नयी दिल्ली : सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक तथा उसके एसोसिएट बैंकों के विलय को आज मंजूरी दे दी. इससे सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक वैश्विक स्तर का बैंक बन जाएगा.देश के सबसेबड़ा बैंक एसबीआइ ने पिछले महीने अपने पांच अनुषंगी बैंकों के स्वयं में विलय तथा भारतीय महिला बैंक के अधिग्रहण का विचार रखा था.एसबीआइ के पांच एसोसिएट बैंक स्टेट बैंक आॅफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक आॅफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक आॅफ पटियाला, स्टेट बैंक आॅफ मैसूर तथा स्टेट बैंक आॅफ हैदराबाद हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रिमंडल ने एसबीआइ में एसोसिएट बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है, दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘इस बारे में व्यवस्थित जानकारी के लिए कृपया इंतजार कीजिए.’ इस बीच, एसबीआइ की चेयरपर्सन अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा कि एसबीआइ में उसके एसोसिएट बैंक का विलय दोनों पक्षों केलिए लाभदायक है.
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल कोई भी भारतीय बैंक दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल नहीं है. इस विलय के साथ वैश्विक स्तर पर कुछ दृश्यता बढने की संभावना है. एसोसिएट बैंकों के ग्राहकों तथा बैंक की अनुषंगियों को भी लाभ होगा.’ अरुंधती ने कहा कि इस विलय से एसबीआइ का नेटवर्क बढ़ेगा और इसकी पहुंच कई गुना बढ़ जाएगी. शाखाओं के युक्तिसंगत होने, साझा ट्रेजरी पूलिंग तथाबड़ी संख्या में कुशल संसाधन आधार के समुचित उपयोग से कुशलता के बारे में कोई भी उम्मीद कर सकता है.
एसोसिएट बैंकों में स्टेट बैंक आॅफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक आॅफ मैसूर तथा स्टेट बैंक आॅफ त्रावणकोर सूचीबद्ध हैं. इन बैंकों के शेयर बंबई शेयर बाजार में आज करीब 20 प्रतिशत उछल गये और उच्च सर्किट को छू गये. एसबीआइ का शेयर भी 3.9 प्रतिशत मजबूत हुआ.
विलय के बारे में एसबीआइ बैंकिंग के क्षेत्र में दिग्गज संस्थान होगा जो दुनिया में प्रतिस्पर्धा कर सकेगा. उसका संपत्ति आधार 37000 अरब रुपये (37 लाख करोड़ रुपये) या 555 अरब डाॅलर से अधिक होगा. साथ ही शाखाओं एवं एटीएम की संख्या क्रमश: 22,500 तथा 58,000 होगी और ग्राहकों की संख्या 50 करोड़ होगी.
फिलहाल एसबीआइ की शाखाओं की संख्या 16,500 है. इसमें 36 देशों मेंफैले 191 विदेशी कार्यालय शामिल हैं. एसबीआइ ने सबसे पहले स्टेट बैंक आॅफ सौराष्ट्र का स्वयं में 2008 में विलय किया. उसके दो साल बाद स्टेट बैंक आॅफ इंदौर का विलय किया था.
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