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विद्यालय को चाहिए कमरा

जर्जर विद्यालय त्रिवेणीगंज उच्च वि द्यालय में कमरे की कमी की वजह से होती है परेशानी शैक्षणिक कार्यों के निष्पादन को लेकर ईंट व टीन के चादर का पांच वर्ग कक्ष उपलब्ध कराया गया था. जो अब पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है. पित्रवेणीगंज : मुख्यालय स्थित उच्च विद्यालय त्रिवेणीगंज में वर्ग कक्ष का […]

जर्जर विद्यालय त्रिवेणीगंज उच्च वि द्यालय में कमरे की कमी की वजह से होती है परेशानी

शैक्षणिक कार्यों के निष्पादन को लेकर ईंट व टीन के चादर का पांच वर्ग कक्ष उपलब्ध कराया गया था. जो अब पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है.
पित्रवेणीगंज : मुख्यालय स्थित उच्च विद्यालय त्रिवेणीगंज में वर्ग कक्ष का घोर अभाव है. जिस कारण विद्यालय में नामांकित छात्रों को जहां पठन -पाठन में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस समस्या से विभागीय पदाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी अब तक उपेक्षा का दंश झेलने की विवशता बनी हुई है. ज्ञात हो कि उक्त विद्यालय की स्थापना के समय शैक्षणिक कार्यों के निष्पादन को लेकर ईंट व टीन के चादर का पांच वर्ग कक्ष उपलब्ध कराया गया था. जो अब पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है.
1700 छात्र-छात्रा नामांकित
गौरतलब हो कि उक्त विद्यालय में तकरीबन 17 सौ छात्र- छात्रा नामांकित है. जहां जर्जर कमरों में वर्ग का संचालन किया जा रहा है. सभी पांच वर्ग कक्षों में घुप अंधेरा छाया रहता है.
साथ ही वर्ग कक्ष के उपर लगे चदरे के क्षतिग्रस्त होने की वजह से बरसात के मौसम में पानी का रिसाव होता रहता है. क्षतिग्रस्त कमरों में बैठ कर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई मजबूरी बनी हुई है.
वहीं परिसर में तीन कमरे का छतदार भवन भी है. लेकिन उक्त छतदार भवन में लगे पिलर एवं छत के जगह-जगह टूट – टूट कर गिरने से उक्त भवन भी क्षतिग्रस्त हो चुका है.
स्थिति यह है कि उक्त तीन कमरों वाले भवन के एक कमरें जो काफी क्षति ग्रस्त व जर्जर है. विद्यालय प्रबंधन द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर उक्त वर्ग कक्ष में पठन – पाठन का कार्य बंद कर दिया गया है.
उपेक्षा का दंश झेल रहा विद्यालय
लेकिन विभागीय स्तर पर विद्यालय प्रबंधन की ओर से बार-बार क्षतिग्रस्त भवन में वर्ग संचालन करने और भवन की कमी की सूचना दी जा रही है. बावजूद इसके विभागीय उदासीनता के कारण भवन निर्माण की दिशा में अब तक कोई कार्य सरजमीं पर नहीं हो पाया है. हालात यह है कि क्षतिग्रस्त भवन में किसी दुर्घटना की आशंकाओं के बीच ही छात्र-छात्राओं का वर्ग संचालन मजबूरी बनी हुई है. प्रधानाध्यापक मो मंसूर आलम ने बताया कि जर्जर व क्षतिग्रस्त भवन में वर्ग संचालन करने की विभागीय स्तर पर कई बार सूचना दी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त भवन को लेकर तत्कालीन विधायक अमला देवी द्वारा विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया गया था. लेकिन इसका कोई भी प्रतिफल विद्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है.

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