अब तक काफी कम किसानों ने डाले धान के बीज
मोहनिया(सदर) : बुधवार से आर्द्रा नक्षत्र लगने के बाद भी अब तक काफी कम किसानों ने ही अपने खेतों में धान के बिचड़े डाले हैं. इसका सबसे बड़ा कारण अब तक नहरों मे पानी का नहीं छोड़ा जाना बताया जाता है, जबकि रोहिणी में ही बिचड़े का डाला जाना खरीफ की अच्छी पैदावार के लिए अच्छा माना जाता है.
लेकिन, यहां तो दो नक्षत्र बीत गये फिर भी किसान पानी के अभाव मे बिचड़े नहीं डाल सके. मोहनिया प्रखंड की बात करें तो दुर्गावती मुख्य नहर व इससे निकलने वाली माइनरों से 17 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि का पटवन होता है.
दुर्गावती मुख्य नहर से अनुमंडल के तीन प्रखंड मोहनिया, कुदरा व दुर्गावती के हजारों किसानों के खेतों को पानी मिलता है. लेकिन, इस बार नहर में पानी नहीं छोड़े जाने व जलाशय में पानी के लेबल कम होना किसानों के लिए चिंता का विषय है. बिचड़े जितना देर से तैयार होंगे. रोपनी भी उतना ही पिछड़ती जायेगी. इसका उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
रोपनी पिछड़ी, तो फसल पर पड़ेगा असर : यदि किसान समय पर बिचड़े नहीं डाल पाते हैं, तो खेती का सही समय निकल जाता है और रोपनी पिछड़ जाती है. इसका सीधा असर धान की बालियां निकलने के समय पड़ता है. खेती पिछड़ने के कारण बालियां बेजान व कमजोर हो जाती हैं.
इससे पैदावार कम हो जाती है. इससे किसानों को लागत के अनुरूप लाभ नहीं मिल पाता है और जब बिचड़े समय से तैयार हो जाते हैं, तो रोपनी भी समय से हो जाती है. इसका सीधा लाभ किसानों को अच्छी उपज के रूप में मिलता है और यह तभी संभव है जब किसानों को समय से बिचड़े डालने व रोपनी करने के लिए पर्याप्त मात्रा मे पानी मिल सके.