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अपने तीन दिन की अमरीका यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाक़ात की.
स्थानीय समयानुसार मंगलवार सुबह हुई इस मुलाक़ात के बाद दोनों देशों में परमाणु अप्रसार, रक्षा और उर्जा के विकास के मुद्दों समेत कई अन्य मामलों पर चर्चा हुई.
ओवल ऑफ़िस में हुई इस मुलाक़ात के बाद भारत और अमरीका ने साझा बयान जारी कर पेरिस से पठानकोट और ब्रुसेल्स से काबुल तक हाल में हुए हमलों की निंदा की और मानव सभ्यता के सामने चरमपंथ की चुनौती को स्वीकार किया.
दोनों देशों में विश्व में चरमपंथ के दोषियों और उसका समर्थन करने वालों के साथ न्याय करने का संकल्प लिया और इस दिशा में अपने प्रयासों को दोगुना करने, समान विचारधारा वाले देशों के साथ एकजुट होने पर सहमति हुए.
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दोनों नेताओं की मुलाक़ात के बाद एक साझा बयान जारी किया गया:
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और उसमें भारत की स्थायी सदस्यता पर दोनों नेता सहमत हुए, ताकि वैश्विक विकास और सुरक्षा चुनौतियों का सामना किया जा सके.
- ओबामा ने मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (MTCR) में भारत की सदस्यता का स्वागत किया. ओबामा ने न्यूक्लियर सप्लाई ग्रुप में शामिल होने की भारत के इच्छा का भी स्वागत किया और कहा कि इस ग्रुप की सदस्यता के लिए भारत तैयार है. अमरीका ने इस महीने होने वाली इस ग्रुप की एक बैठक में इसमें शामिल देशों से भारत की सदस्यता संबंधित दर्खास्त का समर्थन करने के लिए कहा है.
- भारत में असैन्य क्षेत्र में बढ़ती उर्जा की मांग को देखते हुए, भारत में 6 एपी रिएक्टर बनाने का काम शुरू करने पर सहमति. ये रिएक्टर वेस्टिंगहाऊस कंपनी तैयार करेगी.
- भारत सरकार के 175 गिगावाट के अक्षय उर्जा पैदा करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को मिलेगा अमरीका का समर्थन. इसमें कार्यक्रम के तहत 100 गिगावाट सौर उर्जा भी पैैदा की जाएगी.
- ओबामा ने वाशिंगटन में साल 2016 परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में उनके योगदान और सक्रिय भागीदारी के लिए मोदी की सराहना की. उन्होंने 2018 में सामूहिक विनाश के हथियारों का मुक़ाबला संबंधित शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की भारत के पेशकश का स्वागत किया. अमरीका और भारत रासायनिक, जैविक, परमाणु और रेडियोलॉजिकल सामग्री का उपयोग करने वाले चरमपंथियों के ख़तरे का मुक़ाबला करने के लिए एक साथ काम करेंगे.
- अंतरिक्ष से धरती का अध्ययन, मंगल ग्रह में खोज अभियान और अंतरिक्ष के बारे में शिक्षा के मुद्दों पर दोनोें देश सहयोग करेंगे. दोनों नेताओं ने इसरो और नासा हेलियोफिज़िक्स वर्किंग ग्रुप बनाए जाने का स्वागत किया और उपग्रह से आने वाला धरती के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान संबंधी समझौता करने पर सहमत हुए.
- चरमपंथी गुट जैसे अल-क़ायदा, दाएश या इस्लामिक स्टेट, जैशे मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, डी कंपनी और उनसे जुड़े अन्य गुटों से होने वाले चरमपंथी ख़तरे के ख़िलाफ़ दोनों देशों में मिल कर काम करने और संयुक्त राष्ट्र के साथ मिल कर काम करने पर प्रतिबद्धता.
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- चरमपंथियों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए समझौते को अंतिम रूप देने का स्वागत. दोनों नेताओं ने पाकिस्तान से कहा कि वो 2008 मुंबई बम धमाकों और 2016 में हुए पठानकोट हमलों के गुनहगारों को सज़ा दे.
- साथ ही दोनो नेताओं ने सिएटल में भारतीय दूतावास खोलने और भारत में एक नया अमरीकी दूतावास खोलने पर प्रतिबद्धता दर्शाई. भारत में किस जगह अमरीकी दूतावास खोला जाएगा इस पर आम सहमति बनने के बाद घोषणा की जाएगी.
इससे पहले सितंबर 2014 में मोदी की अमरीका यात्रा और बाद में जनवरी 2015 में ओबामा की भारत यात्रा के दौरान दोनों नेताओं में बातचीत हुई थी.
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