कोलकाता : मोहम्मद शमी और रिद्धिमान साहा उन भारतीय खिलाडियों में से शामिल हैं जो स्थानीय क्लब मोहन बागान और भवानीपुर क्लब के बीच कल से शुरू होने वाले बंगाल क्रिकेट संघ के बंगाल सुपर लीग फाइनल में गुलाबी गेंद से होने वाले दिन-रात्रि क्रिकेट का अनुभव हासिल करेंगे.
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली द्वारा शुरू की गयी इस लीग का चार दिवसीय फाइनल ऐतिहासिक होगा क्योंकि यह गुलाबी कूकाबूरा गेंद से खेला जायेगा जिससे दूधिया रोशनी में उप महाद्वीप के हालात की झलक मिलेगी. अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो कैब के पास भारत में गुलाबी गेंद के पहले टेस्ट की मेजबानी का अच्छा मौका होगा जिसके आयोजन की बीसीसीआई योजना बना रहा है.
इसमें सभी की निगाहें भारत के तेज गेंदबाज और मोहन बागान के शमी पर लगी होंगी जो अक्तूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ प्रस्तावित पहले दिन-रात्रि टेस्ट से पहले टीम में गुलाबी गेंद का अनुभव हासिल करने वाले पहले गेंदबाज होंगे. रिद्धिमान के सामने भी दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद के खिलाफ अपना विकेट संभाले रखकर बल्लेबाजी करने की चुनौती होगी.
दलीप ट्रॉफी दूधिया रोशनी में खेली जायेगी जिससे शीर्ष भारतीय खिलाड़ी निश्चित रुप से अपने इन दो साथी खिलाडियों से प्रतिक्रिया लेंगे. एक दिलचस्प बात यह है कि रिद्धिमान गुलाबी गेंद से अनजान नहीं हैं क्योंकि उन्हें सात साल पहले ऑस्ट्रेलिया में एमर्जिंग सीरीज खेलने का अनुभव हासिल है. रिद्धिमान 2009-10 में ऑस्ट्रेलिया में ए सीरीज के दौरान गुलाबी और हरी गेंद से खेल चुके हैं.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने प्रयोगात्मक आधार पर लिस्ट ए के मैचों के दौरान इन गेंदों का इस्तेमाल किया था. शमी नयी चुनौती के लिये उत्साहित हैं और तेजी से इसके मुताबिक ढलने के लिये प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें सिर्फ गेंद का रंग बदला है. निश्चित रुप से यह एक नयी चुनौती होगी क्योंकि विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह भविष्य है और हमें तेजी से इसके अनुरुप ढलना होगा. ” रिकार्ड के लिये दो भारतीय दिग्गज वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड एमसीसी के लिये संयुक्त अरब अमीरात में काउंटी चैम्पियंस के खिलाफ सालाना मुकाबले में गुलाबी गेंद से दिन-रात्रि टेस्ट खेल चुके हैं.