नयीदिल्ली : माअाेवादी विचारक कोबाड गांधी को आज बड़ी राहत देते हुए दिल्ली कीपटियालाहाउस कोर्ट नेआतंक के जुड़े आरोपों से बरी कर दिया.साल2009 में दिल्ली में गिरफ्तारकिये गये कोबाड गांधी पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने का आरोप था. हालांकि कोर्ट ने उन्हें धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में दोषी पायाहै. लेकिन इस मामले में दी गयी सजा वह पहले ही जेल में बिता चुके हैं. कोबाड गांधीअभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनके खिलाफचौदहअन्य मामले लंबित हैं.
पटियाला हाउस कोर्ट ने आज कोबाड गांधी को को गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के आरोपों से बरी कर दिया है. लेकिन भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए दोषी करार दिया. कोर्ट ने उनके साथी राजेंद्र कुमार को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया, लेकिन आतंकवाद से जुड़े आरोप से उन्हें भी बरी कर दिया.
पुलिस के मुताबिक, कोबाड गांधी प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेटवर्क की दिल्ली में स्थापना करने में शामिल थे. 20 सितंबर 2009 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने कहा कि वे भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए दिल्ली में रह रहे थे और इस काम में उनके सहयोगी राजेंद्र कुमार ने उनकी सहायता की.
कौन है कोबाड गांधी
उत्तराखंड के दून स्कूल से पढ़ाई करने वाले माओवादीविचारककोबाड गांधी मूलतः मुंबई के रहने वाले हैं. उच्च शिक्षा के लिए वे लंदन भी गये.हालांकि पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वे भारत लौट आए. वापस लौटने पर वे मुंबई के एक कॉलेज की छात्रा अनुराधा शानबाग और उनके पिता जो मुंबई के बड़े वकील थे, के संपर्क में आए. इन दोनों ने 1977 में शादी कर ली. बाद में कोबाड गांधी ने महाराष्ट्र में पीपुल्स वार के लिए काम करना शुरू किया. हालांकि कुछ दिन वहां गुजारने के बाद उन्होंने दंडकारण्य में आदिवासियों के साथ काम करना शुरू किया.