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नीतीश ने दिया महिलाओं को नया टास्क, स्कूलों पर होगी इनकी पैनी नजर

पटना : शराब बंदी में महती भूमिका निभाने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को राज्य सरकार नया टास्क देने जा रही है. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब स्कूलों की जांच करेंगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को यह जिम्मेदारी देने का एलान किया. राज्य में पूर्ण मद्य निषेध कानून के लागू होने पर […]

पटना : शराब बंदी में महती भूमिका निभाने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को राज्य सरकार नया टास्क देने जा रही है. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब स्कूलों की जांच करेंगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को यह जिम्मेदारी देने का एलान किया. राज्य में पूर्ण मद्य निषेध कानून के लागू होने पर जीविका की ओर से आयोजित मुख्यमंत्री के अभिनंदन समारोह में नीतीश कुमार ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं महीने में एक बार स्कूलों का निरीक्षण कर जांच करेगी.

स्कूलों की समस्याओं पर पैनी नजर की कवायद

महिलाएं इस बात पर पैनी नजर रखेंगी कि बच्चा स्कूल आ रहा है या नहीं, मास्टर साहब आते हैं या नहीं, स्कूल की साफ-सफाई होती है या नहीं, पीने का पानी, शौचालय स्कूल में है या नहीं, मध्याह्न भोजन मिलता है या नहीं, जो भोजन मिलता है, उसकी क्वालिटी मानकों के अनुरूप है या नहीं. यह सब उन्हें देखना होगा. इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश तैयार होगा. मुख्य सचिव इसकी मॉनीटरिंग करेंगे और उनकी (मुख्यमंत्री) भी इस पर नजर होगी, जबकि इसके लिए शिक्षा विभाग अलग से सेल गठित करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों की जांच के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ट्रेनिंग भी होगी.

महिलाओं को विशेष ट्रेनिंग

उन्होंने कहा कि इन महिलाओं की जांच में जो भी शिक्षक या जिम्मेवार लोग हैं, वे अगर अपने कर्तव्य का पालन करते नहीं मिलेंगे तो उन पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि स्कूलों की जांच से पहले वे पुलिस की तरह स्कूलों में नजर रखे, कि शिक्षक हर दिन स्कूल आते हैं या नहीं, आते हैं तो पढ़ाते हैं कि नहीं, मध्याह्न भोजन कहीं कोई जानबूझ कर तो बंद नहीं कर दिया. सब पर नजर रखना है, तब जाकर शिक्षा में परिवर्तन हो सकेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि 99 फीसदी बच्चों का नाम सरकारी स्कूलों में लिखा दिया गया है, लेकिन 50-60 फीसदी से ज्यादा बच्चे स्कूलों में नहीं आते हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. वे क्यों स्कूल नहीं जा रहा हैं ? जब सरकार पोशाक, छात्रवृत्ति, नौंवी क्लास में साइकिल दे रही है, मध्याह्न भोजन भी मिल रहा है तो बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं. सरकार का लक्ष्य है कि स्कूल चले, बच्चे पढ़ें और शिक्षक पढ़ायें. मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता स्कूल की महिलाओं के हाथ उठवाकर स्कूलों की जांच की जिम्मेदारी दी.

जब तक हम हैं शराब बंदी में कोई नहीं कर सकता छेड़छाड़ : सीएम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी है. अब जब तक वे हैं तब तक इससे कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है. इस दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इतनी ताकत मिल जायेगी कोई दूसरा भी इसे हटाने या छेड़छाड़ की कोशिश नहीं कर सकेगा. बिहार से शराब बंदी की शुरुआत हुई, इसे देश में भी लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि एक किसी काम में पैर डाल देते हैं, तो पैर खींचते नहीं है. मर जाना कबूल है, लेकिन झूकना कबूल नहीं. मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को यह भी टास्क दिया कि शराब बंदी हो गयी है. अब ऐसा ना हो कि खुश हो कर, गीत गाकर चादर तान कर सो जायें. हमेशा सावधान रहियेगा. शराब छोड़ दिया है, पता नहीं अब क्या पीने लगे? निरंतर चौकसी बरतिए. ढिलाई नहीं बरतिए. साथ ही नजर रखें कि दो नंबर का का कोई काम ना करें और जहां भी भट्टी हो तो उसे तोड़ दें. इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सजगता व सक्रियता जरूरी है. बिहार में बहुत बड़े परिवर्तन की बुनियाद पड़ रही है. हमें कारगर, सफल, हर दिन कामयाब होना है और शराब को समाज से मुक्त रखना है. इसके लिए आप लोगों की सजगता व सक्रियता जरूरी है.

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