नयी दिल्ली : पर्यावरण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में रीसस मकाक बंदरों को एक साल के लिए हिंसक जानवर घोषित किया है और इस अवधि में उनकी संख्या नियंत्रित करने के लिए उन्हें मारने की अनुमति होगी.
पिछले महीने जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश ने इलाके में जंगल से बाहर इस प्रजाति द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि को नष्ट करने समेत जानमाल को भारी नुकसान पहुंचाने की खबर दी थी. हिंसक का तात्पर्य ऐसे जंगली जानवरों से है जिन्हें फसल, पालतू पशुओं आदि के लिये खतरनाक समझा जाता है और जिनसे रोग हो सकते हैं. मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने वनों में वन्यजीव का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए मानव जीवन, फसलों और संपत्तियों को नुकसान को कम करने को जरुरी समझा है.
वैसे यह फैसला केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को रास नहीं आया जिन्होंने आज कहा कि पर्यावरण मंत्रालय में (जंगली जानवरों को) मारने की लत है. पर पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यह कहते हुए इसका बचाव किया कि हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुरोध पर यह कदम उठाया गया है.