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छह माह में 45 से 27 हो गयी नर्सों की संख्या

भागलपुर: जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) स्थित इमरजेंसी में क्षमता से ज्यादा मरीज आ रहे हैं जिससे नर्सों पर काम का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. आलम यह है कि जनवरी माह में जहां इमरजेंसी के तीनों वार्ड में नर्सों की संख्या 45 थी, वहीं आज की तारीख में यह संख्या 27 तक आ गयी है. […]

भागलपुर: जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) स्थित इमरजेंसी में क्षमता से ज्यादा मरीज आ रहे हैं जिससे नर्सों पर काम का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. आलम यह है कि जनवरी माह में जहां इमरजेंसी के तीनों वार्ड में नर्सों की संख्या 45 थी, वहीं आज की तारीख में यह संख्या 27 तक आ गयी है.

मतलब जहां पर काम का बोझ, वहीं पर 40 फीसदी नर्स कम कर दी गयी.

जनवरी में इमरजेंसी के पीडियाट्रिक्स, मेडिसिन व सर्जरी वार्ड में एक-एक शिफ्ट में 15-15 नर्सों की तैनाती थी. मतलब एक नर्स पर तीन मरीज के सेवा की जिम्मेदारी. इसके बाद यहां से नर्सों कोे उठाकर दूसरे विभागों में शिफ्ट करने का दौर चला. धीरे-धीरे हर माह एक-एक करके बीते पांच माह में 18 नर्सों को दूसरे विभाग या ओपीडी बिल्डिंग में भेज दिया गया. चर्चाओं की माने तो चूंकि यहां पर नर्सों पर काम का लोड ज्यादा होता है,
इसलिए यहां पर 18 नर्सों ने अपनी पोस्टिंग उन विभागों में करा लिया, जहां पर काम का बोझ ज्यादा न हो या फिर नाइट ड्यूटी का झंझट न हो. इस खेल में जर-जुगाड़ की बड़ी भूमिका रही. इसका आलम यह हुआ कि आज की तारीख में तीन वार्डों में कुल मिलाकर 27 नर्सें ही रह गयी हैं. रात की ड्यूटी में तो आएं दिन नर्सें अकेले ड्यूटी करती हैं. आज की तारीख में एक-एक नर्स पर 10-11 मरीजों की सेवा की जिम्मेदारी हो गयी है. अधीक्षक डॉ मंडल कहते हैं कि जनवरी के बाद कई वार्ड जैसे पेइंग वार्ड, नशा मुक्ति केंद्र समेत कई वार्ड खाेले गये. जिससे यहां नर्सों की कमी हो गयी. इसको पूरा करने का प्रयास किया जायेगा.
इमरजेंसी के तीनों वार्डों से स्प्रिट तक नहीं. इमरजेंसी के मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स और सर्जरी वार्ड में स्प्रिट तक नहीं है. इससे मरीजों को सूई आदि लगाने के बाद स्प्रिट नहीं लगाया जाता है. इस बाबत हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के कारण हॉस्पिटलों में स्प्रिट की सप्लाई ही नहीं हो रही है. इसके विकल्प के रूप में बिटाडिन आदि का इस्तेमाल हो रहा है.
वार्ड में तैनात दो नर्सों से कराया जा रहा है रजिस्टर मेंटेन
इमरजेंसी के मेडिसिन, सर्जरी व पीडियाट्रिक्स वार्ड में तैनात नर्सों में से रोजाना दो नर्सों से रजिस्टर मेंटेन(एक्सपेंडिचर) कराया जा रहा है. जबकि यह काम सिस्टर इंचार्ज का है. इससे एक शिफ्ट में तैनात नौ नर्सों में से दो नर्स ऐसे ही रोजाना कम हो जा रही हैैं. ऐसे में अगर दो-तीन नर्स छुट्टी पर चली गयी, तो हालत और भी बदतर हो जाते हैं. इस बाबत अधीक्षक ने कहा कि एक्सपेंडिचर भरने वाली नर्सों को उस काम से हटाकर वार्ड की ड्यूटी में लगाया जायेगा. इस बाबत मैट्रन को आदेश दिया गया है.

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