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि फ्रांस मानता है कि एनएसजी, एमटीसीआर, द ऑस्ट्रेलिया ग्रुप और द वासेनार अरेंजमेंट में भारत का प्रवेश परमाणु प्रसार से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करेगा. फ्रांस सोल में 23 जून को मिल रहे इसके सदस्यों से सकारात्मक निर्णय लेने का आह्वान करता है. इधर, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जनजुआ ने आरोप लगाया कि एनएसजी में भारत को शामिल कराने की अमेरिका की कोशिश चीन पर अंकुश लगाने और रूस के उदय को रोकने की एक ‘बड़ी साजिश’ का हिस्सा है.