वंचित परिवार को जोड़ने के लिए फिर से चल रहा है सर्वे
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40 प्रतिशत परिवारों को नहीं मिला खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ
वंचित परिवार को जोड़ने के लिए फिर से चल रहा है सर्वे बक्सर : जिले में खाद्य सुरक्षा योजना पूरी तरह सफल नजर नहीं आ रही है. करीब 40 प्रतिशत परिवार अभी भी इस योजना से वंचित हैं. पिछले दो वर्षों से ये परिवार बाजार मूल्य पर खाद्य खरीदने को विवश हैं. इनके पास न […]
बक्सर : जिले में खाद्य सुरक्षा योजना पूरी तरह सफल नजर नहीं आ रही है. करीब 40 प्रतिशत परिवार अभी भी इस योजना से वंचित हैं. पिछले दो वर्षों से ये परिवार बाजार मूल्य पर खाद्य खरीदने को विवश हैं. इनके पास न तो कार्ड है और न ही सरकार इन्हें चिह्नित कर कोई सहायतार्थ ही दे रही है. सरकार ने पिछले वर्ष छूटे हुए परिवारों से आवेदन मांगा था. आवेदन तो कार्यालयों में जमा हुआ, पर उसका निष्पादन पूरी तरह नहीं हो सका, जिसका नतीजा यह हुआ कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई परिवार राशन-केरोसिन योजना से आज वंचित हैं. हालांकि, सरकार एक बार फिर से वंचित परिवारों का सर्वे कराने में जुटी हुई है.
नगर में छह हजार परिवार हैं वंचित : बक्सर नगर पर्षद क्षेत्र में करीब छह हजार उपभोक्ता खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित हैं. सरकार के निर्देशानुसार बक्सर नगरवासियों ने नगर पर्षद में त्रुटि को सुधारने के लिए आवेदन जमा किया, जिसके बाद कुछ नया कार्ड भी बन कर आया. लेकिन, दूसरी बार की सूची में भी लगभग छह हजार परिवारों का नाम शामिल नहीं हो सका. ऐसे में इन परिवारों को बाजार मूल्य से अनाज खरीदने में काफी आर्थिक कठिनाई उठानी पड़ रही है. मुख्य उप पार्षद इफ्तेखार अहमद ने बताया कि नगर के इतने परिवारों के वंचित होने से काफी दुख हो रहा है.
क्या कहते हैं वंचित परिवार
खलासी मुहल्ले के हरेंद्र राम पेशे से राज मिस्त्री हैं. जब कभी राज मिस्त्री का काम नहीं मिलता है, तो रिक्शा चलाते हैं. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इनके परिवार का नाम खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मिलनेवाले कार्ड में नहीं जुड़ा है.
हरेंद्र कहते हैं कि यदि कार्ड बना होता, तो बाजार मूल्य से अनाज की खरीदारी नहीं करनी होती. इधर, नालबंद टोली के कैप्टन बताते हैं कि वे कार्ड बनवाने को लेकर नगर पर्षद में आवेदन जमा किये थे, पर कार्ड नहीं बन पाया. वे बताते हैं कि उनके मुहल्ले में ऐसे कई परिवार हैं, जिनका कार्ड नहीं बना है और लोग महंगे दाम पर अनाज खरीदने को विवश हैं.
10 जून से हो रहा फिर से सर्वे
वंचित परिवारों का फिर एक बार सर्वे का काम शुरू किया गया है. यह सर्वे 10 जून से ही प्रारंभ है, जो 30 जून तक चलेगा. सर्वे में परिवार की आर्थिक स्थिति को देखा जायेगा. सरकार द्वारा तय मानक के अनुरूप यदि परिवार की आर्थिक स्थिति होगी, तो उसका कार्ड बनेगा. पूर्व के सर्वे में यह भी पाया गया है कि जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं, उनका भी खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत कार्ड बना हुआ है. ऐसे में नये सर्वे में इन्हें कार्ड से वंचित होना पड़ेगा.
अब तक दो प्रतिशत लोगों का हुआ सर्वे : दस जून से ही सर्वे का काम शुरू है. अब तक दो प्रतिशत सर्वे संपन्न हो चुका है. सर्वेयर घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रहे हैं. इसके बावजूद यदि कोई परिवार सर्वे से छूट रहा है, तो वह सीधे अनुमंडल कार्यालय या नगर पर्षद कार्यालय पहुंच कर अपना आवेदन जमा कर सकता है, जिससे उसका सर्वे हर हाल में पूरा हो जायेगा.
क्या है योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार देश की गरीब जनता को सस्ते मूल्य पर खाद्य उपलब्ध कराने की योजना बनायी है.
योजना में क्या है
इस योजना के अंतर्गत गरीब जनता के प्रत्येक सदस्य को तीन किलो चावल और दो किला गेहूं क्रमश: तीन रुपये और दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाता है.
क्या कहते हैं एसडीओ
बक्सर एसडीओ गौतम कुमार ने कहा कि कार्ड से वंचित परिवारों का कार्ड नये सिरे से बनाया जायेगा. इसके लिए सर्वे का काम चल रहा है. कुछ आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों का भी कार्ड बना हुआ है. नये सर्वे में वे वंचित हो सकते हैं.
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