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17,000 छात्राओं का भविष्य अधर में
20 जून तक ही होगा कॉलेजों में नामांकन, अब तक नहीं मिला प्रमाणपत्र, एसएलसी हजारीबाग : जिले के करीब 17000 मैट्रिक पास छात्राओं को मार्क्सशीट और विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र (एसएलसी) नहीं मिल पाया है. इससे छात्राएं व अभिभावक परेशान हैं. सोमवार को इस मामले पर कई स्कूलों में काफी हंगामा हुआ. अभिभावकों का कहना था […]
20 जून तक ही होगा कॉलेजों में नामांकन, अब तक नहीं मिला प्रमाणपत्र, एसएलसी
हजारीबाग : जिले के करीब 17000 मैट्रिक पास छात्राओं को मार्क्सशीट और विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र (एसएलसी) नहीं मिल पाया है. इससे छात्राएं व अभिभावक परेशान हैं. सोमवार को इस मामले पर कई स्कूलों में काफी हंगामा हुआ. अभिभावकों का कहना था कि जल्द ही पहल नहीं की गयी, तो हजारों छात्राओं की आगे की पढ़ाई बाधित होगी.
उधर, दूसरी अोर लगभग सभी कॉलेजों में नामांकन की अंतिम तिथि 20 जून तक है. ऐसे में यदि समय पर मार्क्सशीट और विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र नहीं मिला, तो उनका एक वर्ष बरबाद हो सकता है.
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने वर्ष 2015-16 की छात्राओं की पोशाक की राशि मार्च 2016 में भेजी. जिले के 97 राजकीय, राजकीयकृत, परियोजना, उत्क्रमित उवि को दो करोड़ 56 लाख, 39 हजार 150 रुपये इस योजना पद के लिए आवंटित किये.
चार मार्च 2016 को एक करोड़ 53 लाख 18 हजार 650 और 11 मार्च 2016 को एक करोड़ तीन लाख 20 हजार 500 रुपये विभिन्न स्कूलों की छात्राओं के खाते में सीधे भेजा गया. तब तक नौवीं की छात्राओं ने मैट्रिक की परीक्षा दे दी थी. रिजल्ट आने के बाद स्कूल बिना पोशाक खरीदे उसका पक्का वाउचर की मांग प्रधानाध्यापक कर रहे हैं. वाउचर नहीं लाने पर प्रधानाध्यापक छात्राओं से 100 रुपये शुल्क लेकर स्वयं वाउचर बना कर दे रहे हैं. सर्टिफिकेट की राशि उसी में जोड़ दी गयी है.
डीइअो का वेतन रुका : छात्राओं की पोशाक एवं पाठ्यपुस्तक वितरण में देरी की वजह से जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) का वेतन रोक दिया गया है. डीइओ ने इस मामले को लेकर सभी प्रधानाध्यापक का वेतन रोक दिया है.
अब प्रधानाध्यापक ने पोशाक की पक्की रसीद के बिना मैट्रिक के सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा दी है. उधर, उत्क्रमित उवि सरौनी कलां में इस वर्ष करीब 80 छात्राओं ने मैट्रिक पास की है. सोमवार को छात्राएं अपना सर्टिफिकेट लाने स्कूल गयी थीं. उन्हें अपने साथ 250 रुपये लाने को कहा गया.छात्राओं में इतनी बड़ी राशि की मांग को लेकर काफी असमंजस थी.
इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक सरयू राम ने कहा कि हम यहां से वाउचर बना कर दे रहे हैं. इसके लिये 100 रुपये ले रहे हैं. इसी तरह दारू सरस्वती उवि में हंगामा हुआ. छात्राओं ने इसकी शिकायत बीडीओ से की. बीडीओ सीमा कुमारी ने बताया कि इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी वंदना दादेल से बात की. डीइओ ने कहा कि छात्राओं को पोशाक की पक्की रसीद देनी होगी़
क्या है मामला
वित्तीय वर्ष 2015-16 में सरकारी उवि की कक्षा नौ की नामांकित व अध्ययनरत छात्राओं को पोशाक, पाठ्यपुस्तक व कॉपी के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी थी. छात्राओं को 600 रुपये पोशाक के लिए, 200 रुपये कॉपी के लिए और 750 रुपये पाठ्यपुस्तक के लिए निर्धारित किये गये हैं.
राशि का हस्तांतरण छात्राओं के खाते में सीधा होना है. लेकिन यह राशि वर्ष 2016-17 के जून में छात्राओं के खाते में पहुंची. छात्राएं मैट्रिक पास कर गयी हैं. अब वे राशि से न तो पोशाक खरीद सकती हैं और न ही पाठ्यपुस्तक. इधर, स्कूल के प्रधानाध्यापक छात्राओं पर दबाव बना रहे हैं कि पोशाक व पाठ्यपुस्तक ले लें, नहीं तो मैट्रिक की सर्टिफिकेट जारी नहीं करेंगे.
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