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भूकंपरोधी होगा पुलिस मुख्यालय का नया भवन
मार्च, 2017 तक नया मुख्यालय हो जायेगा तैयार, भूकंपरोधी तकनीक ‘एलआरबी’ का हो रहा है उपयोग पटना : राज्य पुलिस का जल्द ही अपना भव्य पुलिस मुख्यालय होगा. इस बेहद आधुनिक भवन में तमाम सुविधाओं, उच्च तकनीकों के अलावा भूकंप जैसी किसी आपदा से निबटने का पूरा बंदोबस्त होगा. बेहद आधुनिक इस भवन की क्षमता […]
मार्च, 2017 तक नया मुख्यालय हो जायेगा तैयार, भूकंपरोधी तकनीक ‘एलआरबी’ का हो रहा है उपयोग
पटना : राज्य पुलिस का जल्द ही अपना भव्य पुलिस मुख्यालय होगा. इस बेहद आधुनिक भवन में तमाम सुविधाओं, उच्च तकनीकों के अलावा भूकंप जैसी किसी आपदा से निबटने का पूरा बंदोबस्त होगा. बेहद आधुनिक इस भवन की क्षमता इतनी ज्यादा होगी कि वह किसी तरह का भूकंप झेल सकता है. यह 8 या 9 रेक्टर स्केल वाले भूकंप को भी झेल सकता है.
यह पुलिस मुख्यालय मार्च 2017 तक बनकर पूरी तरह से तैयार हो जायेगा. बीच में बालू की किल्लत के कारण इसका काम कुछ दिनों तक बेहद धीमा पड़ गया था, जिससे इसके समय पर पूरा नहीं होने की आशंका होने लगी थी. परंतु भवन निर्माण विभाग की कड़ी मॉनीटरिंग की वजह से यह काम समय पर पूरा होना तय माना जा रहा है.
अब इसके निर्माण में किसी तरह की लापरवाही होने की संभावना कम है. यह झेल लेगा हर तरह का भूकंप. बिहार का यह पहला भवन है, जिसमें सबसे आधुनिक भूकंप रोधी तकनीक ‘बेस आइसोलेशन टेक्नोलॉजी’ का उपयोग किया जा रहा है. इस तकनीक में एलआरबी (लीड रबर बेयिरंग) का उपयोग किया जा रहा है. इसमें भवन का ऊपरी हिस्सा नीचे के आधार पर खास तरीके से टिका होता है और इनके बीच में एलआरबी रहता है.
एलआरबी की मदद से किसी तेज गति वाले भूकंप आने पर भी इसका कंपन या झटका भवन के ऊपरी हिस्से को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. नीचे की संरचना तेजी से हिलने या कंपन झेलने के बाद भी ऊपरी संरचना स्थिर रहेगी. इस कारण से यह भवन किसी सूरत में नहीं गिरेगा.
इस तकनीक पर देशभर में इससे पहले छह भवन ही बने हैं, यह सातवां है. भवन निर्माण के बाद यह भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने में पूरी तरह से सक्षम रहेगा. यहां एक आपातकालीन ऑपरेशन सेंटर भी होगा.
इस पुलिस मुख्यालय के सबसे ऊपरी मंजिल पर एक आपातकालीन ऑपरेशन सेंटर भी रहेगा, जिसमें कमांडो और अन्य जवानों की तैनाती हमेशा बनी रहेगी. ये राज्य में किसी आतंकी घटना या अन्य किसी तरह का प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी बड़ी और भयावह दुर्घटना की स्थिति में जल्द से जल्द संबंधित घटना स्थल पर पहुंच जायेंगे.
इससे किसी विपरीत परिस्थिति में लोगों को तुरंत राहत और बचाव कार्य पहुंच सके. जवानों को तुरंत घटना स्थल तक पहुंचने के लिए भवन के ऊपरी छत पर हेलीपैड भी बना रहेगा, जिस पर हेलीकॉप्टर हमेशा तैनात रखने की योजना है. किसी इमर्जेंसी कॉल में ये तुरंत वहां तक पहुंच सकें.
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