सीतामढ़ी : सीतामढ़ी समेत सूबे के विभिन्न जिलों के मिलरों द्वारा एसएफसी के करोड़ों-अरबों रुपये के चावल का गबन किया जा चुका है. दो दर्जन से अधिक मिलरों पर गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है.
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22 लाख का चावल गटक गये तीन मिलर
सीतामढ़ी : सीतामढ़ी समेत सूबे के विभिन्न जिलों के मिलरों द्वारा एसएफसी के करोड़ों-अरबों रुपये के चावल का गबन किया जा चुका है. दो दर्जन से अधिक मिलरों पर गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है. वहीं, कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद गबन कर लिये गये चावल की राशि नहीं लौटाने पर उसकी वसूली […]
वहीं, कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद गबन कर लिये गये चावल की राशि नहीं लौटाने पर उसकी वसूली के लिए नीलाम वाद दायर किया जा चुका है. फिर पूर्वी चंपारण के तीन मिलरों पर 22 लाख का चावल गटक जाने को लेकर एसएफसी के जिला प्रबंधक द्वारा जिला नीलाम प्रशाखा में अलग-अलग नीलाम वाद दायर किया गया है.
बता दें कि एसएफसी व पैक्सों द्वारा धान की खरीद की जाती है. धान का चावल बनाने के लिए उसे मिलरों को दिया जाता है. इससे पूर्व एसफसी व मिलरों के बीच एकरारनामा होता है. इसमें कई शर्तें व नियमों का पालन करना पड़ता है. बहुत से मिलरों द्वारा धान लेने के बाद शर्तों को अनदेखी कर दी जाती है और करोड़ों का चावल गबन कर लिया जाता है.
कई ऐसे मिलर हैं जिन पर तीन-चार करोड़ से अधिक का चावल गबन कर लेने का आरोप है. उनके खिलाफ भी नीलाम वाद दायर है. करीब-करीब हर वर्ष करोड़ों का चावल गबन कर लिया जाता है.
किस पर कितना बकाया : पूर्वी चंपारण के आदापुर थाना क्षेत्र के श्यामपुर बाजार स्थित जगदंबा राइस मिल के संचालक मदन प्रसाद पर सबसे अधिक 11 लाख 82 हजार 569 रुपये के चावल के गबन का आरोप है. वहीं उसी जिला के ढ़ाका थाना क्षेत्र के शिवम राइस मिल के संचालक भुजेंद्र साह पांच लाख 24 हजार 840 रुपये का तो चकिया के एक राइस मिल संचालक विजय गुप्ता पांच लाख 87 हजार 521 रुपये के चावल गटक गये.
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