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आक्रोश. जनप्रतिनिधियों को हरिछपरा की सड़क से मतलब नहीं!

पानी सूखने तक बच्चे नहीं जा पाते हैं स्कूल अब ग्रामीण सोच रहे हैं एनएच जाम करना सीतामढ़ी : डुमरा प्रखंड की हरिछपरा पंचायत के हरिछपरा गांव की सड़क का हाल बेहाल है़ हल्की बारिस में ही सड़क पर एक से डेढ़ फिट जल जमाव हो जाता है़ ग्रामीणों को मजबूरी बस सड़क से आने-जाने […]

पानी सूखने तक बच्चे नहीं जा पाते हैं स्कूल

अब ग्रामीण सोच रहे हैं एनएच जाम करना
सीतामढ़ी : डुमरा प्रखंड की हरिछपरा पंचायत के हरिछपरा गांव की सड़क का हाल बेहाल है़ हल्की बारिस में ही सड़क पर एक से डेढ़ फिट जल जमाव हो जाता है़ ग्रामीणों को मजबूरी बस सड़क से आने-जाने के दौरान पानी व कीचड़ का सामना करना पड़ता है़
सड़क का निर्माण नहीं कराये जाने से बरसात के मौसम में यह सड़क ग्रामीणों के लिए एक अभिशाप बन जाता है़ जल जमाव के चलते छोटे-छोटे बच्चों का स्कूल जाना बंद हो जाता है़
खास बात यह कि शायद ही कोई जनप्रतिनिधि हो, जिनसे ग्रामीणों द्वारा उक्त सड़क के निर्माण की गुहार न लगायी गयी हो, पर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया़ ग्रामीणों की मानें, तो शायद जनप्रतिनिधियों को उनसे व गांव के इस सड़क से कोई मतलब ही नहीं है़ सड़क का यह हाल महेंद्र ठाकुर के घर से राम प्रताप सिंह की दुकान तक है़
–किसी ने नहीं दिया साथ
वर्ष 2006 में गांव के बाबू लाल सिंह मुखिया बने थे़ तब लोगों को आशा थी कि गांव की सड़क बन जाएगी, लेकिन संभव नहीं हुआ़
दूसरी बार किशोरी बैठा मुखिया बने़ श्री बैठा द्वारा भी न तो सड़क की मरम्मत करायी गयी और न ही पानी की निकासी के लिए नाला का निर्माण कराया गया़ सड़क की उसी समस्या के निदान के लिए ग्रामीणों ने एकजुटता दिखायी और रामजीत बैठा को मुखिया बनाया़ हद तो यह कि श्री बैठा भी गांव के लिए कुछ नहीं कर सके़ यानी उनके कार्यकाल में भी हरिछपरा का उद्धार नहीं हुआ़
ग्रामीणों की मानें तो पूर्व सांसद सीताराम यादव, अर्जुन राय, पूर्व विधायक सुनील कुमार पिंटू, विधायक सुनील कुमार कुशवाहा व विधान पार्षद राज किशोर कुशवाहा को भी सड़क की समस्या से अवगत कराया गया, पर किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया़
ग्रामीण करेंगे सड़क जाम: ग्रामीण रूदल सिंह, उमेश सिंह, उदय सिंह, शिवम कुमार, उपेंद्र सिंह, साधू शरण सिंह, जया देवी, किरण देवी व रूप कली देवी ने बताया कि सड़क के निर्माण व जल जमाव की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए अब आखिर जायें
तो किसके पास जायें़ अब थक हार कर एनएच-77 को जाम करने के सिवा कोई उपाय नहीं है़ जल जमाव के चलते कई तरह की बीमारियों का शिकार करना पड़ता है़ पानी के चलते सड़क का हाल देख रिश्तेदार व सगे-संबंधी यहां आने से कतराते हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते है़ सर्पदंश की आशंका बनी रहती है़

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