पटना : इंटर टॉपर मामले के मुख्य आरोपित वीआर कॉलेज, कीरतपुर भगवानपुर, वैशाली के प्राचार्य अमित कुमार उर्फ बच्चा राय की बेटी शालिनी राय के बारे में एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक शालिनी को ही इंटर साइंस का टॉपर बनाया जाना था. स्क्रूटनी के बाद बकायदा इसकी घोषणा करने की तैयारी कर रखी गयी थी, लेकिन टॉपर्स घोटाला सामने आने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हो गया. शिक्षा विभाग ने वीआर कॉलेज के तीन टॉपर्स सौरभ श्रेष्ठ, राहुल कुमार व रूबी राय के साथ ही शालिनी राय को भी प्राथमिकी में अभियुक्त बनाया है. शालिनी राय वर्ष 2014 में मैट्रिक परीक्षा की टॉपर रही थी.
साजिश में शामिल थी यह मंशा !
शालिनी राय ने इंटर साइंस का परीक्षा फाॅर्म भरा. एडमिट कार्ड भी जारी हुआ. लेकिन, वह परीक्षा में शामिल नहीं हुई. अटेंडेंस शीट में उसे अनुपस्थित बताया गया है, लेकिन बोर्ड की लिस्ट में उसके नंबर हैं. दरअसल, यह खेल कुछ अलग तरीके से हुआ. सेटिंग के लिए एक नंबर की दो कॉपियां तैयार की गयीं. पहली कॉपी सेंटर पर दी गयी, जबकि उसी नंबर की दूसरी कॉपी को अलग से लिखवा कर मूल्यांकन केंद्र तक पहुंचा दिया गया. इस बीच में असली व नकली कॉपी को बदलने का खेल हुआ. मूल्यांकन के बाद शालिनी के टॉपर बनने पर विवाद की आशंका को देखते हुए ही बोर्ड ने पहली टॉपर लिस्ट में उसे टॉपर नहीं बनाया. बोर्ड की योजना स्क्रूटनी के बाद उसे टॉपर घोषित करने की थी. वीआर कॉलेज, कीरतपुर, वैशाली की छात्रा शालिनी राय (रौल नंबर 10106 रौल कोड 33014) काॅलेज के रिजल्ट में शामिल जरूर है, लेकिन उसे परीक्षा में अनुपस्थिति बताया गया है.
मैट्रिक रिजल्ट भी हो सकता है रद्द
पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद अब शालिनी राय के वर्ष 2014 के मैट्रिक के रिजल्ट को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. रिजल्ट की छानबीन की जा रही है. एसआइटी की एक टीम इसको लेकर बुधवार काे बिहार बोर्ड के माध्यमिक प्रभाग पहुंची और उसके मैट्रिक के रिजल्ट से संबंध में पूछताछ की. उसके मैट्रिक के सारे डाॅक्यूमेंट देखे गये. उत्तर पुस्तिकाओं और रिजल्ट के सीडी को भी खंगाला जा रहा है. बिहार बोर्ड के कर्मचारियों की मानें, तो उसका मैट्रिक का रिजल्ट भी कैंसिल किया जा सकता है.
परीक्षा में शामिल नहीं लेकिन टॉपर बनाने की थी तैयारी
शालिनी राय इंटर साइंस की परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थी, फिर भी उसे फर्जी रजिस्ट्रेशन व रौल नंबर के जरिये टाॅपर बनाये जाने की बात चल रही थी. बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक वीआर कॉलेज की छात्रा शालिनी ने न तो इंटर की परीक्षा दी और न ही वह इंटर साइंस की टॉपर लिस्ट में ही थी, लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उसकी हर विषय की उत्तर पुस्तिका को तैयार कर लिया था. सूत्रों की मानें, तो उत्तर पुस्तिकाओं को स्क्रूटनी के लिए रखा गया था. स्क्रूटनी के बाद हर साल समिति रिजल्ट को रिवाइज करती है. रिवाइज रिजल्ट में शालिनी काे टॉपर घोषित किये जाने की योजना थी. इस तरह से टॉपर बनाने का यह खेल कई सालों से चल रहा है, लेकिन पहली बार यह सामने आया है. गौरतलब है कि पिछले तीन सालों से कई बार इंटर टॉपर बदले गये.
लालकेश्वर हटाये गये आनंद नये बोर्ड अध्यक्ष
इंटर टॉपर घोटाले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह से शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस्तीफा ले लिया. उनकी जगह पटना के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर को समिति का नया अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, समिति के प्रभारी सचिव हरिहर नाथ झा ने भी अपना पद छोड़ दिया है. उन्हें प्राथमिक शिक्षा निदेशालय में संयुक्त निदेशक बनाया गया है. शिक्षा विभाग ने अनूप कुमार सिन्हा को समिति का नया सचिव बनाया है. बिहार बोर्ड के उपसचिव देवशील को भी वहां से हटा दिया गया है और मुख्यालय में योगदान का निर्देश दिया गया है. शिक्षा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. उधर एसआइटी ने 10 ठिकानों पर छापेमारी कर छह लोगों को गिरफ्तार किया.
एसआइटी ने कसा शिकंजा
बुधवार तड़के सबसे पहले जीए इंटर स्कूल, हाजीपुर की प्रिसिंपल व परीक्षा केंद्राधीक्षक शैल कुमारी को पटना की बुद्धा कॉलोनी स्थित आवास से, जबकि स्कूल के क्लर्क ब्रजमोहन कुमार व अशोक कुमार सिंह और गार्ड दीनानाथ को हाजीपुर व महनार से हिरासत में लिया गया. इनसे पहले स्कूल में और फिर पटना में रंगदारी सेल में पूछताछ हुई. देर रात चारों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके अलावा मूल्यांकन केंद्र ब्याज हाइस्कूल, राजेंद्रनगर, पटना के प्रभारी व सह निदेशक विशेश्वर यादव व शिक्षक संजीव सुमन को हिरासत में लिया गया. दोनों से कोतवाली थाने में पूछताछ की गयी, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
टॉपरों को दी गयी नोटिस
वहीं, नामजद चारों टॉपर्स को नोटिस देकर उनसे आज ही (आठ जून) एसआइटी के सामने आकर अपना पक्ष रखने को कहा गया. सौरभ श्रेष्ठ, राहुल कुमार व शालिनी राय के परिजनों को यह नोटिस थमाया गया, जबकि रूबी राय के घर में ताला बंद होने के कारण उसके गेट पर नोटिस चिपकाया गया. रूबी को 11 जून तक बोर्ड ऑफिस में भी उपस्थित होने का नोटिस दिया गया है. मामले का मुख्य आरोपित वीआर कॉलेज के प्रिसिंपल अमित कुमार उर्फ बच्चा यादव फरार हैं. बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद लालकेश्वर प्रसाद सिंह भी भूमिगत हो गये हैं, जबकि उनके निजी सचिव विकास कुमार भी फरार हैं.
वीआर कॉलेज, परीक्षा केंद्र, मूल्यांकन केंद्र, बोर्ड ऑफिस से दस्तावेज जब्त
एसआइटी ने बुधवार को वीआर कॉलेज, इसके परीक्षा केंद्र जीए इंटर स्कूल व मूल्यांकन केंद्र ब्याज हाइस्कूल, राजेंद्रनगर में छापेमारी के दौरान स्कूलों के कार्यालय, कंप्यूटर सेक्शन से महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये. इन दस्तावेजों काे एसआइटी की एक टीम खंगाल रही है. एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि सबसे पहले उनलोगों से पूछताछ की जा रही है, जो एफआइआर में अभियुक्त बनाये गये हैं. बाकी की गिरफ्तारी दस्तावेज में सबूत मिलने के आधार की जायेगी. जिस तरह से पुलिस की कार्रवाई चल रही है, उससे अनुमान है कि करीब 50 लोग इस घोटाले के लपेटे में आयेंगे और जांच काफी लंबी चलेगी.
सीसीटीवी तोड़े जाने की नहीं करायी थी एफआइआर
एसआइटी की चौथी टीम का नेतृत्व कर रहीं प्रशिक्षु डीएसपी वंदना कुमारी ने परीक्षा केंद्र प्रभारी शैल कुमारी से पूछताछ की. एक सवाल के जवाब में शैल कुमारी ने कहा कि हमारे परीक्षा केंद्र पर कदाचारमुक्त परीक्षा हुई है. लेकिन, जब परीक्षा केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान सभी सीसीटीवी कैमरों को अज्ञात लोगाें ने तोड़ दिया था और इसकी जानकारी बोर्ड को दे दी गयी थी. लेकिन, उनसे जब यह पूछा गया कि सीसीटीवी कैमरे तोड़ने की उन्होंने एफआइआर करायी थी, तो वह खामोश रह गयीं. फिलहाल पुलिस ने कुछ फुटेज भी हासिल किये हैं, जिन्हें खंगाला जा रहा है.
काॅपियों से छेड़छाड़ पर सही जवाब नहीं दे पाये
पुलिस ने मूल्यांकन केंद्राधीक्षक विशेश्वर यादव से कड़ी पूछताछ की है. वीआर कॉलेज के विद्यार्थियों की परीक्षा जीए इंटर स्कूल, हाजीपुर में हुई थी अौर इस केंद्र की कुल 700 काॅपियों का मूल्यांकन ब्याज हाइस्कूल, राजेंद्रनगर, पटना में हुई थी. लेकिन, जब ये कॉपियां बोर्ड ऑफिस पहुंचीं, तो उनकी सील टूटी हुई थी और पहला पेज फटा हुआ था. एसआइटी ने जब इसी संबंध में विशेश्वर यादव से पूछताछ की है, तो वह सही जवाब नहीं दे सके.
कॉपियों के सीट टूटे हुए मिले हैं-एसआइटी
एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि जिस तरह से कॉपियों के सील टूटे हुए मिले हैं और उनका पहला पेज फटा हुआ मिला है, उससे सीधे तौर पर कौन दोषी है, गड़बड़ी किसके स्तर पर हुई है, यह कहना मुश्किल है, लेकिन इससे जुड़े सभी लोग जांच के दायरे में हैं, जो भी साक्ष्य हाथ लगे हैं, उन्हें एफएसएल को भेजा गया है. इसमें एक्सपर्ट की रिपोर्ट मांगी गयी है. रिपोर्ट आने पर साफ होगा कि गड़बड़ी कैसे हुई अौर कौन-कौन लोग शामिल हैं. इस आधार पर आगे गिरफ्तारी की जायेगी.
आइजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया िक एसएसपी मनु महाराज के निर्देशन में जांच चल रही है. सब कुछ दस्तावेज के आधार पर हो रहा है. जो मुख्य आरोपित हैं और जिनके खिलाफ सबूत मिलेंगे, वे बख्शे नहीं जायेंगे. यह एक लंबी कार्रवाई है, लेकिन इसे तेजी से किया जा रहा है. बहुत जल्द सभी चेहरे बेनकाब हो जायेंगे, जो इस पूरे खेल में शामिल हैं.
आज 11 बजे डीजीपी करेंगे समीक्षा, होगा बड़ा खुलासा!
डीजीपी पीके ठाकुर गुरुवार को करीब 11 बजे इस मामले में दो दिन तक चली पुलिस कार्रवाई की समीक्षा करेंगे. एसआइटी के प्रभारी व एसएसपी मनु महाराज केस से जुड़े दस्तावेजाें व पूरी टीम के साथ डीजीपी के समक्ष प्रस्तुत होंगे. इस दौरान डीजीपी इस केस से जुड़ा बड़ा खुलासा कर सकते हैं. पुलिस सूत्रों कि माने तो कोई बड़ा नाम सामने अाने वाला है जो इस घोटाले से जुड़ा है.